12 साल पहले प्रोफेसर का हाथ काटकर सुर्खियों में आया था PFI, जानें-बैन लगने पर क्या बोले
साल 2010 में पीएफआई पहली बार देश भर में चर्चा का विषय बना। केरल में ईशनिंदा के आरोप में उसके सदस्यों ने प्रोफेसर टीजे जोसेफ का हाथ काट दिया। जोसेफ पर पैगंबर मोहम्मद की ईशनिंदा करने का आरोप लगा।
पीएफआ्ई के सदस्यों ने 2010 में केरल में प्रोफेसर का हाथ काटा था।
मुख्य बातें
- पीएफआई के सदस्यों ने साल 2010 में केरल में एक प्रोफेसर का हाथ काट दिया
- हाथ काटने की इस घटना की वजह से देश भर में पीएफआई चर्चा का विषय बना
- अब जब पीएफआई पर पांच साल के लिए बैन लग गया है तो प्रोफेसर ने बयान दिया है
2010 में पहली बार चर्चा में आया पीएफआई
साल 2010 में पीएफआई पहली बार देश भर में चर्चा का विषय बना। केरल में ईशनिंदा के आरोप में उसके सदस्यों ने प्रोफेसर टीजे जोसेफ का हाथ काट दिया। उसने जोसेफ पर पैगंबर मोहम्मद की ईशनिंदा करने का आरोप लगाया। जोसेफ छात्रों के लिए एक पेपर तैयार किया था। इस पेपर में पैगंबर मोहम्मद का जिक्र आया था जो इस संगठन को पसंद नहीं आया। अब पीएफआई पर बैन लगने के बाद प्रोफेसर जोसेफ ने प्रतिक्रिया दी है। जोसेफ ने कहा कि वह इस बारे में अभी कोई बयान नहीं देंगे। इस बारे में सामाजिक एवं नेताओं को प्रतिक्रिया देनी चाहिए।संबंधित खबरें
बैन लगने पर प्रोफेसर ने दी प्रतिक्रिया
उन्होंने कहा, 'पीएफआई हिंसा के पीड़ित के रूप में, मैं उस पर लगे बैन के बारे में बात नहीं करना चाहता लेकिन एक नागरिक के रूप में मैं अपनी राय रख सकता हूं लेकिन इसके लिए आज का दिन सही नहीं है। हो सकता है कि किसी और दिन मैं अपने विचार रखूं। लोगों को मेरी निजता का सम्मान करने की जरूरत है। इस पर अभी मैंने कुछ न बोलने का फैसला किया है। पीएफआई पर बैन लगने के बारे में टिप्पणी करने के लिए सामाजिक एवं राजनीतिक नेता हैं। उन्हें बयान देने दीजिए। मैं इस बारे में कुछ कहना नहीं चाहता क्योंकि मेरी अंतरात्मा इस मामले में मुझे बोलने की इजाजत नहीं दे रही।'केरल पुलिस के बाद एनआईए ने की जांच
बाद में एनआईए ने प्रोफेसर (Professor TJ Joseph)के हाथ काटने वाले मामले की जांच शुरू की। इस मामले में जांच एजेंसी ने कुल 54 लोगों की पहचान की। एजेंसी ने अपनी दायर चार्जशीट में इस अपराध के लिए पीएफआई को जिम्मेदार ठहराया। कोर्ट ने इस मामले में 13 लोगों को दोषी पाया। इनमें से 10 लोग अपराध में प्रत्यक्ष रूप से संलिप्त थे। इन लोगों पर यूएपीए लगा। अदालत ने इस मामले में 18 अन्य लोगों को रिहा कर दिया। कुछ आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर रहे। एक आरोपी ने साल 2018 में पुलिस के आगे समर्पण कर दिया। देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
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