12 साल पहले प्रोफेसर का हाथ काटकर सुर्खियों में आया था PFI, जानें-बैन लगने पर क्या बोले

साल 2010 में पीएफआई पहली बार देश भर में चर्चा का विषय बना। केरल में ईशनिंदा के आरोप में उसके सदस्यों ने प्रोफेसर टीजे जोसेफ का हाथ काट दिया। जोसेफ पर पैगंबर मोहम्मद की ईशनिंदा करने का आरोप लगा।

पीएफआ्ई के सदस्यों ने 2010 में केरल में प्रोफेसर का हाथ काटा था।

मुख्य बातें
  • पीएफआई के सदस्यों ने साल 2010 में केरल में एक प्रोफेसर का हाथ काट दिया
  • हाथ काटने की इस घटना की वजह से देश भर में पीएफआई चर्चा का विषय बना
  • अब जब पीएफआई पर पांच साल के लिए बैन लग गया है तो प्रोफेसर ने बयान दिया है
Ban on PFI : आतंकवादी गतिविधियों में कथित रूप से संलिप्तता पाए जाने पर सरकार ने बुधवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) एवं उसके सहयोगी संगठनों पर पांच सालों का बैन लगा दिया। गत 22 सितंबर को एनआईए (NIA), ईडी (ED) एवं अन्य जांच एजेंसियों ने देश भर में 15 राज्यों में सगंठन के ठिकानों एवं दफ्तरों पर छापे मारे। सूत्रों के मुताबिक छापे की इस कार्रवाई में पीएफआई के ठिकानों से आपत्तिजनक दस्तावेज एवं इलेक्ट्रानिक उपकरण बरामद हुए। बताया जा रहा है कि इन साक्ष्यों को खंगालने के बाद जांच एजेंसियों ने पीएफआई पर बैन लगाने की अनुशंसा की जिसे गृह मंत्रालय ने मान लिया। बैन लगने के बाद केरल में 2007 में अस्तित्व पीएफआई एक बार फिर सुर्खियों में है।
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2010 में पहली बार चर्चा में आया पीएफआई

साल 2010 में पीएफआई पहली बार देश भर में चर्चा का विषय बना। केरल में ईशनिंदा के आरोप में उसके सदस्यों ने प्रोफेसर टीजे जोसेफ का हाथ काट दिया। उसने जोसेफ पर पैगंबर मोहम्मद की ईशनिंदा करने का आरोप लगाया। जोसेफ छात्रों के लिए एक पेपर तैयार किया था। इस पेपर में पैगंबर मोहम्मद का जिक्र आया था जो इस संगठन को पसंद नहीं आया। अब पीएफआई पर बैन लगने के बाद प्रोफेसर जोसेफ ने प्रतिक्रिया दी है। जोसेफ ने कहा कि वह इस बारे में अभी कोई बयान नहीं देंगे। इस बारे में सामाजिक एवं नेताओं को प्रतिक्रिया देनी चाहिए।
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