हम चाहते थे कि यह सत्र शांतिपूर्ण हो- कांग्रेस ने जब प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति पर उठाया सवाल तो बोले किरेन रिजिजू
Pro-tem Speaker: कांग्रेस और बीजेपी प्रोटेम स्पीकर के मुद्दे वार-पलटवार कर रही है। कांग्रेस बीजेपी पर परंपरा का पालन नहीं करने आरोप लगा रही है। प्रोटेम स्पीकर के रूप में भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब की नियुक्ति की गई है।
संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए
Pro-tem Speaker: 24 जून से लोकसभा के नए सत्र की शुरुआत होनी है। इस सत्र से पहले ही सत्ता पक्ष और विपक्ष जिस तरह से आमने सामने दिख रहे हैं, ये साफ है कि सत्र काफी हंगामेदार होने वाला है। सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी पार्टी कांग्रेस इस समय प्रोटेम स्पीकर के मुद्दे पर आमने सामने है। कांग्रेस बीजेपी पर परंपरा का अनुसरण नहीं करने का आरोप लगा रही है, वहीं बीजेपी का दावा है कि सबकुछ नियमों के अनुसार हो रहा है। इस मामले पर अब संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू का बयान सामने आया है, जहां उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोला है।
किरेन रिजूज ने बोला कांग्रेस पर हमला
भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब को 18वीं लोकसभा का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किए जाने पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि हम चाहते थे कि यब सत्र शांति से चले लेकिन कांग्रेस गुमराह करने में लगी है। रिजिजू ने कहा "हम सभी चाहते हैं कि 18वीं लोकसभा का पहला सत्र शांतिपूर्ण तरीके से चले। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी यही इच्छा है। यह एक विशेष सत्र है। लेकिन कल से मैं जो देख रहा हूं, खासकर कांग्रेस पार्टी ने प्रोटेम स्पीकर को लेकर जो मुद्दा बनाया है और कांग्रेस पार्टी इतनी गलत बातें कर रही है कि लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। सबसे पहले कांग्रेस पार्टी ने कहा कि हमने प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति करते समय नियमों का उल्लंघन किया है। मैं आपको साफ तौर पर बताना चाहता हूं कि प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति के लिए जो भी कदम उठाए गए हैं, वो नियमों के मुताबिक ही किए गए हैं... कांग्रेस को राजनीति नहीं करनी चाहिए...।"
किरेन रिजिजू का दावा
पिछले दो दिनों से कांग्रेस ने जिस तरह से प्रोटेम स्पीकर को मुद्दा बनाया है, उसके बारे में मुझे बोलना पड़ा। महताब सबसे लंबे समय से लगातार सांसद हैं। 1956 में हुकुम सिंह को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था, वे सबसे वरिष्ठ नहीं थे। 1977 में भी यही हुआ था।
कांग्रेस के दावेदार ने क्या कहा
आठ बार के सांसद एवं कांग्रेस नेता कोडिकुनिल सुरेश भी इस पद के लिए दावेदार थे। के सुरेश ने कहा कि परंपरा के अनुसार सबसे वरिष्ठ लोकसभा सदस्य होने के नाते उन्हें अस्थायी अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) बनाया जाना चाहिए था और ऐसा नहीं किया जाना यह दर्शाता है कि भाजपा संसदीय प्रक्रियाओं को दरकिनार करना जारी रखेगी जैसा उसने पिछले दो बार किया था। सुरेश ने दावा किया कि पिछली बार आठ बार सांसद रहीं मेनका गांधी अस्थाई अध्यक्ष बनने की पात्र थीं लेकिन चूंकि उन्हें केंद्रीय मंत्री नहीं बनाया गया तो उन्होंने इसमें रुचि नहीं दिखाई। कांग्रेस सांसद ने कहा- "उनके बाद मैं और भाजपा के वीरेंद्र कुमार सबसे वरिष्ठ सांसद थे लेकिन कुमार को अस्थाई अध्यक्ष चुना गया। इस बार भी कुमार और मैं सबसे वरिष्ठ सांसद थे। उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया और इसलिए लोकसभा के नियमों, प्रक्रियाओं और परंपराओं के अनुसार मुझे अस्थाई अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए था। लोकसभा सचिवालय ने मेरे नाम का प्रस्ताव दिया था लेकिन जब केन्द्र ने राष्ट्रपति के पास अपने नाम भेजे तो मेरे नाम की अनदेखी की गई।’’
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