Kisan Andolan: आज किसानों का रेल रोको आंदोलन, 4 घंटे तक रोकेंगे ट्रेन, 10 पॉइंट्स में जानें कहां-कहां पड़ेगा असर

Train Roko Kisan Andolan in 10 Points: किसानों और केंद्र सरकार के बीच कई दौर की बातचीत के बाद भी अभी सहमति नहीं बन पाई है, जिसके चलते अब किसान आज देश भर में ट्रेनों को रोकेंगे। इस बीच, किसान नेता पंढेर ने लोगों से अपील की कि वे आज दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे के बीच ट्रेन से यात्रा करने की अपनी योजना न बनाएं, क्योंकि रेल रोको आंदोलन के कारण उन्हें थोड़ी असुविधा का सामना करना पड़ सकता है।

Kisan Andolan

किसान आज देशभर में रोकेंगे ट्रेन

Kisan Andolan in 10 Points: किसानों और केंद्र सरकार के बीच कई दौर की बातचीत के बाद भी अभी सहमति नहीं बन पाई है, जिसके चलते अब किसान आज देश भर में ट्रेनों को रोकेंगे। रेल रोको अभियान में कई किसान संगठनों के अलावा महिला किसान भी शामिल होंगी। जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा पांच फसलों को एमएसपी पर खरीदने के प्रस्ताव को खारिज करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत रविवार को दोपहर 12 बजे से चार बजे तक देशभर में ट्रेनों को रोकने का एलान किया है। ट्रेन रोको अभियान के तहत किसानों ने पंजाब में 52 स्‍थानों पर ट्रेनों को रोकने का प्लान बनाया है। आइए 10 पॉइंट्स में समझे कि किसानों के रेल रोको आंदोलन का कितना और कहां-कहां असर देखने को मिलेगा...

1. राष्ट्रव्यापी 'रेल रोको' आंदोलन में हरियाणा और पंजाब में लगभग 60 स्थानों पर सैकड़ों किसान विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं। इस रेल रोको आंदोलन से ट्रेनों के संचालन में में कुछ हद तक व्यवधान पैदा हो सकता है।

2. किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंढेर ने शनिवार को कहा कि रेल रोको विरोध के दौरान सैकड़ों किसान फिरोजपुर, अमृतसर, रूपनगर, गुरदासपुर जिलों सहित पंजाब के कई स्थानों पर रेलवे पटरियों पर बैठेंगे, जिसके चलते इन रूटों पर चलने वाली ट्रेनों के संचालन में परेशानी आने की संभावना है।

3.रेल रोको आंदोलन में भारत के कई किसान यूनियन के भाग लेने की संभावना है।

4. रेल रोको विरोध प्रदर्शन से पहले पंजाब, हरियाणा और दिल्ली समेत कई प्रदेशों में सुरक्षा भी कड़ी कर दी गई है।

5. रेल रोको आंदोलन के चलते आज पंजाब में कई ट्रेनों के शेड्यूल के प्रभावित होने की संभावना है। बता दें, पिछले महीने, किसानों के पटरियों पर धरना देने के कारण दिल्ली-अमृतसर मार्ग पर कई ट्रेनें देरी से चलीं थी।

6. हरियाणा में अधिकारियों ने बड़ी गड़बड़ी से बचने के लिए रविवार को अंबाला जिले में धारा 144 लागू कर दी है। राज्य में तनावग्रस्त इलाकों में भी पुलिस तैनात की गई है।

7. रेल रोको विरोध का आह्वान करने वाले किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि किसान मौजूदा विरोध तब तक करेंगे जब तक केंद्र उनकी मांगें पूरी नहीं कर देता।

8. जगजीत सिंह डल्लेवाल ने शनिवार को केंद्र सरकार से सभी फसलों पर एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी देने की अपनी जिम्मेदारी से नहीं भागने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सरकार को अपनी जिम्मेदारी से भागना नहीं चाहिए। देश के किसानों को बचाने के लिए एमएसपी पर कानून बनाना चाहिए। किसान नेता ने यह भी कहा कि किसानों को स्वामीनाथन आयोग द्वारा अनुशंसित सी2 प्लस 50 प्रतिशत फॉर्मूले के तहत उनके अस्तित्व के लिए सभी फसलों पर एमएसपी दिया जाना चाहिए।

9. जगजीत सिंह डल्लेवाल ने पंजाब की सभी पंचायतों से किसानों की मांगों के समर्थन में एक प्रस्ताव पारित करने का भी आह्वान किया था और कहा था कि केंद्र ने उनके दिल्ली चलो मार्च को रोकने के लिए सभी हथकंडे अपनाए।

10. किसानों का विरोध 13 फरवरी को दिल्ली चलो मार्च के साथ शुरू हुआ, जहां संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा सहित 200 से अधिक किसान संघों ने केंद्र पर अपनी मांगें स्वीकार करने के लिए दबाव बनाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च करना शुरू किया था।

जानें किसान क्यों कर रहे हैं विरोध?

  • किसान नेता न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं।
  • केंद्र सरकार से किसान कीटनाशक, बीज और उर्वरक अधिनियम में संशोधन करके कपास सहित सभी फसलों के बीजों की गुणवत्ता में सुधार करने की मांग कर रहे हैं।
  • रेल रोको अभियान करने वाले किसानों नेताओं की इस बार सरकार से मांग है कि वह सभी किसानों का सरकारी और गैर सरकारी कर्ज माफ करें।
  • किसान नेता किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग भी कर रहे हैं।
  • 60 साल से ऊपर के किसानों को 10 हजार रुपये पेंशन देने की मांग भी इस बार के किसान आंदोलन का एक प्रमुख मुद्दा है।
  • किसानों के द्वारा कृषि व दुग्ध उत्पादों, फलों, सब्जियों और मांस पर आयात शुल्क कम करने के लिए भत्ता बढ़ाने की भी मांग की गई है।
  • किसान नेता चाहते हैं कि लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को केंद्र सरकार न्याय दे और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दें।
  • किसानों ने इस बार केंद्र सरकार की ओर से जिन मांगों को पूरा करने का भरोसा दिया गया था उन्हें तुरंत पूरा करने की मांग की है।
  • पिछले किसान आंदोलन में जिन किसानों पर मुकदमें दर्ज किए गए थे, उन्हें इस बार के आंदोलन में रद्द करने की भी मांग की गई है।
  • इस बार के आंदोलन में केंद्र सरकार से किसानों की मांग है कि पिछले आंदोलन में जिन किसानों की मौत हुई थी, उनके परिवार को मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाये।

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Shashank Shekhar Mishra author

शशांक शेखर मिश्रा टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल (www.timesnowhindi.com/ में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। इन्हें पत्रकारिता में करीब 5 वर्षों का अनुभव ह...और देखें

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