Kisan Andolan: क्यों अलग है इस बार का किसान आंदोलन, केंद्र सरकार से क्या हैं मांगें; 10 पॉइंट्स में यहां समझे सबकुछ
Kisan Andolan Demand: देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में किसान एक बार फिर से दस्तक देने को बेताब हैं। पंजाब-हरियाणा समेत उत्तर प्रदेश के किसानों ने दिल्ली के घेराव की तैयारियां कर ली हैं। आइए जानते है कि इस बार किसानों की क्या-क्या मांगे हैं।
इस बार केंद्र सरकार से क्या हैं किसानों की मांगें
Farmers Demand in Kisan Andolan: अपनी मांगों को लेकर किसान दोबारा सड़कों पर उतर आये हैं। शंभू बॉर्डर में किसानों और पुलिस के बीच झड़प का दौर जारी है। इन झड़पों में किसानों ने पुलिस बेरिकेडिंग्स को नष्ट कर दिया है। इसके चलते पुलिस ने कई आंदोलनकारियों को हिरासत में भी लिया है। परिस्थिति देखकर ऐसा लग नहीं रहा कि किसान वापस जाएंगे। इस बार किसान अपनी कई मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। बता दें कि इससे पहले किसानों ने साल 2020-21 में आंदोलन किया था। दो साल बाद हो रहे इस विशाल किसान आंदोलन को कई लोगों किसान आंदोलन 2.0 भी कह रहे हैं। आइए जानते हैं कि किसानों के आंदोलन 2.0 में उनकी प्रमुख मांगें क्या-क्या हैं।
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किसानों की प्रमुख मांगे(Farmers Demand in Kisan Andolan)- किसान नेता न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं।
- केंद्र सरकार से किसान कीटनाशक, बीज और उर्वरक अधिनियम में संशोधन करके कपास सहित सभी फसलों के बीजों की गुणवत्ता में सुधार करने की मांग कर रहे हैं।
- दिल्ली कूच करने वाले किसानों नेताओं की इस बार सरकार से मांग है कि वह सभी किसानों का सरकारी और गैर सरकारी कर्ज माफ करें।
- किसान नेता किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग भी कर रहे हैं।
- 60 साल से ऊपर के किसानों को 10 हजार रुपये पेंशन देने की मांग भी इस बार के किसान आंदोलन का एक प्रमुख मुद्दा है।
- किसानों के द्वारा कृषि व दुग्ध उत्पादों, फलों, सब्जियों और मांस पर आयात शुल्क कम करने के लिए भत्ता बढ़ाने की भी मांग की गई है।
- किसान नेता चाहते हैं कि लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को केंद्र सरकार न्याय दे और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दें।
- किसानों ने इस बार केंद्र सरकार की ओर से जिन मांगों को पूरा करने का भरोसा दिया गया था उन्हें तुरंत पूरा करने की मांग की गई है।
- पिछले किसान आंदोलन में जिन किसानों पर मुकदमें दर्ज किए गए थे, उन्हें इस बार के आंदोलन में रद्द करने की भी मांग की गई है।
- इस बार के आंदोलन में केंद्र सरकार से किसानों की मांग है कि पिछले आंदोलन में जिन किसानों की मौत हुई थी, उनके परिवार को मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाये।
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