AK-203: 1 सेकेंड में 10 गोली, अचूक निशाने से बच नहीं पाएंगे दुश्मन, हर मौसम में करेगी वार

AK-203 rifles : एके-203 राइफल एके-47 का ही उन्नत रूप है। असाल्ट राइफल एके-203 के चैंबर में 7.62×39एमएम की गोलियां लगाई जा सकती हैं। एके-47 के इस उन्नत रूप को साल 2010 में बनाया गया। साल 2019 से पहले इस हथियार को एक-103 एम के नाम से जाना जाता था।

एके सीरीज की राइफल है एके-203।

मुख्य बातें
  • उत्तर प्रदेश के अमेठी में इस साल के अंत में शुरू हो जाएगा एके-203 राइफल का निर्माण
  • रूस के साथ मिलकर भारत बनाएगा दुनिया की घातक राइफलें, मेक इन इंडिया को मजबूती
  • एके-47 का उन्नत रूप है एके-203, रूस की स्पेशल फोर्सेस भी इसका इस्तेमाल करती हैं

AK-203 Rifle : अब तक की सबसे घातक और आधुनिक असाल्ट राइफल AK-203 का उत्पादन भारत में इसी साल से शुरू हो जाएगा। भारत अपने भरोसेमंद साथी देश रूस के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश में अमेठी के कोरवा के पास एके -203 असॉल्ट राइफल्स का निर्माण दिसंबर महीने से शुरू कर देगा। एके सीरीज की राइफलें अपने अचूक निशाने के लिए जानी जाती हैं। इनका उत्पादन भारतीय सेना एवं सुरक्षाबलों को और ताकत देगा। यह एके-47 की तुलना में ज्यादा हल्की एवं आधुनिक तकनीक से लैस है। पांच हजार करोड़ के इस समझौते के तहत यूपी के अमेठी में अगले दस वर्षों तक करीब छह लाख एके-203 असाल्‍ट राइफल का निर्माण होगा।
एके-203 राइफल एके-47 का ही उन्नत रूप है। असाल्ट राइफल एके-203 के चैंबर में 7.62×39एमएम की गोलियां लगाई जा सकती हैं। एके-47 के इस उन्नत रूप को साल 2010 में बनाया गया। साल 2019 से पहले इस हथियार को एके-103 एम के नाम से जाना जाता था। इसका पूरा नाम ऑटोमेटिक क्लाशिनकोव है। इस राइफल का निर्माण साल 1947 में शुरू हुआ था। इसका नामकरण इसे बनाने वाले मिखाइल क्लाशिनकोव के नाम पर हुआ।
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