जानें, आखिर किस मामले में तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी की हुई है गिरफ्तारी

V Senthil Balaji News: आप अक्सर सुनते होंगे कि जब किसी हाईप्रोफाइल शख्स की गिरफ्तारी होती है तो उसकी तबीयत खराब हो जाती है। कुछ ऐसा ही तमिलनाडु के बिजली मंत्री वी सेंथिल बालाजी के साथ भी हुआ। डॉक्टरों ने तुरंत बाइपास सर्जरी की सलाह दी है।

V Senthil Balaji

वी सेंथिल बालाजी, तमिलनाडु के बिजली मंत्री

V Senthil Balaji News: तमिलनाडु के बिजली मंत्री वी सेंथिल बालाजी को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया है, हालांकि गिरफ्तारी के बाद उनकी तबीयत खराब हो गई और अस्पताल में भर्ती कराए गए। अब तमिलनाडु सरकार के मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल ने कोरोनरी एंजियोग्राम की शिकायत बताते हुए सीएबीजी बाइपास सर्जरी की सलाह दी है। इन सबके बीच एआईएडीएमके का कहना है कि जब उनके मंत्री को गिरफ्तार किया गया तो उन्हें 20 दिन जेल में रहना पड़ा। लेकिन वी सेंथिल बालाजी ड्रामा कर रहे हैं। इन सबके बीच हम बताएंगे कि आखिर वो कौन सा मामला है जिसमें गिरफ्तारी हुई है। 14 जनू को सचिवालय स्थित दफ्तर, चेन्नई और करुर में कई ठिकानों पर छापेमारी के बाद गिरफ्तारी हुई थी। आयकर (आई-टी) विभाग द्वारा मंत्री और उनके समर्थकों से जुड़े तमिलनाडु भर में 40 से अधिक स्थानों पर आठ दिन की छापेमारी के दो सप्ताह बाद बालाजी के खिलाफ नवीनतम घटनाक्रम सामने आया है।

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क्या है मामला

मामला 2011-2015 का है। बालाजी तत्कालीन अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के मंत्री थे और उनके द्वारा राज्य परिवहन विभाग में नियुक्तियों की मांग करने वाले नौकरी के उम्मीदवारों से कथित रूप से रिश्वत लेने के आरोपों से संबंधित है। मेट्रो ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (MTC) में एक तकनीकी कर्मचारी द्वारा 2018 में एक शिकायत दर्ज करने के बाद मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा मामला उठाया गया था, जिसमें बालाजी और अन्य व्यक्तियों पर कथित तौर पर झूठे वादे करने के बाद 4.25 करोड़ रुपये की रिश्वत प्राप्त करने का आरोप लगाया गया था। एमटीसी में विभिन्न स्तरों पर रिश्वत देने के बावजूद कई उम्मीदवारों को नौकरी नहीं मिली। बालाजी के खिलाफ तीन प्राथमिकी दर्ज की गई थी और बाद में उनके खिलाफ चार्जशीट दायर की गई। ईडी ने जुलाई 2021 में बालाजी और अन्य के खिलाफ पीएमएलए मामला दर्ज किया और जांच शुरू की।

कौन हैं वी सेंथिल बालाजी

करूर के डीएमके के कद्दावर नेता ने 1997 में एक स्थानीय निकाय सदस्य के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था।AIADMK कार्यकर्ता के रूप में, वह 2006 के विधानसभा चुनावों में करूर निर्वाचन क्षेत्र के लिए चुने गए और 2011 से 2015 तक राज्य के परिवहन मंत्री के रूप में कार्य किया। 2016 में पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की मृत्यु के बाद बालाजी ने AIADMK छोड़ दी और दिसंबर 2018 में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) में शामिल हो गए।बालाजी अप्रैल 2021 के विधानसभा चुनाव जीते और उन्हें एमके स्टालिन सरकार में बिजली, शराबबंदी और उत्पाद शुल्क मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया।

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ललित राय author

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