किस उम्र में बच्चों को देनी चाहिए गाड़ी की चाबी? जानें क्या है सही एज और क्या कहता है अलग अलग देशों का हिट एंड रन कानून
पुणे के कल्याणी नगर इलाके में 19 मई को हुई हिट एंड रन की घटना में अब नया मोड़ आ गया है। पोर्श कार हादसे के नाबालिग आरोपी की रिहाई के खिलाफ पुणे पुलिस सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगा सकती है। ऐसे में आज हम आपको इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं कि क्या है अलग अलग देशों का हिट एंड रन कानून और क्या है ड्राइविंग की सही उम्र।
Hit and Run law
एक महीने पहले पुणे में हुई हिट एंड रन केस वाली घटना तो आपको याद होगी ही। जहां एक नाबलिग लड़के ने अपनी पोर्शे कार से बाइक सवार दो लोगों को कुचल दिया था। इस हादसे में मौके पर ही दोनों की मौत हो गई थी। इस गंभीर मामले में अभियुक्त को कुछ ही घंटों में ज़मानत मिल गई जिसके बाद से कोर्ट और जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के साथ-साथ पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। दरअसल ये हादसा 19 मई को पुणे के कल्याणी नगर इलाके में हुआ था। पोर्श कार चलाने वाला युवक एक बड़े कारोबारी का बेटा है, उस पर नशे की हालत में कार चलाने का आरोप है। लेकिन हैरानी तो तब हुई जब पुलिस ने आरोपी से सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखने को कहा। इसके बाद कुछ ही घंटों में आरोपी को छोड़ दिया गया। लेकिन लोगों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस को आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार करना पड़ा था। इसके बाद 22 मई को आरोपी को हिरासत में लेने का आदेश दिया गया और उसे निगरानी गृह में भेज दिया। इसके बाद मामले की सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने 25 जून को आरोपी को बाल सुधार गृह से रिहा करने का आदेश दे दिया।
Hit and run case
लेकिन ये मामला अब सुप्रीम कोर्ट जाने वाला है। बॉम्बे हाई कोर्ट के नाबालिग आरोपी को रिहा करने के फैसले को पुणे पुलिस ने सर्वोच्च अदालत में चुनौती देने का फैसला किया है। अब इस मामले को लेकर पुणे पुलिस सुप्रीम कोर्ट का रुख करने जा रही है। ये मामला तो लंबा चल रहा है। लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल मां-बाप की परवरिश पर भी उठता है। ऐसी घटना सिर्फ पुणे ही नहीं बल्कि देश के अलग अलग राज्यों में भी देखने को मिल रही है। रोजाना हिट एंड रन के नए मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में ये बड़ा सवाल उठता है कि क्या मां-बाप को अपने बच्चे को गाड़ी की चाभी देनी चाहिए और अगर देनी चाहिए तो क्या है उसकी सही उम्र। आज हम इन सारे सवालों के जवाव इस आर्टिकल में हम आपको देने जा रहे हैं। इसके साथ ही ये भी आपको बताएंगे कि क्या कहता देश का नया हिट एंड रन कानून।
ratio of hit and run cases
क्या है ड्राइविंग की सही उम्र
अलग-अलग देशों में ड्राइविंग के लिए अलग अलग उम्र होती है। जैसे न्यूज़ीलैंड में, लाइसेंस और सड़क पर गाड़ी चलाने के लिए आपकी आयु 16 वर्ष होनी चाहिए। वहीं भारत में आर्टिकल (1) के तहत 18 वर्ष से कम आयु का कोई भी व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक स्थान पर मोटर वाहन नहीं चला सकता है। लेकिन भारत में पिछले कुछ सालों में देखने को मिला है कि 15-16 वर्ष की आयु के नाबालिग गाड़ी तेज रफ्तार में चलाते हैं जिसकी वजह से दुर्गघटनाएं हो रही है।
Right age of Driving
नाबालिग ड्राइवरों को अक्सर सड़क पर सबसे अनुभवहीन और जोखिम भरा ड्राइवर माना जाता है। आंकड़े बताते हैं कि नाबालिग चालकों की दुर्घटना दर किसी भी आयु वर्ग की तुलना में सबसे अधिक है, अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका में मोटर वाहन दुर्घटनाओं के कारण हर दिन औसतन छह नाबालिग की मौत होती है। ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से नाबालिग कार चालकों को दुर्घटनाओं का अधिक खतरा होता है। यंगस्टर्स अक्सर नशीली दवाओं या शराब के नशे में तेज रफ्तार में ड्राइविंग करते हैं जिसका खामियाजा जान गंवा कर चुकाना पड़ता है। इसलिए माता पिता को अपने बच्चे को बालिग होने के बाद ही ड्राइविंग की अनुमती देनी चाहिए। भारत में 18 वर्ष की आयु को बालिग उम्र माना जाता है। इसके साथ ही ये पेरेंट्स की जिम्मेदारी है कि वो अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दें और रैश ड्राइविंग ना करने के लिए प्रेरित करें। क्योंकि कम उम्र के बच्चे अक्सर रफ्तार और सेफ ड्राइविंग में फर्क नहीं कर पाते हैं। जिसकी वजह से एक्सींडेट के मामले बढ़ते जाते हैं।
क्या कहता है भारत का नया हिट एंड रन कानून
सरकार ने नए हिट एंड रन कानून को बेहद सख्त कर दिया है। भारत न्याय संहिता में 'हिट एंड रन' केस के लिए 10 साल की कैद और 7 लाख रुपये जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है। पहले भारत में इंडियन पैनल कोड के तहत हिट एंड रन केस में दो साल तक की सजा का प्रावधान था।
Hit and Run law of Different Countries
अलग अलग देशों में क्या है हिट एंड रन कानून
यूके
यूनाइटेड किंगडम में, हिट-एंड-रन को एक गंभीर अपराध माना जाता है, जिसमें अधिकतम 14 साल की जेल या असीमित जुर्माना हो सकता है। हिट एंड रन में दोषी पाए जाने पर व्यक्ति को 2 साल के लिए अनिवार्य न्यूनतम ड्राइविंग अयोग्यता भी दी जाती है।
कनाडा
उत्तरी अमेरिकी देशों में, हिट-एंड-रन कानून प्रांत के अनुसार अलग-अलग होते हैं, लेकिन आम तौर पर, यह एक अपराध है। यहां दोषी को सजा को प्रवधान है, जुर्माना और लाइसेंस निलंबन भी हो सकता है। कनाडा की आपराधिक संहिता के अनुसार, किसी दुर्घटना के बाद रुकने में विफल रहने पर अधिकतम 10 साल की जेल हो सकती है। यदि दुर्घटना में किसी की मृत्यु हो जाती है, तो आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।
संयुक्त राज्य अमेरिका
संयुक्त राज्य अमेरिका में हिट एंड रन की सजा अलग-अलग राज्यों में अलग है। इसे वहां थर्ड डिग्री का अपराध माना जाता है। जहां 1 से 5 साल या उससे अधिक की सजा हो सकती है और 16 लाख का जुर्माना भी लग सकता है।
ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया में अगर आपकी गाड़ी से किसी को टक्कर लग जाती है तो ड्राइवर को घटनास्थल पर रुकना पड़ता है और तुरंत पुलिस को घटना की सूचना देनी पड़ती है। आस्ट्रेलिया में यातायात अपराधों के लिए एक खास कमीशन है, जो एक्सीडेंट के हिसाब से सजा देने का काम करता है। ड्राइवर पर जुर्माना और लाइसेंस निलंबित या रद्द हो सकता है।
दक्षिण कोरिया
दक्षिण कोरिया में हिट एंड रन को गंभीर अपराध माना जाता है। अगर यहां किसी की गाड़ी से टक्कर लगने से किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो कम से कम पांच साल की जेल या अधिकतम आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा सकती है। इसके साथ ही 5 मिलियन से 30 मिलियन का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
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Ritu raj author
शुरुआती शिक्षा बिहार के मुजफ्फरपुर से हुई। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन पूरा ...और देखें
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