जानें-कौन हैं जॉर्ज सोरोस, राहुल गांधी की अमेरिकी ट्रिप में फंडिंग का BJP ने लगाया है आरोप
Who is George Soros: बीजेपी का आरोप है कि अमेरिका के विवादित निवेशक जॉर्ज सोरोस ने ही राहुल गांधी के अमेरिकी ट्रिप की फंडिंग की थी।
जॉर्ज सोरोस अमेरिका के बड़े निवेशक
Who is George Soros: पीएम नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे से पहले राहुल गांधी अमेरिका में थे। जिस तरह से कैंब्रिज विश्वविद्यालय में मोदी सरकार की नीतियों की मुखालफत की ठीक वैसे ही अमेरिकी में भी की। राहुल गांधी जब अमेरिका के दौरे पर गए तो बीजेपी ने कहा कि आखिर वो कौन शख्स है जो फंडिंग कर रहा है। बीजेपी ने खुद उसका जवाब देते हुए जॉर्ज सोरोस का नाम लिया। यहां हम बताएंगे कि आखिर जॉर्ज सोरोस कौन है। सोरोस हंगरी में पैदा हुए और आगे चलकर अमेरिका के एक बड़े निवेशक बने। इसके साथ ही वो खुद को समाजसेवी भी मानते हैं। सोरोस अगर सिर्फ निवेशक या समाजसेवी तक सीमित रहते तो शायद इतनी चर्चा नहीं होती। उनका विवादों से नाता रहा है। बीजेपी आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने तो खुलेआम राहुल गांधी की अमेरिकी यात्रा और जॉर्ज सोरोस की फंडिंग पर सवाल उठाए।
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कौन हैं जॉर्ज सोरोस
- प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के मुखर आलोचक, सोरोस ने हाल ही में 2023 म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन के दौरान एक विवाद पैदा कर दिया जब उन्होंने कहा कि उन्हें भारत में लोकतांत्रिक पुनरुत्थान की उम्मीद है, उन्होंने गौतम अडानी समूह-हिंडनबर्ग संकट का संदर्भ दिया, जिसमें अमेरिकी शॉर्ट सेलर ने औद्योगिक समूह पर व्यापारिक कदाचार का आरोप लगाया।
- करीब 8.5 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ, सोरोस ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के संस्थापक हैं। संगठन स्वतंत्रता और लोकतंत्र को आगे बढ़ाने के लिए दुनिया भर में नागरिक समाज समूहों का समर्थन करता है। भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप करने का प्रयास करने पर भाजपा द्वारा उनकी बार-बार आलोचना की गई है।
- 92 साल के अरबपति सोरोस का जन्म 1930 में हंगरी में हुआ था और वह 1944-1945 के नाजी कब्जे के दौरान जीवित रहे। सोरोस एक यहूदी परिवार से थे और 1947 में लंदन चले गए। ओपन सोसाइटी की वेबसाइट के मुताबिक उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अपनी शिक्षा के लिए रेलवे कुली और नाइट-क्लब वेटर के रूप में अंशकालिक काम किया।
- 1956 में अमेरिका चले गए और 1973 में अपना खुद का हेज फंड लॉन्च किया और बाद में अमेरिका के इतिहास में सबसे सफल निवेशकों में से एक बन गए।
- अपने अन्य प्रयासों में सोरोस को 1992 में ब्रिटिश पाउंड के खिलाफ अपने कुख्यात दांव के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने यूरो की स्थापना से पहले विनिमय दर प्रणाली से मुद्रा की वापसी को मजबूर करने में मदद की थी। ब्लैक वेडनसडे के नाम से मशहूर मुद्रा में गिरावट के कारण सोरोस ने अपने विशाल शॉर्ट पोजीशन से 1 बिलियन डॉलर का आश्चर्यजनक मुनाफा कमाया।
इस तरह शुरू हुआ विवाद
राहुल गांधी की अमरेकी यात्रा की फंडिंग पर विवाद की शुरुआत कहां से हुई। दरअसल बुधवार यानी 28 जून को कर्नाटक पुलिस ने अमित मालवीय के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं में केस दर्ज किया है। पुलिस का आरोप है कि मालवीय ने समाज में सौहार्द बिगाड़ने का काम करने के साथ षड़यंत्र किया है। इसके बाद बीजेपी ने कांग्रेस पार्टी पर सच को दबाने का आरोप लगाया। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि दरअसल यब सब राहुल गांधी के अमेरिकी दौरे के खिलाफ बीजेपी के नजरिए पर लिया गया है।बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, ईरानी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने 30 मई को अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान, अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस के करीबी सहयोगियों सहित संदिग्ध साख वाले लोगों के साथ आगे बढ़े जो भारत में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं।
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