Joshimath Sinking : क्या होता है भू-धंसाव, जोशीमठ में जमीन धंसने की ये हैं मुख्य वजहें

Joshimath Sinking : धरती का कोई हिस्सा जब दरकता या धंसता है तो उसे भू-धंसाव कहा जाता है। भू-धंसाव की प्रमुख वजह भूतल से अत्यधिक मात्रा में जल अथवा खनिज तत्वों की निकासी मानी जाती है। जमीन के नीचे से ज्यादा पानी एवं खनिज तत्वों के दोहन से जमीन धंसने लगती है।

जोशीमठ में भू-धंसाव के बाद लोग घर खाली कर रहे हैं।

Joshimath Sinking : उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने से हजारों लोगों के जीवन पर संकट खड़ा हो गया है। समस्या इतनी भीषण हो गई है कि आपदा से जुड़ी केंद्र एवं राज्य सरकारों की सभी एजेंसियां हरकत में आ गई हैं। केंद्र सरकार स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए है। जोशीमठ के हालात एक बड़े खतरे का संकेत दे रहे हैं। बहरहाल, वैज्ञानिक इस समस्या के पीचे पर्यावरण की नैसर्गिक संरचना में बढ़ा बेहिसाब मानवीय दखल एवं भौगोलिक कारण दोनों मान रहे हैं। फिर भी मानव दखल को इस आपदा के लिए ज्यादा जिम्मेदार माना जा रहा है। जोशीमठ में भू-धंसाव को लेकर पहले आगाह किया गया था लेकिन न तो सरकार और न ही आम लोगों ने इस रिपोर्ट पर गंभीरता दिखाई।

क्या होता भू-धंसाव (what's land subsidence)

धरती का कोई हिस्सा जब दरकता या धंसता है तो उसे भू-धंसाव कहा जाता है। भू-धंसाव की प्रमुख वजह भूतल से अत्यधिक मात्रा में जल अथवा खनिज तत्वों की निकासी मानी जाती है। जमीन के नीचे से ज्यादा पानी एवं खनिज तत्वों के दोहन से जमीन धंसने लगती है। प्राकृतिक एवं भौगोलिक वजहों जैसे कि मिट्टी के क्षरण अथवा पृथ्वी की परतों में गतिविधि होने से भी भू-धंसाव की घटना होती है। भू-धंसाव होने पर इमारतों एवं सड़कों में दरारें आती हैं और वे क्षतिग्रस्त होते हैं।

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जोशीमठ में इसलिए हुआ भू-धंसाव

उच्च हिमालयी क्षेत्र से निकलने वाली अलकनंदा और धौलीगंगा के संगम स्थल विष्णुप्रयाग में दोनों नदियां लगातार टो कटिंग कर रही हैं। विष्णुप्रयाग से ही जोशीमठ शहर का ढलान शुरू होता है। नीचे हो रहे कटाव के चलते जोशीमठ क्षेत्र का पूरा दबाव नीचे की तरफ हो रहा है। इसके चलते भू-धंसाव में बढ़ोतरी हुई है।

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