ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग पर संग्राम, नबन्ना की ओर मार्च करने पर अड़े छात्र, पुलिस ने बताया गैरकानूनी
विद्यार्थी संगठन छात्र समाज ने कहा है कि 27 अगस्त को होने वाली उसकी नबन्ना अभियान रैली शांतिपूर्ण रहेगी और उसका जोर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे और आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर से बलात्कार और हत्या के मामले में दोषियों की गिरफ्तारी की मांग पर रहेगा।
बंगाल में छात्रों का नबन्ना मार्च
- अस्पताल में डॉक्टर के साथ दुष्कर्म-हत्या मामले में सीएम ममता के इस्तीफे की मांग
- पश्चिम बंगाल में विद्यार्थी संगठन छात्र समाज ने आज नबन्ना मार्च का ऐलान किया
- पुलिस ने बताया गैरकानूनी, इसके बावजूद छात्र मार्च करने पर अड़े हैं
Kolkata Students Nabanna March Today: पश्चिम बंगाल में विद्यार्थियों संगठनों ने आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले में सीएम ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग को लेकर आज नबन्ना मार्च का ऐलान किया है। पुलिस द्वारा इसे गैरकानूनी बताए जाने के बावजूद छात्र मार्च करने पर अड़े हैं। ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग को लेकर छात्र संगठन ‘छात्र समाज’ द्वारा 27 अगस्त को प्रस्तावित ‘नबन्ना अभियान’ रैली को अवैध करार देते हुए पश्चिम बंगाल पुलिस ने कहा कि आयोजकों ने इसके लिये मंजूरी नहीं ली है। पुलिस ने कहा कि उसने विरोध मार्च के दौरान कानून- व्यवस्था संबंधी संभावित समस्याओं की चिंता के कारण आवश्यक एहतियाती कदम उठाए हैं। बता दें कि राज्य सचिवालय को ‘नबन्ना’कहा जाता है।
छात्र समाज ने कहा, हमारा अभियान शांतिपूर्ण
वहीं, विद्यार्थी संगठन छात्र समाज ने कहा है कि 27 अगस्त को होने वाली उसकी नबन्ना अभियान रैली शांतिपूर्ण रहेगी और उसका जोर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे और आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर से बलात्कार और हत्या के मामले में दोषियों की गिरफ्तारी की मांग पर रहेगा। इस बीच, तृणमूल कांग्रेस और पश्चिम बंगाल पुलिस ने रैली में व्यवधान की आशंका जताई है। गैर-पंजीकृत छात्र संगठन पश्चिम बंग छात्र समाज और अपने महंगाई भत्ते को केंद्रीय कर्मचारियों के समान करने की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलनरत राज्य सरकार के कर्मचारियों के संगठन ‘संग्रामी जौथा मंच’ ने अपनी-अपनी तरफ से राज्य सचिवालय नबन्ना की ओर मार्च करने का आह्वान किया है।
राज्य पुलिस ने निर्धारित रैलियों को अवैध और अनधिकृत बताया और कहा कि उसने मार्च के दौरान कानून-व्यवस्था की स्थिति प्रभावित होने से संबंधित आशंकाओं को दूर करने के लिए आवश्यक सावधानी बरती है। नबन्ना में पत्रकारों को संबोधित करते हुए एडीजी (कानून- व्यवस्था) मनोज वर्मा ने कहा कि पुलिस को विश्वसनीय खुफिया जानकारी मिली है कि उपद्रवी रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों के बीच घुसने और बड़े पैमाने पर हिंसा व अराजकता फैलाने का प्रयास करेंगे। सरकार ने पहले ही बीएनएसएस की धारा 163 के तहत नबन्ना के निकट निषेधाज्ञा लागू कर दी है, जिसके तहत पांच या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर रोक लग गई है।
तृणमूल कांग्रेस ने साजिश करार दिया
तृणमूल कांग्रेस ने रैली को सड़कों पर अराजकता पैदा करने की साजिश करार देते हुए पश्चिम मेदिनीपुर जिले के घाटल के भाजपा नेताओं के कुछ वीडियो जारी किए, जो रैली में कथित तौर पर हिंसा भड़काने की योजना बना रहे थे। पुलिस ने दोनों नेताओं को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया। इस बीच, सोमवार देर शाम राजभवन की ओर से जारी एक वीडियो संदेश में राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने राज्य सरकार से आग्रह किया कि वह छात्रों को रैली रोकने के लिए बल प्रयोग न करे। बोस ने कहा, कल (27 अगस्त) पश्चिम बंगाल के छात्र समुदाय द्वारा घोषित शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन और सरकार के कई निर्देशों के जरिए प्रदर्शन के दमन की खबरों के संदर्भ में, मैं सरकार से भारत के सर्वोच्च न्यायालय के कड़े निर्णय को याद रखने का आग्रह करूंगा। पश्चिम बंगाल सरकार शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग न करे।
शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त को कहा था कि पश्चिम बंगाल सरकार इस घटना को लेकर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में बाधा या व्यवधान उत्पन्न न करे। हालांकि, अदालत ने स्पष्ट किया था कि उसने राज्य सरकार को वैध शक्तियों का इस्तेमाल करने से नहीं रोका है। छात्र समाज के प्रवक्ता सायन लाहिड़ी ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा, तृणमूल और पुलिस के दावे निराधार हैं। हमारा उद्देश्य शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांग उठाना है। अगर हमें रोका गया तो हम अहिंसक तरीके से सचिवालय गेट तक जाने का प्रयास करेंगे और मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांगेंगे क्योंकि वह देश को झकझोर कर रख देने वाली आरजी कर जैसी घटनाओं को रोकने में विफल रही हैं। लाहिड़ी ने दावा किया कि कॉलेज स्क्वायर, फोर्ट विलियम और संतरागाछी से दोपहर में शुरू होकर नबन्ना की ओर जाने वाली रैली का आयोजन एक गैर-राजनीतिक मंच द्वारा किया जा रहा है, जिसका भाजपा, आरएसएस या एबीवीपी से कोई संबंध नहीं है।
छात्र समाज का नबन्ना अभियान अवैध: बंगाल पुलिस
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग को लेकर छात्र संगठन ‘छात्र समाज’ द्वारा प्रस्तावित ‘नबन्ना अभियान’ रैली को अवैध करार देते हुए पश्चिम बंगाल पुलिस ने सोमवार को कहा कि आयोजकों ने इसके लिये मंजूरी नहीं ली है। पश्चिम बंगाल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एवं महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) मनोज वर्मा ने कहा कि किसी भी व्यक्ति या संगठन ने राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ तक ऐसी रैली आयोजित करने की अनुमति नहीं मांगी है। राज्य सचिवालय एक प्रतिबंधित क्षेत्र है। सरकार ने पहले ही बीएनएसएस की धारा 163 के तहत नबन्ना के निकट निषेधाज्ञा लागू कर दी है, जिससे पांच या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर रोक लग गई है।
पुलिस ने कहा, आयोजन अवैध है
वर्मा ने संवाददाताओं को बताया, हमें विभिन्न मीडिया चैनलों और सोशल मीडिया के माध्यम से नबन्ना अभियान रैली के बारे में पता चला है। आज तक, न तो किसी व्यक्ति न ही किसी संगठन ने अनुमति के लिए आवेदन किया है, ऐसे में यह आयोजन अवैध है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चूंकि नबन्ना एक प्रतिबंधित क्षेत्र है, इसलिए वहां किसी भी नियोजित कार्यक्रम के लिए पुलिस की मंजूरी की आवश्यकता होती है, जो शायद ही कभी दी जाती है। वर्मा ने यह भी कहा कि पुलिस को खुफिया जानकारी मिली है कि 27 अगस्त को रैली के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा और अराजकता भड़काने की कोशिश की जा सकती है। उन्होंने कहा, हमें विभिन्न स्रोतों से जानकारी मिल रही है कि निहित स्वार्थ वाले कुछ उपद्रवी तत्व पुलिस को भड़काने के लिए कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसका वे फिर फायदा उठाएंगे।
वर्मा ने आश्वासन दिया कि पुलिस इन सूचनाओं पर काम कर रही है तथा उन्होंने कहा कि आयोजक अपने कार्यक्रम के लिए कोई वैकल्पिक स्थान चुनते हैं तो उन्हें सहायता देने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने कहा, हम कोलकाता और हावड़ा में अन्य स्थानों पर भी उनके लिए व्यवस्था करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते वे कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करें। इसके अतिरिक्त, वर्मा ने मंगलवार को होने वाली यूजीसी नेट परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों को आश्वासन दिया कि यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है कि वे बिना किसी व्यवधान के परीक्षा दे सकें।
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