अपराजिता बिल: बंगाल विधानसभा में Anti-Rape Bill पास, ममता बोलींं- प्रधानमंत्री ऐसा नहीं कर सके, इसलिए हमने किया

पश्चिम बंगाल के कानून मंत्री मलय घटक ने बलात्कार विरोधी विधेयक (anti rape bill) मंगलवार को राज्य विधानसभा में पेश किया, जिसमें बलात्कार के दोषी व्यक्तियों के लिए मृत्युदंड का प्रस्ताव है।

प्रतीकात्मक फोटो

मुख्य बातें
  1. बलात्कार विरोधी विधेयक पर करीब दो घंटे चर्चा होने की संभावना है
  2. भाजपा की विधायक शिखा और अग्निमित्रा के अलावा विपक्ष के नेता शुभेंदु चर्चा में भाग ले सकते हैं
  3. मंत्री सोवनदेब चट्टोपाध्याय और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सत्ता पक्ष की तरफ से चर्चा में भाग लेंगी

West Bengal Aparajit Bill: पश्चिम बंगाल विधानसभा ने विपक्ष के पूर्ण समर्थन के साथ राज्य का बलात्कार रोधी विधेयक सर्वसम्मति से पारित कर दिया। बहरहाल, सदन ने विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा विधेयक में प्रस्तावित संशोधन स्वीकार नहीं किए। विधेयक के मसौदे में बलात्कार पीड़िता की मौत होने या उसके स्थायी रूप से अचेत अवस्था में चले जाने की सूरत में ऐसे दोषियों के लिए मृत्युदंड के प्रावधान का प्रस्ताव किया गया है। इसके अलावा मसौदे में प्रस्ताव किया गया है कि बलात्कार और सामूहिक बलात्कार के दोषी व्यक्तियों को आजीवन कारावास की सजा दी जाए, और उन्हें पेरोल की सुविधा न दी जाए। ‘अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) विधेयक 2024’ शीर्षक वाले इस प्रस्तावित कानून का उद्देश्य बलात्कार और यौन अपराधों से संबंधित नये प्रावधानों के जरिये महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा मजबूत करना है।

अपराजिता टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा

पश्चिम बंगाल विधानसभा में सीएम ममता बनर्जी ने कहा, यह विधेयक सुनिश्चित करेगा कि महिलाओं के उत्पीड़न और बलात्कार के मामलों में कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। इसमें POCSO अधिनियम के प्रावधानों को और कड़ा किया गया है। इसमें प्रावधान है कि अगर बलात्कारियों के कृत्य से पीड़िता की मृत्यु हो जाती है या उनके मस्तिष्क को गंभीर क्षति होती है तो बलात्कारियों के लिए मृत्युदंड मिलेगा। इसके तहत अपराजिता टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा, जिसमें प्रारंभिक तौर पर 21 दिनों के भीतर सजा दी जाएगी।

प्रधानमंत्री ऐसा नहीं कर सके...

ममता ने कहा, मैंने पहले ही स्वास्थ्य सचिव से कहा है कि जिन रास्तों पर नर्स और महिला डॉक्टर यात्रा करती हैं, उन्हें कवर किया जाना चाहिए, इसके लिए मैंने 120 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। जहां शौचालय नहीं है, वहां सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की व्यवस्था की जाए। हमने 'रात्रि साथी' का प्रावधान भी किया है, जिसमें कहा गया है कि महिलाएं 12 घंटे की ड्यूटी करेंगी और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर अपनी ड्यूटी बढ़ाएंगे। हमने महिलाओं की सुरक्षा के लिए ऐसा किया है रात में काम करने वालों को पूरी सुरक्षा दी जाएगी, हमने अस्पतालों, स्कूलों, मध्याह्न भोजन केंद्रों को भी उचित कदम उठाने के लिए कहा है। यहां से यह बिल पास होने के बाद राज्यपाल के पास जाएगा, उनसे पास होने के बाद राष्ट्रपति के पास जाएगा और उनकी मंजूरी के बाद यह ऐतिहासिक होगा। हर राज्य इसे मॉडल बनाएगा, प्रधानमंत्री ऐसा नहीं कर सके, इसलिए हम ऐसा कर रहे हैं।
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