'भगवान जी आप तो सब जानते हैं...', कोटा के मंदिर की दीवारों पर छात्रों ने लिखे भावुक संदेश, पढ़कर रो पड़ेंगे आप

Kota Suicide Case: आंकड़ों को देखें तो बीते 11 दिनों में कोटा में 4 आत्महत्याएं हो चुकी हैं। और गहराई में जाएं तो बीते 8 महीनों में 22 छात्र आत्महत्या कर चुके हैं। पिछले 1 साल में यह आंकड़ा 29 का है और बीते 10 सालों में 160 बच्चे जिंदगी को अलविदा बोल चुके हैं।

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कोटा के मंदिर में छात्रों द्वारा लिखे गए मैसेज

Kota Suicide Case: "भगवान जी आप तो सब जानते हैं कि मेरे मन में क्या है...सबसे पहले आप मेरी पूरी फैमिली को खुश रखना, उनके बीच हमेशा प्यार बनाए रखना। सबको खुश रखना भगवान, सब खूब तरक्की करें, खुश रहें... भगवान जी मैं बहुत मेहनत करूंगी, आप इसका फल मुझे और मेरी फैमिली को जरूर देना।"
ऊपर लिखी ये लाइनें न तो हमनें लिखी हैं और न ही ये किसी कहानी से ली गई हैं। ये किसी फिल्म के डॉयलाग का हिस्सा भी नहीं हैं। ये लाइनें उन स्टूडेंट्स की हैं, जिनके नाजुक से कंधों पर उम्मीदों का भारी बोझ डाल दिया गया है। राजस्थान के कोटा शहर, जिसे कोचिंग सेंटर्स का हब भी बोला जाता है, वहां के मंदिरों पर ऐसी तमाम लाइनें लिखी मिल जाएंगी।

कोचिंग सेंटर्स आने वाले बच्चों ने लिखी हैं हजारों विश

कोटा में NEET या IIT की तैयारी करने वाले बच्चे किस तरह उम्मीदों तले दबे होते हैं, ये उनकी इन भावनाओं में बखूबी पढ़ा जा सकता है। कोचिंग सेंटर्स के पास स्थित एक मंदिर में ऐसी हजारों विश छात्रों द्वारा लिखी गई है। कोई स्टूडेंट्स यहां भगवान से घरवालों की खुशहाली मांगता दिखता है तो कोई अपनी तरक्की। कुल मिलाकर इन भावनाओं को पढ़कर किसी की भी आंखों में आंसू आ जाएंगे।

24 घंटे में दो आत्महत्यांए

बीते दिनों कोटा से झकझोर देने वाली खबर सामने आई। यहां आत्महत्या के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। बीते दिनों 24 घंटे के अंदर दो छात्रों के सुसाइड की खबर ने एक बार फिर लोगों का ध्यान कोटा शहर की तरफ खींचा है। आंकड़ों को देखें तो बीते 11 दिनों में यहां 4 आत्महत्याएं हो चुकी हैं। और गहराई में जाएं तो बीते 8 महीनों में 22 छात्र आत्महत्या कर चुके हैं। पिछले 1 साल में यह आंकड़ा 29 का है और बीते 10 सालों में 160 बच्चे जिंदगी को अलविदा बोल चुके हैं।
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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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