वाराणसी के इस थाने में थानेदार की कुर्सी पर विराजमान हैं बाबा काल भैरव, निरीक्षण को नहीं आते IAS-IPS
इस थाने में कभी कोई IAS-ISP निरीक्षण करने नहीं आए। मान्यता है कि जिस थाने के कोतवाल ही बाबा काल भैरव हों, वहां का निरीक्षण कौन कर सकता है।
यूपी के इस थाने में थानेदार की कुर्सी पर विराजमान हैं काल भैरव (फोटो- @_vatsalasingh)
यूपी के वाराणसी में एक ऐसा थाना है, जहां थानेदारा की कुर्सी पर आजतक कोई थानेदार नहीं बैठा है। यहां कभी आईएएस और आईपीएस भी निरीक्षण के लिए नहीं आता हैं। यह थाना सीधे बाबा काल भैरव के अंदर आता है, वही यहां के थानेदार हैं और थानेदार की कुर्सी पर भी वही बैठते हैं।
वाराणसी का विशेश्वरगंज स्थित कोतवाली थाने की है कहानी
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार वाराणसी के विशेश्वरगंज के कोतवाली थाने में बाबा काल भैरव पिछले कई सालों से कोतवाल की कुर्सी पर विराजमान हैं। बाबा काल भैरव ही पुलिस इंस्पेक्टर की भूमिका निभाते हैं। बाबा काल भैरव का आशीर्वाद लेने के बाद थाने के अधिकारी अगली कुर्सी पर बैठ जाते हैं।
कई सालों से चलती आ रही परंपरा
यहां यह परंपरा पिछले कई सालों से चली आ रही है। जब भी कोई थानेदार यहां तैनाती के लिए आता था तो वह अपनी कुर्सी पर नहीं बैठता था। काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव सदैव कोतवाल की कुर्सी पर विराजमान रहते हैं।
अधिकारी काल भैरव का लेते हैं आशीर्वाद
यह परंपरा कब से शुरू हुई, इसकी जानकारी ठीक से किसी के पास नहीं है। लेकिन माना जाता है कि यह परंपरा कई दशकों से चली आ रही है। जब भी कोई अधिकारी यहां ड्यूटी ज्वाइन करता है तो बाबा काल भैरव का आशीर्वाद लेकर ही अपना काम शुरू करता है।
क्यों नहीं होता निरीक्षण
इस थाने में कभी कोई IAS-ISP निरीक्षण करने नहीं आए। मान्यता है कि जिस थाने के कोतवाल ही बाबा काल भैरव हों, वहां का निरीक्षण कौन कर सकता है। कहा जाता है कि एक बार एक अधिकारी ने निरीक्षण करने की कोशिश की थी, जिसके बाद उसी दिन उसका तबादला हो गया था, तब से सभी अधिकारी इस काम से दूरी ही बनाकर रखते हैं। थाने जाते हैं, लेकिन निरीक्षण नहीं करते हैं।
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