ये 2022 है...PM नरेंद्र मोदी किसी को छोड़ेंगे नहीं- LAC विवाद के बीच China को Tawang के मॉन्क ने चेताया
India China face-off in Tawang: दरअसल, भारत और चीन के सैनिकों के बीच नौ दिसंबर, 2022 को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में झड़प हो गई थी। इस दौरान दोनों पक्षों के जवाब मामूली रूप से घायल हुए थे। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के मुताबिक, उस दौरान चीन की ओर से यथास्थिति बदलने के प्रयास किए गए थे। रोचक बात है कि यह घटना पूर्वी लद्दाख में 30 महीने से अधिक समय से जारी सीमा गतिरोध के बीच हुई।
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर पनपी सियासी सरगर्मियों के बीच अरुणाचल प्रदेश में तवांग मॉनेस्ट्री के मॉन्क लामा येशी खावो ने ड्रैगन को चेताया है। उन्होंने दो टूक कहा है कि यह साल 2022 है। भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यकाल और शासन है। ऐसे में वह किसी को भी छोड़ेंगे नहीं। दरअसल, उनकी यह टिप्पणी पीएम के उस बयान के संदर्भ में आई, जिसमें उन्होंने गलवान झड़प के समय कहा था कि अगर भारत को कोई उकसाएगा तो हमारा देश भी उसका जवाब देना जानता है। हम किसी को छोड़ेंगे नहीं।संबंधित खबरें
उन्होंने अरुणाल प्रदेश के तवांग में समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, "वैसे साल 1962 (भारत के साथ चीन की जंग) के समय हम लोग तो नहीं थे। पर सुनने को मिलता है...उसमें तो कुछ तुलना नहीं है। यह 2022 का समय है...मोदी जी का (मुस्कुराते हुए)। वह तो किसी को छोड़ते भी नहीं हैं। वह खुद कहते हैं कि कोई हमें उकसाएगा तो हम उसको छोड़ेंगे नहीं। यही वजह है कि हम उनसे खुश हैं।"संबंधित खबरें
बकौल लामा, "पहले यह (तवांग, जो अब नॉर्थ ईस्ट के अरुणाचल में है) तिबत का हिस्सा हुआ करता था। चीन की सरकार ने तब तिबत की जमीन छीन ली थी...वे लोग कहते हैं कि यह भी उनका है। पर असल में यह हिस्सा उनका नहीं है। वे झूठ ही बोलते हैं कि यह उनका हिस्सा है। चीन खुद तिबत सरकार छीन कर बैठा है। उन लोगों का कुछ भी उसमें हक नहीं बनता है।"संबंधित खबरें
उन्होंने आगे बताया- चीन की सरकार हमेशा जहां-तहां इस तरह की गतिविधियां करती रहती है...टॉर्चर करती रहती है। यह तो बिल्कुल गलत है। असल में यह जमीन उनकी है ही नहीं, यह तो हम हिंदुस्तानियों की धरती है। इससे हमारा नाता है। चीनी सरकार गलत कर रही है। विश्व में वे लोग अगर शांति चाहते हैं, तब तो उनको ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। भारतीय सेना सरहद पर डट कर बैठी है, इसलिए अधिक चिंता नहीं है। हम शांति और सुख से जीते हैं।संबंधित खबरें
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अभिषेक गुप्ता author
छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ...और देखें
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