नौकरी के बदले जमीन घोटाले तेज प्रताप यादव भी फंसे, ED का दावा- यादव परिवार ने अवैध लाभ प्राप्त किया

ईडी ने कहा है कि नौकरी के बदले जमीन मामला 2004 से 2009 तक रेल मंत्री के रूप में प्रसाद के कार्यकाल के दौरान मध्य प्रदेश के जबलपुर में स्थित रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में ग्रुप-डी की नियुक्तियों से संबंधित है। ईडी के मुताबिक राजद प्रमुख के परिवार या सहयोगियों को हस्तांतरित की गई या तोहफे में दी गई जमीन के बदले ये नियुक्तियां की गईं।

लालू यादव के साथ तेजस्वी यादव

मुख्य बातें
  • जमीन के बदले नौकरी घोटाले के समय लालू थे रेलमंत्री
  • लालू परिवार के कई सदस्य हैं इस घोटाले में आरोपी
  • नौकरी के बदले लालू पर जमीन लेने का आरोप
ईडी ने दावा किया है कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों ने भारतीय रेलवे में नौकरियों के बदले जमीन के रूप में अवैध लाभ अर्जित किया। ईडी ने विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने के समक्ष इस मामले में दायर अपने पूरक आरोपपत्र में ये दलीलें दीं। अदालत ने 18 सितंबर के अपने आदेश में लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को भी तलब किया था, जिन्हें जांच एजेंसी ने आरोपी के रूप में नामित नहीं किया है।

तेज प्रताप भी हुए तलब

न्यायाधीश ने कहा- ‘‘अदालत को प्रथम दृष्टया और समन के चरण में आवश्यक जांच के मानक के मद्देनजर यह निष्कर्ष निकालने के लिए बाध्यकारी आधार मिलता है कि तेज प्रताप यादव भी अधिग्रहण और अपराध की आय को छिपाने में शामिल थे और इस प्रकार वर्तमान पूरक शिकायत पर तलब किए जाने के लिए उत्तरदायी हैं।’’
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