ED की चपेट में लालू प्रसाद का कुनबा, सियासत में अनायास कभी कुछ नहीं होता
बिहार की सियासत में इस समय आरजेडी संस्थापक लालू प्रसाद यादव का कुनबा छाया हुआ है। भ्रष्टाचार के मामलों में केंद्रीय जांच एजेंसियां कार्रवाई कर रही हैं। लालू प्रसाद यादव जहां इसे प्रतिशोध की कार्रवाई बता रहे हैं, वहीं बीजेपी का कहना है कि सब कुछ सामान्य कार्रवाई है। लेकिन क्या बात सिर्फ इतनी सी है।
लालू प्रसाद यादव
Lalu Prasad family on ED radar: सियासत में अनायास कुछ नहीं होता है। हर घटना और राजनीतिक समीकरणों के पीछे कोई ना कोई वजह जरूर होती है। सियासी सोच के साथ जब फैसले लिए जाते हैं तो आमतौर लाभ की मात्रा नुकसान से अधिक होती है। अब सवाल यह कि आखिर इस तरह की लाइन लिखने का मतलब क्या है। अमूमन आम लोगों के जेहन में भी यह सवाल कौंधता है कि आखिर कुछ खास मौकों से पहले ही केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा छापेमारी की कार्रवाई क्यों शुरू हो जाती है। बात यहां लालू कुनबे पर ईडी की छापेमारी की कर रहे हैं। पटना में लालू यादव की पत्नी राबड़ी के घर पहुंच अधिकारियों ने सवाल-जवाब किए। दिल्ली में लालू यादव से पूछताछ हुई। बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के घर छापेमारी की गई।
लालू यादव का भावुक संदेश
ईडी की छापेमारी पर लालू प्रसाद यादव ने कहा कि मेरी बेटियों,नातियों और प्रेग्नेंट बहू को बीजेपी की ईडी ने बैठा रखा है। निम्न स्तर की लड़ाई लड़ी जा रही है। आपातकाल के दौर को उन्होंने देखा था। संघ और भाजपा के विरुद्ध मेरी वैचारिक लड़ाई रही है और रहेगी। इनके समक्ष मैंने कभी भी घुटने नहीं टेके हैं और मेरे परिवार एवं पार्टी का कोई भी व्यक्ति आपकी राजनीति के समक्ष नतमस्तक नहीं होगा।लेकिन इस तरह के बयान का मतलब क्या है। भ्रष्टाचार के मामलों को सामना कर रहे लालू यादव क्या विक्टिम कार्ड खेल रहे हैं या वजह कुछ और है।
bhola yadav
राबड़ी देवी के आवास पर हुई थी छापेमारीयहां पर गौर करने वाली बात है कि जब राबड़ी देवी के आवास पर ईडी ने छापेमारी की थी तो उन्होंने कहा था कि यह सब तो चलता रहता है।
rabari devi
तेजस्वी यादव के यहां छापेमारी
tejashwi yadav
क्या कहते हैं जानकार
जानकार कहते हैं कि ईडी की कार्रवाई को आरजेडी, बिहार की जमीनी सच्चाई और बीजेपी की राजनीति तीनों के नजरिए से देखने की जरूरत है। बीजेपी के लिए यह सामान्य सी कार्रवाई है, लेकिन आरजेडी को यकीन है कि पार्टी और उसके नेताओं के वजूद को खत्म करने की कार्रवाई है। इन सबसे इतर एक थ्योरी यह भी मौजूदा हालात में बिहार के सामाजिक समीकरण को साधना बीजेपी के लिए चुनौती है, लिहाजा सियासी तौर पर आरजेडी को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है। आरजेडी के नेता कहते हैं कि आखिर जब वो सत्ता में नहीं थे उस समय बीजेपी नियंत्रित केंद्रीय एजेंसियों को कार्रवाई की बात नहीं याद आई। लेकिन नीतीश कुमार के साथ सत्ता में आते ही लालू परिवार पूरी तरह से दागदार नजर आने लगा। जानकार कहते हैं कि बिहार की सियासत में जातीय चक्र को तोड़ पाने की कोशिश बीजेपी की तरफ से की जाती है। लेकिन जाति इस हद तक जड़े जमा चुकी है कि सियासी तौर पर उसे फायदा मिलना मुश्किल है।
नीतीश कुमार के साथ बीजेपी सरकार में रही है। लेकिन अब तस्वीर अलग है। 2024 का चुनाव बीजेपी के लिए अहम है क्योंकि अगर केंद्रीय सत्ता हासिल करने का मतलब किसी गैर कांग्रेसी सरकार का लगातार तीन बार सत्ता पर कब्जा होगा जिसका ऐतिहासिक महत्व रहेगा। बीजेपी अपने मकसद को हासिल करने के लिए बिहार को किसी भी कीमत पर कुर्बान नहीं करेगी, लिहाजा सियासी तौर पर विरोधियों को कमजोर करने का प्रयास होगा। अगर लालू प्रसाद यादव के कुनबे पर कार्रवाई हो रही है जिसका आधार है। चाहे चारा घोटाला हो, जमीन के बदले नौकरी का केस हो, यह सभी मामले उस समय के हैं जब बीजेपी सत्ता से कोसों दूर थी।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
खबरों को सटीक, तार्किक और विश्लेषण के अंदाज में पेश करना पेशा है। पिछले 10 वर्षों से डिजिटल मीडिया म...और देखें
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited