लैंड फॉर जॉब स्कैम : मामले में ED के सामने पहली बार तेजप्रताप यादव, जमीन, फ्लैट से लेकर बंगले के बारे में हुई पूछताछ

Land For Job Scam : सूत्रों के मुताबिक ईडी ने पूछा है कि आपके नाम से जो जमीन है वो आपने कैसे अर्जित की। जिन लोगों से नौकरी के बदले जमीन ली गई उन्हें वह कैसे जानती हैं। उन लोगों से वह पहली बार कब मिलीं। उन लोगों को नौकरी देने के लिए आपने पैरवी क्यों किया? ऐसे तमाम सवाल हैं जो राबड़ी देवी से किए गए हैं।

tejpratap yadav

लैंड फॉर जॉब मामले में तेजप्रताप से हुई पूछताछ।

Land For Job Scam : रेलवे में नौकरी के बदले जमीन लिखवाने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से पटना में सवाल कर रही है। जांच एजेंसी ने राबड़ी देवी से कई सवाल पूछे हैं। सूत्रों के मुताबिक ईडी ने पूछा है कि आपके नाम से जो जमीन है वो आपने कैसे अर्जित की। जिन लोगों से नौकरी के बदले जमीन ली गई उन्हें वह कैसे जानती हैं। उन लोगों से वह पहली बार कब मिलीं। उन लोगों को नौकरी देने के लिए आपने पैरवी क्यों किया? ऐसे तमाम सवाल हैं जो राबड़ी देवी से किए गए हैं। मामले में ईडी पहली बार तेजप्रताप यादव से पूछताछ कर रही है।

न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित बंगले के बारे में भी पूछा

इसके अलावा दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में तेजस्वी यादव ने कथित रूप से जो बंगला खरीदा उसके बारे में भी जांच एजेंसी ने सवाल किया। पटना के सगुना मोड़ स्थित अपार्टमेंट की जमीन खरीदने के बारे में भी उनसे सवाल पूछे गए। ईडी ने पूछा कि अपार्टमेंट का निर्माण कब शुरू हुआ और निर्माण में लगी राशि कहां से आई थी।

तेज प्रताप से पहली बार पूछताछ

यह पहली बार है जब मामले में ईडी ने तेज प्रताप यादव पर शिकंजा कसते हुए उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया है। इससे पहले जांच एजेंसी लालू प्रसाद, मीसा भारती, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव से पूछताछ कर चुकी है। अब ईडी तेजप्रताप यादव से सवाल जवाब कर रही है।

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लालू के परिवार के लोग आरोपी

पिछले साल ईडी ने दिल्ली की एक अदालत में लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों के खिलाफ इस मामले में आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसमें राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती तथा हेमा यादव के अलावा कुछ अन्य को भी आरोपी बनाया गया था। यह मामला 2004-2009 के दौरान रेलवे में समूह ‘डी’ नियुक्तियों से संबंधित है। उस समय लालू यादव संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में रेल मंत्री थे। ईडी ने पहले एक बयान में कहा था कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी के अनुसार अभ्यर्थियों को रेलवे में नौकरी के बदले में ‘रिश्वत के तौर पर जमीन हस्तांतरित करने’के लिए कहा गया था।

नामजद आरोपी ने हेमा यादव को जमीन हस्तांतरित की

धनशोधन का मामला सीबीआई की शिकायत पर आधारित है। एजेंसी के मामले के अनुसार, लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों- राबड़ी देवी, मीसा भारती और हेमा यादव ने अभ्यर्थियों के परिवारों से (जो भारतीय रेलवे में ग्रुप डी के विकल्प के रूप में चुने गए थे) मामूली रकम पर जमीन हासिल कर ली थी। ईडी ने कहा, ‘आरोपपत्र में नामजद एक अन्य आरोपी हृदयानंद चौधरी, राबड़ी देवी की गौशाला का पूर्व कर्मचारी है, जिसने एक अभ्यर्थी से संपत्ति अर्जित की थी और बाद में उसे हेमा यादव को हस्तांतरित कर दिया था।’

फर्जी कंपनियां भी शामिल

एजेंसी ने कहा कि ‘ए.के. इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड’ और ‘ए.बी. एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड’ जैसी फर्जी कंपनियां थीं, जिन्होंने प्रसाद के परिवार के सदस्यों के लिए अपराध की आय प्राप्त की। इसने कहा कि मुखौटे के तौर पर काम करने वाले लोगों द्वारा उक्त कंपनियों के नाम पर अचल संपत्तियां अर्जित की गईं। ईडी ने दावा किया कि बाद में प्रसाद के परिवार के सदस्यों को नाममात्र की राशि में हिस्सेदारी हस्तांतरित की गई।

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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