कुल्लू में भूस्खलन का कहर, ताश के पत्तों की तरह गिरी बहु-मंजिला इमारत, लोगों में दहशत

Landslide in Kullu : कुल्लू में कब और कौन सी इमारत भरभराकर नीचे गिर जाएगी, इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। लोग अपने सामने घरों एवं इमारतों को गिरता हुआ देख रहे हैं। लोगों में दहशत है। प्रकृति के इस कहर से राज्य को अब तक करीब 10 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो गया है।

Landslide in Kullu : हिमाचल प्रदेश में बारिश एवं भूस्खलन का कहर जारी है। राज्य के कई इलाके भूस्खलन की भीषण चपटे में हैं। इमारतें गिर रही हैं और संपत्तियों को नुकसान पहुंच रहा है। सबसे ज्यादा तबाही कुल्लू में हुआ है। यहां पहाड़ों के दरकने एवं भूस्खलन से कई बहुमंजिला इमारतें ताश के पत्तों की तरह जमींदोज हुई हैं। कब और कौन सी इमारत भरभराकर नीचे गिर जाएगी, इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। लोग अपने सामने घरों एवं इमारतों को गिरता हुआ देख रहे हैं। लोगों में दहशत है। प्रकृति के इस कहर से राज्य को अब तक करीब 10 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो गया है।

12 लोगों की मौत

हिमाचल प्रदेश में मंगलवार रात हुई भारी बारिश के बाद भूस्खलन की घटनाओं में 12 लोगों की मौत हो गई और कुछ मकानों के क्षतिग्रस्त होने के अलावा 400 से अधिक सड़कें अवरूद्ध हो गईं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान राज्य के 12 में से छह जिलों में " भारी से भीषण बारिश और कुछ स्थानों पर अत्यधिक भीषणतम बारिश" होने का अनुमान जताते हुए बुधवार को ‘रेड अलर्ट’ जारी किया। इस मॉनसून में भारी बारिश के तीन बड़े दौरों के बाद राज्य में कुल 709 सड़कें बंद हो गई हैं । भारी बारिश के कारण प्रदेश में बड़ पैमाने पर विनाश एवं मौत की घटनाएं हुयी हैं।

करंट लगने से भी हुईं मौतें

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भारी बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए लोगों से सतर्क रहने की अपील की है । प्रदेश के शिमला, मंडी और सोलन जिलों में बुधवार से दो दिनों के लिए सभी स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, प्रदेश में हुयी 12 मौतों में से सात लोगों की मौत मंडी और शिमला में भूस्खलन के कारण हुई, इसके अलावा, बिजली का करंट लगने से तीन अन्य लोगों की मौत हुयी, और राज्य के विभिन्न हिस्सों में डूबने और ऊंचाई से गिरने के कारण एक-एक व्यक्ति की मौत की सूचना मिली है। उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने बताया कि मंडी जिले के सेराज क्षेत्र के दो गांवों में बादल फटने से हुए भूस्खलन में पांच लोगों की मौत हो गई है।

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