आखिरी राफेल भी पहुंच गया भारत, पूरा हो गया 36 का कोटा; चीन के हमलों को देगा मुंहतोड़ जवाब
जुलाई 2020 में राफेल विमानों की पहली खेप इंडिया पहुंची थी। तब पांच लड़ाकू विमान भारतीय सेना को मिले थे। जिसके बाद से लगातार फ्रांस से राफेल विमान भारत पहुंचते रहे हैं। 2016 में 36 राफेल विमानों का सौदा भारत सरकार ने किया था। इस विमान के आ जाने से भारतीय वायुसेना की ताकत में काफी इजाफा हुआ है।
राफेल (Rafale) विमानों का आखिरी फाइटर जेट भी भारत पहुंच गया है। चीन (China) के साथ सीमा पर तनातनी के बीच, भारतीय सेना में राफेल विमानों की भूमिका और बढ़ जाती है। गुरुवार से ही चीन की सीमा के पास भारतीय सेना युद्धाभ्यास भी कर रही है। ऐसे में एक और राफेल के आ जाने से भारतीय सेना की क्षमताओं में और वृद्धि हो गई है। भारत के पास पहले से ही 35 राफेल विमान हैं।
2016 में हुई थी डील
इस 36वें राफेल के पहुंचने के बाद से भारत और फ्रांस के बीच की डील पूरी हो गई है। 2016 में भारत सरकार ने फ्रांस के साथ 36 राफेल विमानों की डील की थी, जिसके अनुसार कई चरणों में भारत को ये विमान मिलने थे। जिसके बाद जुलाई 2020 में राफेल विमानों की पहली खेप इंडिया पहुंची थी, उसके बाद से ये कुछ-कुछ समय के अंतराल पर भारत पहुंच रहे थे।
यहां हैं तैनात
राफेल लड़ाकू विमानों को अंबाला, हरियाणा और पश्चिम बंगाल के हासीमारा एयरफोर्स बेस पर तैनात किया गया है। 36 वां राफेल पूरी तरह से भारत की मांग के अनुरूप अपडेट किया हुआ है। बाकि को यहीं पर भारतीय वायुसेना अपग्रेड कर रही है।
राफेल की खासियत
राफेल एक 4.5 पीढ़ी का विमान है। जिसमें उन्नत रडार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमताओं के साथ लंबी दूरी की हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें लगी हैं। राफेल को चीन के साथ संघर्ष को देखते हुए भारतीय वायु सेना में तेजी से शामिल किया गया था। देश में आने के एक सप्ताह के भीतर ही लद्दाख में राफेल की तैनाती कर दी गई थी।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
End of Article
टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल author
अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना च...और देखें
End Of Feed
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited