शारदा सिन्हा को पद्म विभूषण पुरस्कार, जानें लिस्ट में किन-किन दिग्गजों के नाम शुमार
Sharda Sinha to be awarded Padma Vibhushan: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति ने पद्म पुरस्कार 2025 के विजेताओं के नाम पर मुहर लगा दी है। देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक पद्म पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिए जाते हैं। राष्ट्रपति ने सात पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 पद्म श्री सहित 139 पद्म पुरस्कारों को मंजूरी दी है। लोकगायिका शारदा सिन्हा को पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
मशहूर लोकगायिका शारदा सिन्हा को मरणोपरांत पद्म विभूषण।
Full List of Padma Awardees: लोकगायिका शारदा सिन्हा को पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कार 2025 की घोषणा कर दी है, जिसे भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी है। देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक पद्म पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिए जाते हैं जिनमें पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री शामिल है।
लोकगायिका शारदा सिन्हा को पद्म विभूषण पुरस्कार
सरकार ने ये जानकारी दी है कि राष्ट्रपति ने सात पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 पद्म श्री सहित 139 पद्म पुरस्कारों को मंजूरी दे दी है। वर्ष 2025 के लिए राष्ट्रपति ने नीचे दी गई सूची के अनुसार 1 युगल मामले (युगल मामले में, पुरस्कार को एक माना जाता है) सहित 139 पद्म पुरस्कारों को प्रदान करने की स्वीकृति दी है। इस सूची में 7 पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं। दिवंगत लोक गायिका शारदा सिन्हा, सुजुकी मोटर के पूर्व सीईओ, दिवंगत ओसामु सुजुकी को पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाएगा।
शारदा सिन्हा ने दुनिया को कह दिया है अलविदा
अपनी मधुर आवाज से करोड़ों दिलों पर राज करने वालीं मशहूर लोकगायिका शारदा सिन्हा का पिछले वर्ष 5 नवंबर, 2024 की रात को निधन हो गया था। वह लंबे समय से बीमार थीं। शारदा सिन्हा ने यूं तो सैकड़ों लोकगीतों और फिल्मी गानों को अपनी आवाज दी है, लेकिन उनके गाए छठ गीत बेहद लोकप्रिय हुए। यूं कहा जाए कि बिना शारदा सिन्हा के गीतों के छठ पूजा पूरी ही नहीं होती तो ये कहीं से भी गलत ना होगा। यूपी बिहार हो या फिर मुंबई, जहां कहीं भी छठ का त्योहार मनता है वहां शारदा सिन्हा के छठ गीत जरूर सुनाई पड़ते हैं।
पद्म भूषण से सम्मानित किए जाने वालों की लिस्ट
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष और अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम मनोहर जोशी, गायक पंकज उधास और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी को मरणोपरांत पद्म भूषण से सम्मानित किया जाएगा। पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी पीआर श्रीजेश, साध्वी ऋतंभरा, अभिनेता एस. अजित कुमार और फिल्म निर्देशक शेखर कपूर को भी पद्म भूषण से सम्मानित किया जाएगा। नीचे पूरी लिस्ट देखें।
पद्म श्री से सम्मानित किए जाने वालों की लिस्ट
गायक अरिजीत सिंह, अनुभवी अभिनेता अशोक सराफ, हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक अश्विनी भिड़े-देशपांडे, स्वर्ण पदक विजेता पैरा-तीरंदाज हरविंदर सिंह, गायक जसपिंदर नरूला, ब्राजील में विश्व विद्या गुरुकुलम के संस्थापक - जोनास मैसेटी, बिहार धार्मिक बोराद के अध्यक्ष और सचिव महावीर मंदिर ट्रस्ट - किशोर कुणाल (मरणोपरांत), क्रिकेटर आर अश्विन को पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा। नीचे पूरी लिस्ट देखें।
तीस गुमनाम नायकों को पद्मश्री से सम्मानित करने की घोषणा
गोवा की 100 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी, 150 महिलाओं को पुरुष प्रधान क्षेत्र ढाक वादन में प्रशिक्षित करने वाले पश्चिम बंगाल के ढाक वादक और कठपुतली का खेल दिखाने वाली पहली भारतीय महिला उन 30 गुमनाम नायकों में शामिल हैं जिन्हें पद्मश्री से सम्मानित करने की घोषणा की गई है। सरकारी बयान में शनिवार को यह जानकारी दी गई। गोवा के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली लीबिया लोबो सरदेसाई ने पुर्तगाली शासन के खिलाफ लोगों को एकजुट करने के लिए 1955 में एक जंगली इलाके में भूमिगत रेडियो स्टेशन ‘वोज दा लिबरडाबे (वॉयस ऑफ फ्रीडम)’ की स्थापना की थी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर सरदेसाई को पद्मश्री से सम्मानित करने की घोषणा की। पुरस्कार पाने वालों में पश्चिम बंगाल के 57 वर्षीय ढाक वादक गोकुल चंद्र डे भी शामिल हैं जिन्होंने पुरुष-प्रधान क्षेत्र में 150 महिलाओं को प्रशिक्षण देकर लैंगिक रूढ़िवादिता को तोड़ा। डे ने ढाक प्रकार का एक हल्का वाद्ययंत्र भी बनाया, जो वजन में पारंपरिक वाद्ययंत्र से 1.5 किलोग्राम कम था। उन्होंने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व किया और पंडित रविशंकर तथा उस्ताद जाकिर हुसैन जैसी हस्तियों के साथ कार्यक्रम किए।
पद्मश्री सम्मान की सूची में शामिल महिला सशक्तीकरण की मुखर समर्थक 82 वर्षीय सैली होलकर ने लुप्त हो रही माहेश्वरी शिल्प कला को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और पारंपरिक बुनाई तकनीकों में प्रशिक्षण देने के लिए मध्य प्रदेश के महेश्वर में हथकरघा स्कूल की स्थापना की। रानी अहिल्याबाई होल्कर की विरासत से प्रेरित और अमेरिका में जन्मीं सैली होलकर ने बुनाई की 300 साल पुरानी विरासत को पुनर्जीवित करने के लिए अपने जीवन के पांच दशक समर्पित कर दिए।
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