Tejas MK1A की पहली उड़ान: क्यों इसकी ताकत और खूबियों से उड़ेगी दुश्मनों की नींद, जानिए बड़ी बातें
सीमाओं पर चीन और पाकिस्तान के साथ चल रही तनातनी के मद्देनजर ये विमान भारत के लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे। जानिए बड़ी बातें
Tejas MK-1A की पहली उड़ान
LCA Mark 1A Fighter Aircraft: हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने द्वारा निर्मित मेड इन इंडिया स्वदेशी एलसीए मार्क 1ए लड़ाकू विमान (LCA Mark 1A fighter aircraft) ने गुरुवार को पहली उड़ान भरी जो पूरी तरह सफल रही। लड़ाकू विमान अपनी पहली उड़ान के दौरान 15 मिनट तक हवा में रहा। इस विमान का संचालन ग्रुप कैप्टन केके वेणुगोपाल (सेवानिवृत्त) कर रहे थे। एचएएल ने इस परीक्षण की सफलता में योगदान देने के लिए रक्षा मंत्रालय, भारतीय वायु सेना, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और संबंधित निजी फर्मों के प्रति अपना आभार जताया। एचएएल ने कहा कि देश तेजस एमके1ए को जल्द वायुसेना में शामिल करने की उम्मीद कर सकता है।
वायुसेना की ताकत में होगा इजाफा
HAL मार्च के अंत तक वायुसेना को स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट सौंप सकता है। इस लड़ाकू विमान को वायुसेना पाकिस्तान की सीमा से सटे बीकानेर स्थित नाल एयरक्राफ्ट स्टेशन पर तैनात किया सकता है। इसे बेड़े में शामिल किए जाने से वायुसेना की ताकत में काफी इजाफा होगा। सीमाओं पर चीन और पाकिस्तान के साथ चल रही तनातनी के मद्देनजर ये विमान भारत के लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे।
जानिए बड़ी बातें
- तेजस एमके1ए में उन्नत इलेक्ट्रॉनिक रडार, युद्ध और संचार प्रणाली, अतिरिक्त युद्ध क्षमता और बेहतर रखरखाव सुविधाएं होंगी।
- यह भारतीय वायु सेना के लिए एक स्वदेशी 4.5 पीढ़ी का विमान है, हर मौसम में काम करने वाला और बहु-भूमिका वाला लड़ाकू विमान है जिससे यह दुश्मनों पर भारी पड़ेगा।
- LCA Mk-1A, LCA Mk-1 का उन्नत संस्करण है, जिसे पहले ही IAF बेडे़ में शामिल किया जा चुका है।
- एलसीए आने वाले दशक और उसके बाद भारतीय वायुसेना की लड़ाकू शक्ति की आधारशिला के रूप में उभरने के लिए पूरी तरह तैयार है।
- IAF ने फरवरी 2021 में 48,000 करोड़ रुपये में 83 Mk-1A लड़ाकू विमानों का ऑर्डर दिया था और लगभग 67,000 करोड़ रुपये की लागत से 97 और Mk-1A खरीदने की योजना है। पहला विमान 31 मार्च तक भारतीय वायुसेना को दिया जाना था, लेकिन इसमें कुछ देरी हुई है क्योंकि कुछ प्रमाणपत्र अभी भी लंबित हैं।
वायुसेना को मिलेंगे कुल 350 एलसीए
दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायु सेना, भारतीय वायुसेना को लगभग 350 एलसीए (Mk-1, Mk-1ए और Mk-2 संस्करण) मिलने हैं, जिनमें से एक तिहाई का ऑर्डर पहले ही दिया जा चुका है। कुछ विमानों को शामिल कर लिया गया है। एचएएल ने 8 नवंबर, 2023 को सीएसआईआर-नेशनल एयरोस्पेस लेबोरेटरीज (CSIR-NAL) के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (TOT) समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। समझौते का उद्देश्य हल्के लड़ाकू विमान (LCA) - तेजस एमके1ए - के श्रृंखला उत्पादन के लिए बीएमआई इंजन बे डोर का निर्माण करना था जो भारतीय वायु सेना के लिए एक स्वदेशी 4.5 पीढ़ी, हर मौसम में काम करने वाला और बहु-भूमिका वाला लड़ाकू विमान है।
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