एक्सक्लूसिव: पंढरपुर यात्रा में शामिल होंगे नेता विपक्ष राहुल गांधी, शरद पवार ने भेजा न्यौता

Pandharpur Yatra: शरद पवार ने राहुल को बतौर महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के नेता के तौर पर महाराष्ट्र में सुप्रसिद्ध पंढरपुर वार्षिक धार्मिक यात्रा में शामिल होने का न्यौता दिया है। बता दें, पंढरपुर की ये प्रसिद्ध सामाजिक यात्रा समाज सुधारक तुकाराम और संत ज्ञानेश्वर की पालकी के साथ भजन कीर्तन करते हुए करीब 250 किलोमीटर लंबी होती है।

Pandharpur Yatra

शरद पवार ने पंढरपुर यात्रा के लिए राहुल गांधी को भेजा न्यौता

मुख्य बातें
  • राहुल गांधी महाराष्ट्र में सुप्रसिद्ध पंढरपुर वार्षिक धार्मिक यात्रा में होंगे शामिल
  • शरद पवार ने पंढरपुर वार्षिक धार्मिक यात्रा में शामिल होने के लिए राहुल गांधी को भेजा न्यौता

Rahul Gandhi: 2019 में जिस कांग्रेस शरद पवार ने कांग्रेस को उजड़ी हवेली का पुराना जमींदार बताया था अब बदले सियासी हालात में राहुल गांधी के सहारे वो महाराष्ट्र में वापसी की राह देख रहे हैं। दरअसल खबर है कि मराठा क्षत्रप शरद पवार ने राहुल को बतौर महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के नेता के तौर पर महाराष्ट्र में सुप्रसिद्ध पंढरपुर वार्षिक धार्मिक यात्रा में शामिल होने का न्यौता दिया है। सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी भी 14 जुलाई को इसमें कुछ वक्त के लिए पैदल चलकर शामिल होने का मन बना रहे हैं।

पंढरपुर की ये प्रसिद्ध सामाजिक यात्रा समाज सुधारक तुकाराम और संत ज्ञानेश्वर की पालकी के साथ भजन कीर्तन करते हुए करीब 250 किलोमीटर लंबी होती है। इस यात्रा की खासियत है कि इसमें दलित उत्थान, समाज सुधार और विकासशील हिन्दू समाज का समागम नजर आता है। इस यात्रा को खुद शरद पवार ने 7 जुलाई को अपने गांव कटेवाड़ी में स्वागत करके एक बड़ी सियासी लकीर खींच दी है। अब आने वाली आषाढ़ एकादशी को यात्रा अपने अंतिम पड़ाव पर होगी और उसी दिन पवार ने अपने सहयोगी राहुल और उद्धव से इसमें शामिल होने का न्योता दिया है।

अघाड़ी की जीत का मंत्र भांप चुके हैं पवार!

महाराष्ट्र की सियासत के पुरोधा शरद पवार ने भांप लिया कि, दलित, मुस्लिम, मराठा का मेल महाविकास अघाड़ी की जीत की कुंजी है। जो हाल के लोकसभा चुनाव में दिखा भी है। ऐसे में मराठा क्षत्रप पवार ने दलित, आदिवासी, मुस्लिम, मराठा वर्ग के साथ ही दलितों को सहेजते हुए प्रगतिशील हिन्दू वर्ग पर निशाना साध कर राज्य की राजनीति के बड़े वोटबैंक को साधने की कोशिश की है।

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लोकसभा चुनाव के बाद एक बाद साफ हो चुका है कि जिस राहुल को 2019 में ममता और पवार नेता मानने तक से इंकार कर चुके थे, अब वहीं राहुल लोकसभा में विपक्ष के सर्वमान्य नेता हैं। भारत जोड़ो यात्रा के जरिए दलित,पिछड़े, आदिवासी, अल्पसंख्यक और महिलाओं के बीच राहुल गांधी एक ऐसे नेता के तौर पर जगह बना चुके हैं जिनके बिना कांग्रेस के सहयोगी दल उन्हें अपनी ओर खींचने में नाकाम पाते हैं।

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गौरव श्रीवास्तव author

टीवी न्यूज रिपोर्टिंग में 10 साल पत्रकारिता का अनुभव है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से लेकर कानूनी दांव पेंच से जुड़ी हर खबर आपको इस जगह मिलेगी। साथ ही चुना...और देखें

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