'टॉयलेट छोड़ो और पायलट से जुड़ो', राजस्थान कांग्रेस विधायक ने सीएम गहलोत को लिखा ये कैसा पत्र

सांगोद के विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने लिखा, 'गलत की जानकारी होते हुए भी उच्च अधिकारियों की चुप्पी मिलीभगत है। यदि विभागाध्यक्ष चुप हैं तो यह मिलीभगत से भ्रष्टाचार है। पद का अहंकार जनता को कष्ट देता है।'

Rajasthan CM Ashok Gehlot

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (फाइल फोटो)

तस्वीर साभार : भाषा

Leave toilet and join Pilot: राजस्थान राज्य में कांग्रेस के एक विधायक ने भ्रष्टाचार की गंदगी का जिक्र करते हुए शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पार्टी के हित में 'टॉयलेट छोड़कर पायलट से जुड़ने' का अनुरोध किया। सांगोद के विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने गहलोत को लिखे पत्र में राजस्थान के खनन एवं गो-पालन मंत्री प्रमोद जैन भाया का हवाला देते हुए 'भ्रष्ट भाया' को संरक्षण देना बंद करने को भी कहा।

कुंदनपुर ने पत्र में अपने कोटा कार्यालय में रखे रावण के पुतले के बारे में लिखा और कहा कि उन्होंने तथा पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं ने पिछले भाजपा शासन के 'गलत कामों' के विरोध में अकसर इसका इस्तेमाल किया है।उन्होंने कहा कि पुतले पर लिखा एक संदेश विचार करने योग्य है। उन्होंने इसे पत्र में उद्धृत करते हुए कहा, 'जानबूझकर गलती करना गलत है। गलती को छिपाना और भी बुरा है।'

गृह मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे गहलोत का जिक्र करते हुए कुंदनपुर ने कहा कि राज्य के गृह मंत्री को इन बिंदुओं पर विचार करना चाहिए।

कुंदनपुर ने कहा, 'कृपया भ्रष्ट 'भाया' को संरक्षण देना बंद करें'

चार बार विधायक और एक बार मंत्री रहे कुंदनपुर ने पत्र को यह कहते हुए समाप्त किया, 'पार्टी के हित में, कृपया टॉयलेट (शौचालय) छोड़ें और पायलट से जुड़ें।"बाद में बातचीत में विधायक ने बताया कि उन्होंने राज्य में भ्रष्टाचार की कथित गंदगी को संदर्भित करने के लिए पत्र में "टॉयलेट" शब्द का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि भाया के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच लंबित रहती है लेकिन जांच अधिकारी सेवानिवृत्त हो जाते हैं। कुंदनपुर ने कहा, 'पायलट जो कर रहे हैं वह उचित है और जो भी भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलता है, वह उनके साथ है।'

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