उपराज्यपाल या केजरीवाल, दिल्ली में कौन ज्यादा ताकतवर? समझिए शक्तियों के मायने

Delhi Service Bill: देश की राजधानी दिल्ली में साल 2015 से चल रही केजरीवाल बनाम उपराज्यपाल की लड़ाई पर फिलहाल के लिए ब्रेक लग चुका है। राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण विधेयक 2023 के जरिए केंद्र सरकार ने अरविंद केजरीवल को बड़ा झटका दिया है। आपको समझाते हैं कि अब दिल्ली में कौन ज्यादा ताकतवर है?

दिल्ली में कौन अधिक शक्तिशाली?

Delhi Power News: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बीते 8 सालों से केंद्र की मोदी सरकार पर ये आरोप लगाते आ रहे हैं कि सीएम के अधिकारों को छीना जा रहा है और उपराज्यपाल अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। अब राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण विधेयक 2023 के पारित होने के बाद दिल्ली में कौन ज्यादा पावरफुल होगा, केजरीवाल या उपराज्याल? आपको नीचे समझाते हैं।

राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण को समझिए

दिल्ली सेवा बिल के नाम से चर्चित 'राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण विधेयक 2023' संसद के दोनों सदन लोकसभा और राज्यसभा से पारित हो चुका है। अब राष्ट्रपति का हस्ताक्षर होते ही ये विधेयक कानून बन जाएगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ये आरोप लगा रहे हैं कि ये विधेयक संविधान और अधिकारों पर हमला है। आपको समझाते हैं कि अब इस विधेयक के पारित होने से दिल्ली में किसके पास क्या-क्या अधिकार हैं।

राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण के अधिकार

इस प्राधिकरण के अध्यक्ष के दिल्ली के मुख्यमंत्री होंगे। इसके अलावा दिल्ली सरकार के प्रधान गृह सचिव इस प्राधिकरण के सदस्य सचिव होंगे। वहीं दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव इस प्राधिकरण के सदस्य होंगे। बहुमत के आधार पर ये प्राधिकरण दिल्ली के उपराज्यपाल को सेवाओं संबंधित मामलों में सुझाव देगा। एलजी की मुहर के बाद ही इस सुझाव को अमल में लाया जा सकेगा। आपको समझाते हैं कि इस प्राधिकरण के पास कौन-कौन से सुझाव देने के अधिकार होंगे।

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