यूपी में लव जिहाद पर आजीवन कारावास की सजा, योगी सरकार ने विधानसभा में पेश किया विधेयक

Lifetime Imprisonment For Love Jihad in UP News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने विधानसभा में विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध (संसोधन) विधेयक पेश किया है। इसके तहत अवैध धर्म परिवर्तन पर आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा धर्म परिवर्तन के लिए फंडिंग को भी अपराध के दायरे में लाया गया है।

UP CM Yogi Adityanath

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Lifetime Imprisonment For Love Jihad: उत्तर प्रदेश में बढ़ते 'लव जिहाद' के मामलों को लेकर योगी सरकार ने सख्त रुख अख्तियार किया है। अब लव जिहाद पर आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। इसके अलावा धर्म परिवर्तन के लिए फंडिंग मामले में भी सजा बढ़ाए जाने का प्रावधान है। इस बाबत यूपी की योगी सरकार ने सोमवार को विधानसभा में विधेयक पेश किया है।
सरकार ने विधानसभा में विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध (संसोधन) विधेयक पेश किया है। इसमें अपराध का दायरा और सजा दोनों ही बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है। फंडिंग व अपराध दोनों पर नया शिकंजा कसा गया है ।

नए कानून के तहत फंडिंग भी अपराध के दायरे में

विधानसभा में पेश किए गए विधेयक में विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन के लिए फंडिंग को भी इस कानून के तहत अपराध के दायरे में लाया गया है। इसमें विदेशी संस्थाओं या किसी भी अवैध संस्था से हुई फंडिंग भी शामिल है। अगर कोई धर्म परिवर्तन की नीयत से किसी व्यक्ति को जीवन या संपत्ति के भय में डालता है, हमला, बल प्रयोग या शादी करने का वादा करता है या इसके लिए षड्यंत्र करता है तो उसे आजीवन कारावास के साथ जुर्माना भी भरना होगा। कोर्ट पीड़ित के इलाज के खर्च और पुनर्वास के लिए न्यायोचित धनराशि जुर्माने के रूप में तय कर सकेगी। सरकार का कहना है कि अपराध की संवेदनशीलता, महिलाओं की गरिमा व सामाजिक स्थिति, महिला, एससी-एसटी आदि का अवैध धर्मांतरण रोकने के लिए यह महसूस किया गया कि सजा व जुर्माना और कड़ा करने की जरूरत है। इसलिए, यह विधेयक लाया जा रहा है।

अब इतनी होगी सजा

दिव्यांग, मानसिक दुर्बल को कपट, बहला-फुसला कर धर्म बदलवाने पर 5-14 साल की जेल और 1 लाख रुपये जुर्माना देना होगा। अवैध धर्म परिवर्तन के लिए विदेशी फंडिंग पर 7-14 साल की जेल व 10 लाख जुर्माना, अवैध धर्म परिवर्तन के लिए नाबालिग, महिला, व्यक्त की तस्करी पर 20 साल से आजीवन कारावास तक की सजा और जुर्माना अदालत तय करेगी।
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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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