उत्तराखंड टनल हादसा: सिलक्यारा टनल में फंसे सभी मजदूरों सुरक्षित, पहुंचा भोजन और पानी; रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
Silkyara Tunnel Rescue Operation: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए मलबा हटाने का कार्य लगातार जारी है। मलबा हटाने के लिए हैवी एक्सकैवेटर मशीनों को जुटाया गया है। वॉकी-टॉकी के जरिए टनल में फंसे मजदूरों से संपर्क हुआ है। फिलहाल सभी मजदूर सुरक्षित बताए जा रहे हैं। टनल में पानी की आपूर्ति के लिए बिछी पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। इसी पाइपलाइन के जरिए रात में चना-चबैना के पैकेट कंप्रेसर के जरिए दबाव बनाकर टनल में फंसे मजदूरों तक भेजे गए हैं। पुलिस बल, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम मौके पर मौजूद है। इस खबर से जुड़ी हर बड़ी जानकारी देखें सबसे पहले यहां।
Uttarkashi Uttarakhand Landslide Live
Silkyara Tunnel Rescue Operation: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए मलबा हटाने का कार्य लगातार जारी है। मलबा हटाने के लिए हैवी एक्सकैवेटर मशीनों को जुटाया गया है। वॉकी-टॉकी के जरिए टनल में फंसे मजदूरों से संपर्क हुआ है। फिलहाल सभी मजदूर सुरक्षित बताए जा रहे हैं। टनल में पानी की आपूर्ति के लिए बिछी पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। इसी पाइपलाइन के जरिए रात में चना-चबैना के पैकेट कंप्रेसर के जरिए दबाव बनाकर टनल में फंसे मजदूरों तक भेजे गए हैं। पुलिस बल, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम मौके पर मौजूद है। इस खबर से जुड़ी हर बड़ी जानकारी देखें सबसे पहले यहां।
एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने लिया जायजा
एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने सिल्कयारा सुरंग में चल रहे राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने रेस्क्यू कर्मियों को जरूरी निर्देश दिए और सुंरग के अंदर फंसे लोगों को जल्द से जल्द निकालने पर जोर दिया।सीएम धामी ने टनल में फंसे मजदूरों के परिजनों को दिया भरोसा
उत्तरकाशी सुरंग हादसे पर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आपदा परिचालन केंद्र में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, 'उत्तरकाशी-यमनोत्री मार्ग पर स्थित सिल्क्यारा सुरंग के अंदर 40 लोग फंसे हुए हैं। लोगों को भोजन और पानी के साथ ऑक्सीजन लगातार मुहैया कराई जा रही है।' उन्होंने आगे बताया कि 'सभी लोग अंदर हैं... उनसे संपर्क स्थापित हो गया है। वे सभी सुरक्षित हैं और मैं फंसे हुए लोगों के परिवार के सभी सदस्यों को आश्वासन देता हूं कि उन्हें जल्द ही सुरंग से बाहर निकाल लिया जाएगा। टीमें मौके पर मौजूद हैं और बचाव कार्य कर रही हैं, काम चल रहा है।'घटना स्थल पर पहुंचे सीएम धामी ने लिया बचाव कार्य का जायजा
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को उत्तरकाशी-यमनोत्री मार्ग पर स्थित सिल्कयारा सुरंग के अंदर फंसे 40 लोगों को बचाने के अभियान के बारे में जानकारी दी गई। उत्तरकाशी-यमनोत्री मार्ग पर सिल्क्यारा टनल में ऑपरेशन रेस्क्यू ऑपरेशन पर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी कहते हैं, "पीएम ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, अन्य एजेंसियां और विशेषज्ञ फंसे हुए 40 लोगों को बचाने के लिए काम कर रहे हैं। हम आश्वस्त करना चाहते हैं फंसे हुए लोगों के परिवारों को राज्य सरकार और प्रशासन बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।"'स्थिति अब बेहतर है, मजदूर सुरक्षित हैं'
उत्तराखंड के उत्तरकाशी सुरंग हादसे पर एनएचआईडीसीएल (नेशनल हाईवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड) के निदेशक अंशू मनीष खलको ने बताया कि 'स्थिति अब बेहतर है, मजदूर सुरक्षित हैं। हम भोजन और पानी मुहैया करा रहे हैं। अंदर लगभग 40 लोग हैं, हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं।'उत्तरकाशी के डीएम अभिषेक रोहिला ने बताया ताजा अपडेट
उत्तराखंड के उत्तरकाशी सुरंग हादसे पर उत्तरकाशी के डीएम अभिषेक रोहिला ने बताया कि 'हमें यहां एक दुर्घटना के बारे में जानकारी मिली... प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य और एसडीआरएफ और एनडीआरएफ जैसी प्रतिक्रिया बलों की टीमें यहां पहुंचीं और बचाव अभियान के लिए कार्य शुरू किया। हम अंदर फंसे लोगों को जल्द से जल्द बचाने की कोशिश कर रहे हैं।'घटना स्थल के लिए रवाना हुए मुख्यमंत्री पुष्कर धामी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पर पोस्ट कर ये बताया कि 'उत्तरकाशी के सिलक्यारा के पास निर्माणाधीन सुरंग में हुए भू-धंसाव की घटना के स्थलीय निरीक्षण व राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा हेतु घटना स्थल के लिए निकल रहा हूं। टनल में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए मलबा हटाने का कार्य निरंतर जारी है, वॉकी-टॉकी के माध्यम से टनल में फंसे श्रमिकों से संपर्क हुआ है। सभी के सुरक्षित होने की सूचना मिली है, उन्हें शीघ्र सकुशल बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है।'टनल में फंसे मजदूरों तक पहुंचाया गया भोजन-पानी
सिलक्यारा-डंडालगांव सुरंग के एक हिस्से के ढहने से उसके अंदर पिछले 24 घंटे से ज्यादा समय से फंसे 40 श्रमिकों तक पहुंच बनाने के लिए बचावकर्मी रातभर मलबा हटाने के काम में जुटे रहे और आखिरकार उन्हें उनसे संपर्क स्थापित करने में सफलता मिल गयी। ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग में फंसे इन श्रमिकों तक अब भोजन-पानी पहुंचाया जा रहा है। सिलक्यारा में बनाए गए पुलिस नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार, वॉकी-टॉकी के जरिए सुरंग में फंसे लोगों से संपर्क हुआ और सभी श्रमिक सुरक्षित हैं। नियंत्रण कक्ष के अनुसार, अंदर फंसे लोगों द्वारा खाने की मांग की गई है और उन्हें पाइप के जरिए भोजन के पैकेट भेजे जा रहे हैं। श्रमिक फिलहाल 35 मीटर की दूरी पर हैं।टनल में किन-किन राज्यों के 40 मजदूर फंसे?
उत्तरकाशी जिले में ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा रविवार सुबह अचानक ढह गया था जिससे उसमें 40 श्रमिक फंस गए थे। सुरंग का ढहने वाला हिस्सा सुरंग के मुहाने से करीब 200 मीटर दूर है। सुरंग का निर्माण कर रही नवयुग इंजीनियरिंग लिमिटेड के अनुसार सुरंग में फंसे मजदूर बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के हैं। हर मौसम के अनुकूल चार धाम सड़क परियोजना के तहत बन रही इस साढ़े चार किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद उत्तरकाशी से यमुनोत्री धाम तक का सफर 26 किलोमीटर कम हो जाएगा।पाइपलाइन से भेजी गई थी कागज पर संदेश लिखी पर्ची
सुरंग में पानी के लिए बिछाई गई पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। इसी पाइपलाइन के जरिए कंप्रेसर की मदद से दबाव बनाकर श्रमिकों तक भोजन के पैकेट भेजे जा रहे हैं। यह पाइपलाइन राहत और बचाव अभियान में काफी मददगार साबित हो रही है। इसी पाइपलाइन के जरिए मजदूरों से संपर्क स्थापित किया जा रहा है। सुरंग में फंसे मजदूरों तक संदेश भेजने के लिए पहले कागज पर संदेश लिखी पर्ची पाइपलाइन के जरिए भेजी गई थी। अब दुर्घटनास्थल पर पाइप के जरिये संदेशों का आदान-प्रदान हो रहा है।पीएम मोदी ने सीएम धामी से फोन कर जाना था हाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन करके उनसे घटना के संबंध में जानकारी ली तथा हर संभव मदद का आश्वासन दिया था। सीएम धामी ने कहा था कि हिमाचल प्रदेश के लेप्चा से लौटते ही प्रधानमंत्री ने उन्हें फोन कर सुरंग में फंसे श्रमिकों की स्थिति तथा राहत एवं बचाव कार्यों के संबंध में विस्तृत जानकारी ली। धामी ने बताया था कि घटना की जानकारी मिलने के बाद से वह लगातार अधिकारियों के संपर्क में हैं। धामी ने कहा कि ईश्वर से कामना है कि जल्द ही सभी लोग सकुशल बाहर आ जाएं।तेजी से हटाया जा रहा मलबा, जानें अब तक का अपडेट
उत्तरकाशी जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र ने कहा कि निर्माणाधीन सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए खुदाई करने वाली बड़ी मशीनों की मदद से पानी युक्त मलबा हटाने का कार्य निरंतर जारी है । पुलिस, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिवादन बल, अग्निशमन, आपातकालीन 108 व सुरंग का निर्माण करा रही संस्था राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल), सीमा सड़क संगठन और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के कर्मचारी मलबा हटाने और सुरंग खोलने के काम में जुटे हुए हैं। राहत और बचाव अभियान लगातार 24 घंटे चलाया जा रहा है। रविवार रात की पाली में काम की निगरानी कर रहे जल संस्थान के प्रभारी अधिशासी अभियंता दिवाकर डंगवाल ने तड़के सुरंग से बाहर आने पर बताया कि मलबा तेजी से हटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि फंसे मजदूरों तक संपर्क स्थापित करने और उन तक भोजन और ऑक्सीजन की आपूर्ति करने की कवायद रात में कई बार की गई।सीएम पुष्कर धामी आज करेंगे राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा
उत्तराखंड के सीएमओ ने ये जानकारी दी है कि सिल्कयारा टनल में चल रहे बचाव और राहत कार्यों का जायजा लेने के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी आज सुबह 11.15 बजे उत्तरकाशी में सिल्कयारा के पास एक सुरंग से भूस्खलन की घटना का स्थलीय निरीक्षण करेंगे और राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा करेंगे।एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडेंट ने बताया अंदर का हाल
उत्तराखंड के उत्तरकाशी टनल हादसे पर एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडेंट करमवीर सिंह भंडारी का कहना है, 'सुरंग के अंदर फंसे सभी 40 लोग सुरक्षित हैं, हमने उन्हें पानी और खाना मुहैया कराया है, बचाव कार्य जारी है। मलबा गीला होने के कारण हमें थोड़ी दिक्कत हो रही है, लेकिन हमारी टीम कोई कसर नहीं छोड़ रही है और बचाव कार्य जारी है।'फंसे 40 मजदूरों को उपलब्ध कराया ऑक्सीजन और पानी
उत्तराखंड में उत्तरकाशी सुरंग हादसे पर उत्तरकाशी के सर्किल ऑफिसर प्रशांत कुमार का कहना है, "सुरंग के अंदर 40 लोग फंसे हुए हैं। सभी सुरक्षित हैं, हमने उन्हें ऑक्सीजन और पानी उपलब्ध कराया है..." उन्होंने बताया कि "वर्तमान स्थिति यह है कि कल हमने सुरंग के अंदर फंसे लोगों के साथ संचार स्थापित किया। हम सुरंग के अंदर लगभग 15 मीटर तक चले गए हैं, और लगभग 35 मीटर अभी भी तय करना बाकी है। हर कोई सुरक्षित है, हमने ऑक्सीजन और पानी उपलब्ध कराया है हम सुरंग के अंदर जाने के लिए बग़ल में अपना रास्ता बना रहे हैं। संचार स्थापित करने के बाद, लगभग 40 लोग अंदर फंसे हुए हैं..."मलबा हटाने का कार्य लगातार जारी
सुरंग में मलबा हटाने का कार्य लगातार जारी है। वायरलेस से टनल के अंदर फंसे मजदूरों से संपर्क हुआ है। सभी के सुरक्षित होने की जानकारी मिल रही है। ऑक्सीजन की लगातार आपूर्ति की जा रही है। इस सुरंग के अंदर फंसे 40 श्रमिकों को बचाने के लिए रविवार सुबह से मल्टी-एजेंसी ऑपरेशन चलाया जा रहा है। उत्तरकाशी जिले में ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक निर्माणाधीन सुरंग कल सुबह लगभग 5 बजे आंशिक रूप से ढह गया, जिससे 40 मजदूर अंदर फंस गए। बचाव अभियान राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा राहत बल (एसडीआरएफ) और पुलिस द्वारा चलाया जा रहा है।सभी 40 मजदूर सुरक्षित
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी 40 मजदूर सुरक्षित हैं और उन्हें पाइप के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने कहा कि सुरंग का ढहा हुआ हिस्सा प्रवेश द्वार से लगभग 200 मीटर की दूरी पर स्थित है और सुरंग को खोलने के लिए अब तक लगभग 20 मीटर स्लैब को हटाया जा चुका है। बचाव टीम भारी मशीनों का उपयोग करके मलबा हटा रही है।सभी मजदूर सुरक्षित
उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए मलबा हटाने का कार्य लगातार जारी है। मलबा हटाने के लिए हैवी एक्सकैवेटर मशीनों को जुटाया गया है। वॉकी-टॉकी के जरिए टनल में फंसे मजदूरों से संपर्क हुआ है। फिलहाल सभी मजदूर सुरक्षित बताए जा रहे हैं । टनल में पानी की आपूर्ति के लिए बिछी पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है । इसी पाइपलाइन के जरिए रात में चना-चबैना के पैकेट कंप्रेसर के जरिए दबाव बनाकर टनल में फंसे मजदूरों तक भेजे गए हैं।रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा होने में 2-3 दिन लगने की उम्मीद
NDRF और SDRF की टीम ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है जो जारी है, बतााया जा रहा है कि इस रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा होने में 2-3 दिन लगने की उम्मीद है, हालांकि इस बीच बचाव के कार्य जारी रहेंगे।ऑक्सीजन कंप्रेसर में खराबी
रेस्क्यू कार्य टीम मौके पर पहुंच गई है लेकिन ऑक्सीजन पहुंचाने का काम अभी शुरू किया जा रहा है ऑक्सीजन कंप्रेसर में खराबी आने के कारण ऑक्सीजन कंप्रेसर का ट्रीटमेंट चल रहा है जैसे ही ऑक्सीजन कंप्रेसर ठीक होता है अंदर फंसे मजदूरों के लिए ऑक्सीजन पहुंचाई जाएगीअब तक अंदर फंसे लोगों की कोई सूचना नहीं है
अब तक अंदर फंसे लोगों की कोई सूचना नहीं है और ना ही उन तक ऑक्सीजन और खाद्य सामग्री पहुंचाई जा सकी है। दीपावली का त्यौहार होने की वजह से स्थानीय लोग आज टनल में काम नहीं कर रहे थे जिस कारण टनल में फंसे लोगों की संख्या कम हो पाई जिला प्रशासन आपदा प्रबंधन एसडीआरएफ एनडीआरफ लोकल पुलिस एम्बुलेंस डॉक्टर मौके पर तैनात है जैसे ही टनल के अंदर फंसे लोगों का रेस्क्यू किया जाता है अंदर फंसे हुए लोगों को ट्रीटमेंट और रेस्क्यू किया जाएगा।मजदूरों को निकालने के लिए बड़ी-बड़ी मशीन लगाई जा रही हैं
बताया जा रहा है की टनल का 100 से 150 मी का हिस्सा गिरा है जिससे रेस्क्यू कार्य करने में भारी दिक्कतें आ रही है कंपनी द्वारा फंसे हुए मजदूरों को निकालने के लिए बड़ी-बड़ी मशीन लगाई जा रही हैं जिससे अंदर फंसे मजदूरों को सकुशल निकाला जा सकेटनल का ऑक्सीजन पाइप भी मलबे की चपेट में आने से टूट गया
बड़ा सवाल यह है कि इस टनल पर कई बार टूटने की खबरें सामने आ चुकी है लेकिन निर्माण कंपनी एनएचआईडीसीएल और नवयुगा की भारी लापरवाही सामने आई है निर्माण के दौरान जब टनल टूटी तो टनल का ऑक्सीजन पाइप भी मलबे की चपेट में आने से टूट गयादीपावली के कारण यहां कम मजदूर काम करने गए थे
टनल यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर सिल्करा से पोल गांव बड़कोट तक निर्माणाधीन चल रही है जिसमें 4 किलोमीटर तक सुरंग का कार्य गतिमान हो चुका है टनल कार्य निर्माण के दौरान बड़ी संख्या में रात दिन दोनों शिफ्ट में मजदूर और कर्मचारी यहां पर काम करते हैं गनीमत रही त्योहार दीपावली के कारण यहां कम मजदूर काम करने गए थेसिल्क्यारा में निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढहने के बाद चल रहा है बचाव कार्य
उत्तरकाशी के एसपी अर्पण यदुवंशी का कहना है, 'सिल्कयारा टनल में शुरुआती बिंदु से करीब 200 मीटर पहले सुरंग का एक हिस्सा टूट गया है, सुरंग का निर्माण कार्य देख रहे HIDCL के अधिकारियों के मुताबिक, करीब 36 लोग फंसे हुए हैं सुरंग में और उन्हें सुरक्षित निकालने का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस बल, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम मौके पर मौजूद है। अब तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। हम जल्द ही सभी लोगों को सुरक्षित बचा लेंगे।'मलबे में दबे 36 मजदूरों को पाइप से भेजी जा रही है ऑक्सीजन
ये हादसा रविवार सुबह 5 बजे हुआ है, सिलक्यारा की ओर सुरंग के द्वार से 200 मीटर की दूरी पर यह भूस्खलन हुआ है, उस वक्त वहां कई मजदूर काम कर रहे थे।टनल के अंदर काम करने वालों मजदूरों की संख्या रात्रि एंट्री के दौरान 174
टनल में फंसे कर्मचारी मजदूर की संख्या ज्यादा भी हो सकती है, बताते हैं कि रविवार सुबह 5:30 बजे टनल धसने से अंदर ही 30 से 35 मजदूर, कर्मचारी कैद हो गएफिलहाल किसी की भी मृत्यु की सूचना नहीं
एडीजी कानून व्यवस्था के अनुसार फिलहाल किसी की भी मृत्यु की सूचना नहीं है, सिलक्यारा की ओर सुरंग के द्वार से 200 मीटर की दूरी पर यह भूस्खलन हुआ है, जबकि सुरंग में जो मजदूर काम कर रहे थे वो द्वार के 2800 मीटर अंदर हैं।निर्माणाधीन सुरंग के अंदर भूस्खलन
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव तक निर्माणाधीन सुरंग के अंदर भूस्खलन हुआ है। सुरंग का निर्माण एनएचआईडीसीएल के निर्देशन में नवयुगा कंपनी कर रही है।एसडीआरएफ और अन्य बचाव दल पुलिस बल के साथ मौके पर
एसडीआरएफ और अन्य बचाव दल पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए हैं, टीमें टनल के अंदर फंसे लोगों को निकालने में जुटी हुई है, टनल में मजदूरों के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध है।उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक टनल में 36 मजदूर फंसे
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है, इसी के तहत सिलक्यारा से डंडालगांव तक सुरंग का निर्माण भी हो रहा है,टनल में भूस्खलन हो गया है जिसके बाद एक टनल में 36 मजदूर फंस गए हैं।मजदूरों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराया गया है
बताया जा रहा है कि अंदर मजदूरों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हैं वहीं एक अतिरिक्त ऑक्सीजन पाइप भी टनल के अंदर पहुंचा दिया गया है कहा जा रहा है कि टनल के अंदर सभी मजदूर सुरक्षित हैं।Sambhal News: संभल में तनाव के बीच अतिक्रमण पर चला बुलडोजर, शाही जामा मस्जिद इलाके में भी चलाया गया जांच अभियान
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