लोकसभा में 100 साल पुराने बॉयलर एक्ट को बदलने वाले विधेयक को मिली मंजूरी, जानिए किन्हें होगा फायदा
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब दिया जिसके बाद निचले सदन में इसे ध्वनिमत से मंजूरी दी गई। चर्चा का जवाब देते हुए गोयल ने कहा कि इस विधेयक में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है और 1923 के मूल कानून में सुधार किया गया है।

लोकसभा में बॉयलर एक्ट पास
Lok Sabha Passes Boiler Act: लोकसभा ने मंगलवार को बॉयलर के विनियमन, स्टीम-बॉयलर के विस्फोट के खतरे से लोगों की जान और संपत्ति की सुरक्षा और पंजीकरण में एकरूपता प्रदान करने के लिए विधेयक पारित किया। बॉयलर बिल, 2024 100 साल पुराने बॉयलर अधिनियम, 1923 की जगह लेगा। इस विधेयक को पिछले साल दिसंबर में राज्यसभा ने पारित किया था। इस विधेयक का उद्देश्य सात अपराधों को अपराध से मुक्त करना और व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देना है, जिसे उच्च सदन ने ध्वनि मत से मंजूरी दे दी। इस विधेयक में बॉयलर के अंदर काम करने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रावधान भी हैं। इसमें यह भी प्रावधान है कि बॉयलर की मरम्मत योग्य और सक्षम व्यक्तियों द्वारा की जानी चाहिए।
पीयूष गोयल ने विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब दिया
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब दिया जिसके बाद निचले सदन में इसे ध्वनिमत से मंजूरी दी गई। पिछले साल शीतकालीन सत्र में इस विधेयक को राज्यसभा ने मंजूरी दी थी। चर्चा का जवाब देते हुए गोयल ने कहा कि इस विधेयक में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है और 1923 के मूल कानून में सुधार किया गया है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच है कि हमें गुलामी की मानसिकता से निकलना चाहिए। इसके मद्देनजर हमने मूल कानून पर अच्छी तरह विचार किया। कानून में अच्छी बातों को रखा और जहां सुधार की गुंजाइश दिखी वहां सुधार किया गया।
गोयल ने कहा कि यह विधेयक आज के परिप्रेक्ष्य में सदन के सामने रखा गया है। उन्होंने कहा कि भोपाल गैस त्रासदी जैसी घटनाओं से इस विधेयक का दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है, जबकि विपक्ष के कुछ सांसदों ने इस बारे में बेबुनियाद बातें कीं। गोयल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने लंबे समय से इस विधेयक में आवश्यक सुधारों को लटकाया। उनके आरोपों को लेकर विपक्षी दलों के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया। मंत्री ने कहा कि राज्यों के अधिकार में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया है और इस विधेयक के सभी प्रावधान राज्यों के हाथों में दिए गए हैं। गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सहकारी संघवाद में विश्वास करते हैं।
बायलर अधिनियम, 1923 जीवन और संपत्ति की सुरक्षा से संबंधित है। वर्ष 2007 में भारतीय बायलर (संशोधन) अधिनियम, 2007 द्वारा बायलर अधिनियम, 1923 में व्यापक संशोधन किया गया था, जिसमें स्वतंत्र तृतीय पक्ष निरीक्षण प्राधिकरणों द्वारा निरीक्षण और प्रमाणन की शुरुआत की गई थी। हालाकि, मौजूदा अधिनियम की आगे की पड़ताल करने पर, अधिनियम की समीक्षा करने और जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) अधिनियम, 2023 के अनुरूप गैर-अपराधीकरण प्रावधानों को शामिल करने की आवश्यकता महसूस की गई। इसके अनुसार, मौजूदा अधिनियम की समीक्षा की गई, जिसमें अनावश्यक/अप्रचलित प्रावधानों को हटा दिया गया है और नियमों और विनियमों के लिए कुछ मूलभूत सक्षम प्रावधान किए गए हैं जो पहले प्रदान नहीं किए गए थे। इसमें कुछ नई परिभाषाएं भी शामिल की गई हैं और कुछ मौजूदा परिभाषाओं में संशोधन किया गया है ताकि विधेयक के प्रावधानों को और अधिक स्पष्टता दी जा सके।
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