सीट बंटवारे के लिए INDIA गठबंधन में बातचीत शुरू, कांग्रेस के लिए 5 राज्य बने 'सिरदर्द'
Lok Sabha Elections: सबसे अधिक गतिरोध वाले राज्यों में केरल, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और पंजाब शामिल हैं, जहां इंडिया गठबंधन के सहयोगियों के साथ सीट-बंटवारे की व्यवस्था की कठिनाई को पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने स्वीकार किया है।
इंडिया गठबंधन में बातचीत शुरू
Lok Sabha Elections: कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए कुछ राज्यों में इंडिया गठबंधन की पार्टियों के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत शुरू कर दी है। सूत्रों ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को गठबंधन के अन्य नेताओं से संपर्क करने के लिए कहा गया है और कुछ दलों के साथ बातचीत शुरू हो गई है। सूत्रों ने बताया कि पंजाब और दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) के साथ सीट बंटवारे को लेकर औपचारिक बातचीत सोमवार से शुरू होगी।
सीट-बंटवारे पर कांग्रेस की पांच सदस्यीय समिति पहले ही प्रदेश कांग्रेस प्रमुखों के साथ आंतरिक परामर्श कर चुकी है और अपने निष्कर्ष पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे को सौंप चुकी है। इस समिति के संयोजक मुकुल वासनिक और वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत और भूपेश बघेल सदस्य हैं। अन्य दलों के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत 28 दलों के विपक्षी गठबंधन द्वारा आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा से एकजुट होकर मुकाबला करने के फैसले के बाद हुई है।
इन राज्यों में नहीं गल रही दाल
इंडिया गठबंधन 2024 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने के लिए लोकसभा चुनाव में एकजुट होकर विपक्षी उम्मीदवार उतारने पर सहमत हुआ है। सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने सीट बंटवारा समिति के सदस्यों को अन्य दलों के साथ सीट बंटवारे पर काम करने की जिम्मेदारी दी है। कांग्रेस का तमिलनाडु में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक), बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल (यूनाइटेड), झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और असम में अन्य पार्टियों के साथ चुनाव-पूर्व गठबंधन है, लेकिन प्रमुख राज्यों में कुछ मुख्य दलों के साथ उसका कोई गठबंधन नहीं है।
इनमें से सबसे अधिक गतिरोध वाले राज्यों में केरल, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और पंजाब शामिल हैं, जहां इंडिया गठबंधन के सहयोगियों के साथ सीट-बंटवारे की व्यवस्था की कठिनाई को पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने स्वीकार किया है।
पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और लेफ्ट विपक्षी गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद एक दूसरे के साथ कोई समझौता नहीं चाहते हैं और कांग्रेस को इनमें से किसी एक को चुनना होगा। टीएमसी नेताओं और कांग्रेस प्रदेश प्रमुख अधीर रंजन चौधरी के हालिया बयान भी राज्य में टीएमसी और कांग्रेस के बीच संभावित साझेदारी के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं।
केरल
केरल में, लोकसभा की 20 सीट में से 19 कांग्रेस गठबंधन के पास है। यहां कांग्रेस का मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के साथ समझौता होना कठिन प्रतीत होता है क्योंकि उसे अपनी मौजूदा सीटें गठबंधन सहयोगियों बीच बांटनी होगी।
पंजाब
पंजाब में आप और कांग्रेस दोनों की प्रदेश इकाइयां अपनी-अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं और कोई समझौता नहीं करना चाहतीं। सूत्रों ने कहा कि केरल जैसे अन्य राज्यों की प्रदेश कांग्रेस इकाइयों ने भी इस तरह के सीट-बंटवारे का विरोध किया है।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच सब कुछ ठीक नहीं लग रहा है, खासकर यादव के हालिया बयानों को देखते हुए, जो हाल में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में उन्हें कोई सीट नहीं दिए जाने और कमलनाथ के बयानों के कारण कांग्रेस से नाराज हैं। हालांकि, पार्टी भाजपा के खिलाफ विपक्ष को मजबूत करने के लिए किसी बीच के रास्ते की उम्मीद करते हुए सभी सहयोगियों के साथ सीट-बंटवारे पर बातचीत कर रही है। सूत्रों ने बताया कि पार्टी ने इस महीने के अंत तक विपक्ष के अन्य दलों के साथ सीट-बंटवारे की व्यवस्था पूरी करने का फैसला किया है।
दिल्ली
दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच भीतरी लड़ाई चल रही है। दोनों पार्टियां अपने ज्यादा से ज्यादा उम्मीदवारों को यहां उतारना चाहती हैं। आम आदमी पार्टी का मानना है कि दिल्ली में वह मजबूत है, इसलिए उसे यहां लगभग सभी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए।
इस महीने के अंत तक तय हो सकता है फार्मूला
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने शनिवार को कहा था कि इंडिया के घटक दलों के नेता विपक्षी गठबंधन के पदाधिकारियों पर चयन के संबंध में 10-15 दिन के भीतर निर्णय लेंगे। उनकी यह टिप्पणी उन अटकलों के बीच आई है कि गठबंधन लोकसभा चुनाव से पहले एक संयोजक बना सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि इंडिया गठबंधन के सीट-बंटवारे सहित अन्य सभी मामलों को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। पार्टी सूत्रों ने संकेत दिया है कि इस महीने के अंत तक निष्कर्ष निकलने की संभावना है।
खरगे ने कहा कि कांग्रेस सभी 545 लोकसभा क्षेत्रों पर काम कर रही है और सभी सीटों के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं, लेकिन कौन सी पार्टी किस सीट पर चुनाव लड़ेगी और कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, इसका फैसला विपक्षी गठबंधन के सभी घटकों के साथ विचार-विमर्श के बाद जल्द ही किया जाएगा। यह पूछे जाने पर कि पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, उन्होंने कहा, हमने पहले ही सभी निर्वाचन क्षेत्रों के लिए संसदीय पर्यवेक्षकों को अंतिम रूप दे दिया है... हम प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में जाकर आकलन करेंगे।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
End of Article
टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल author
अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना च...और देखें
End Of Feed
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited