सांसद बने रहना मौलिक अधिकार नहीं, लोकसभा सचिवालय ने महुआ की याचिका खारिज करने मांग की

Mahua Moitra: महुआ मोइत्रा ने लोकसभा से अपने निष्कासन को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मोइत्रा को पिछले साल 8 दिसंबर को निचले सदन में पेश की गई 'कैश फॉर क्वेरी' में एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर चर्चा के बाद लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था।

महुआ मोइत्रा

Mahua Moitra: कैश-फॉर-क्वेरी मामले में लोकसभा से निष्कासन के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस पार्टी नेता महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर रखी है। महुआ की याचिका का विरोध करते हुए लोकसभा सचिवालय ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया है। लोकसभा सचिवालय ने कहा है कि महुआ की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है, क्योंकि एथिक्स कमेटी ने पूरे मामले में संसदीय नियमों का पालन किया था। टीएमसी से सांसद रहीं महुआ पर बड़े उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर लोकसभा में सवाल पूछने और लोकसभा मेंबर पोर्टल का आईडी पासवर्ड शेयर करने का गंभीर आरोप लगा था। आइए आपको सिलसिलेवार बताते हैं कि लोकसभा सचिवालय ने अपने जवाब में क्या कहा है?
लोकसभा से निष्कासन को चुनौती देने वाली महुआ मोइत्रा की याचिका पर लोकसभा सचिवालय ने अपना जवाब दाखिल किया
1. महुआ मोइत्रा की याचिका अनुच्छेद 105 और 122 के तहत सुनवाई योग्य नहीं है। विधायिका द्वारा लिए गए फैसले की न्यायिक समीक्षा के लिए पर्याप्त आधार इस याचिका में मौजूद नहीं है।
2. अनुच्छेद 122 ये कहता है कि संसद के आंतरिक काम में कोर्ट दखल नहीं दे सकती है।
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