Lok Sabha Speaker: सांसद प्रगति और सतत विकास के एजेंडा को आगे बढ़ाने में निभा सकते हैं महत्वपूर्ण भूमिका: ओम बिरला

ब्रिक्स संसदीय मंच की बैठक में भाग लेने के लिए ओम बिरला की रूस यात्रा लोक सभा अध्यक्ष के रूप में लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए उनके ऐतिहासिक चुनाव के बाद पहली विदेश यात्रा है।

लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला

मुख्य बातें
  • 'अंतर-संसदीय सहयोग को मजबूत करने से ब्रिक्स देशों के बीच साझेदारी और अधिक समावेशी और लोकतांत्रिक होगी'
  • ओम बिरला ने ब्रिक्स संसदीय मंच में मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और यूएई का स्वागत किया
  • लोक सभा अध्यक्ष ने ब्रिक्स संसदीय मंच के पूर्ण सत्र को संबोधित किया

रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में 10वें ब्रिक्स संसदीय मंच में भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व कर रहे लोक सभा अध्यक्ष, श्री ओम बिरला ने आज पहले पूर्ण सत्र को संबोधित किया। इस सत्र का विषय था - 'ब्रिक्स संसदीय आयाम: अंतर-संसदीय सहयोग को सुदृढ़ करने की संभावनाएं'।उपस्थित गणमान्य प्रतिभागियों को 'Dobroye utro (शुभ प्रभात)' करते हुए श्री बिरला ने सूचित किया कि हाल ही में संपन्न लोक सभा चुनाव में लगभग 65 करोड़ मतदाताओं ने वोटिंग की जिसके पश्चात् श्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधान मंत्री पद की शपथ ली। उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि देश के निर्वाचित सदन लोक सभा ने उन्हें लगातार दूसरी बार स्पीकर पद पर निर्वाचित किया।

ब्रिक्स संसदीय मंच में चार नए सदस्यों, अर्थात् मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात का स्वागत करते हुए, बिरला ने नए सदस्यों को संगठन में निर्बाध रूप से शामिल किए जाने के लिए रूस के अध्यक्ष की सराहना की। बिरला ने कहा कि विकासशील देशों के हितों का प्रतिनिधित्व करने वाला ब्रिक्स वैश्विक शासन व्यवस्था को और अधिक लोकतान्त्रिक बनाने तथा वैश्विक स्तर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, विश्व व्यापार संगठन जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है।

समावेशी और सतत विकास के ब्रिक्स के एजेंडा को आगे बढ़ाने में संसदों और सांसदों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए बिरला ने कहा कि भारत इस दिशा में सक्रिय रूप से भागीदारी कर रहा है। उन्होंने उभरते बाजारों और विकासशील देशों को एकजुट करने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के साथ ही परस्पर सम्मान, समझ, समानता, एकजुटता, पारदर्शिता, समावेशिता और आम सहमति के सिद्धांतों के प्रति भारत की निष्ठा के बारे में भी बात की ।

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