नियति देखिए, राहुल गांधी ने कहा था- 52 साल हो गए, मेरे पास घर नहीं है, अब खाली करना पड़ेगा बंगला

कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष और पूर्व सांसद राहुल गांधी ने 22 अप्रैल तक सरकारी बंगला खाली करने को कहा गया है। नियति देखिए इस साल 26 फरवरी को छत्तीसगढ़ के रायपुर में उन्होंने कहा था कि 52 साल हो गए और मेरे पास अभी भी घर नहीं है। अब उन्हें सरकार घर से भी बेदखल होने पड़ रहा है।

Rahul Gandhi

कांग्रेस नेता राहुल गांधी

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व सांसद राहुल गांधी को संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित किए जाने के बाद अब उन्हें आवंटित सरकारी बंगला भी 22 अप्रैल तक खाली करने को कहा गया है। राहुल गांधी ने एक महीने पहले कहा था कि वह 52 साल के हैं और फिर भी उनके पास अपना घर नहीं है। संयोग देखिए इसके ठीक एक महीने बाद उन्हें सरकारी बंगला खाली करना पड़ रहा है। वह 2005 से 12 तुगलक लेन बंगले में रह रहे हैं। लेकिन अब उन्हें खाली करना पड़ेगा।

'52 साल हो गए और मेरे पास अभी भी घर नहीं है'

गौर हो कि छत्तीसगढ़ के रायपुर में 26 फरवरी को कांग्रेस के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने भावुक होते हुए उस समय को याद किया था जब उनका परिवार 1977 में अपना सरकारी आवास छोड़ने की तैयारी कर रहा था। उन्होंने इस अधिवेशन में कहा था कि 52 साल हो गए और मेरे पास अभी भी घर नहीं है। उन्होंने 26 फरवरी को कहा था कि मैं मम्मी (सोनिया गांधी) के पास गया और उनसे पूछा कि क्या हुआ? मां ने मुझे बताया कि हम घर छोड़ रहे हैं। तब मेरी मां (सोनिया गांधी) ने मुझसे कहा कि यह हमारा घर नहीं है, सरकार का है। फिर मैंने मां से पूछा कि वे आगे कहां जाएंगे और उसने कहा कि वह नहीं जानती। 52 साल और मेरे पास अभी भी घर नहीं है। हमारा पारिवारिक घर इलाहाबाद में है और वह भी हमारा नहीं है। मैं 12 तुगलक लेन में रहता हूं, लेकिन वह मेरा घर नहीं है।

मोदी सरनेम को लेकर सुनाई गई दो साल की सजा

उन्हें नहीं पता था कि उन्हें अपने आधिकारिक बंगले को खाली करने के लिए कहा जाएगा। जिसमें वह 2005 से रह रहे हैं। विशेष रूप से, सूरत की अदालत द्वारा उन्हें 2019 के 'सभी चोरों के पास मोदी उपनाम' टिप्पणी के लिए दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें 2 साल जेल की सजा दी गई। उसके बाद संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराया गया। इस फैसले के बाद उन्हें बंगले का विशेषाधिकार वापस ले लिया गया। गौर हो कि कानून के मुताबिक दो साल या दो साल से अधिक की सजा सुनाए जाने के बाद किसी भी जनप्रतिनिधि की सदस्यता तत्काल प्रभाव से खत्म हो जाती है। चाहे वह सांसद या विधायक ही क्यों न हो।

राहुल गांधी को मानहानि मामले में सजा सुनाए के बाद भारी सियासी विवाद के बीच 22 अप्रैल तक उन्हें आवंटित सरकारी बंगला खाली करने के लिए कहा गया। इतना ही नहीं दो साल की सजा पूरी करने के बाद राहुल को 6 साल तक चुनाव लड़ने से भी रोक लग सकती है। जब तक कि कोई हाईकोर्ट दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगाता। गांधी ने 2004 से 2019 तक लोकसभा में अमेठी संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व किया था। हालांकि, 2019 में वह अपने क्षेत्र अमेठी से हार गए लेकिन केरल के वायनाड से जीत गए। अब वह वहां से भी संसद सदस्य नहीं रहे।

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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