अकाट्य, अचूक, और अभेद्य 'शाह' नीति, क्या गुजरात में फिर लहराएगा 'भगवा'

गुजरात विधानसभा के लिए अभी चुनावी तारीखों का ऐलान नहीं हुई है। लेकिन सरगर्मी बढ़ गई है। इस दफा क्या कोई बदलाव होगा या बीजेपी एक बार फिर सत्ता पर काबिज होगी। इन सबके बीच हम बताएंगे कि बीजेपी किन 6 खास रणनीति पर काम कर रही है।

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह 6 दिनों के गुजरात प्रवास पर हैं, और इन्ही 6 दिनों में अमित शाह ने गुजरात विधान सभा चुनाव में बीजेपी के जीत की पटकथा को फाइनल टच दे दिया हैं...गुजरात विधान सभा चुनाव की दृष्टि से अमित शाह का लगातार 6 दिनों तक गुजरात में बने रहना कई मायनों में अहम है, कैसे ये 6 दिन बीजेपी के लिए इस चुनाव गेम चेंजर साबित होने जा रहे हैं, देखिए गुजरात विधान सभा चुनाव पर हमारी ये इनसाइड स्टोरी। गुजरात में विधान सभा की 182 सीटे हैं, बीजेपी पिछली बार 99 सीटों पर सिमट गई थी, पिछली बार बीजेपी की सीधी लड़ाई कांग्रेस से थी, लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी की एंट्री हो चुकी है, इसलिए बीजेपी ने अपनी रणनीति में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं... अमित शाह ने इन एक ऐसा मास्टर प्लान तय किया है जो बीजेपी की जीत को सुनिश्चित करेगा..

रणनीति नंबर 1

उम्मीदवारों के चयन में सावधानी, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 27 ,28, और 29 तारीख को बीजेपी की तरफ से नियुक्त किए आब्जर्वर सभी सीटों पर फीड बैक के लिए जाएंगे, और इस फीड बैक के आधार पर ही उम्मीदवारों को वरीयता दी जाएगी, नकारात्मक फीड बैक मिलने पर टिकट कटने की संभावना बढ़ जाएगी..

रणनीति नंबर 2

सत्ता विरोधी लहर को कम करना, बीजेपी पिछले दो दशक से गुजरात की सत्ता पर काबिज़ है ऐसे में स्वाभाविक है की सरकार से लोगों की नाराज़गी हो जाती है, इसे कम करने का एक ही उपाय है, जिन विधायकों से ज्यादा नाराजगी है उनके टिकट काट दिए जाएं क्योंकि वोट मोदी के नाम पर मिल रहा है न की विधायकों के नाम पर। सूत्र ये बताते हैं की लगभग पच्चीस फीसदी विधायकों का टिकट कट सकता है।

रणनीति नंबर 3

गुजरात एक ऐसा राज्य है जहां अलग अलग राज्यों के लोग रोजी रोटी के लिए भारी संख्या में अलग अलग काम करते हैं... सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 15 लाख राजस्थानी गुजरात में रहते हैं इन्हें साधने के लिए बीजेपी ने राजस्थान के नेताओं की फ़ौज उतार दी है, ठीक वैसे ही उतर प्रदेश, बिहार, और महाराष्ट्र की ड्युटी गुजरात विधान सभा चुनाव में लगाई जाएगी, जहां उनके राज्यों के लोग बड़ी संख्या में रहते है और किस नेता की उनके बीच गहरी पैठ, इस पर रिसर्च के बाद ये लिस्ट तैयार की जा रही है अमित शाह की निगरानी में है।

रणनीति नंबर 4

पीएम मोदी गुजरात की राजनीति से लंबे समय से दूर हैं लेकिन उनका गुजरात की जनता से एक पर्सनल कनेक्ट आज भी बना हुआ है, और गुजरात की जनता आज भी उनको दिलखोल कर आशीर्वाद देती है। इसलिए अमित शाह की अगुवाई में ये तय किया गया है की मोदी की रैली ज्यादा से ज्यादा उन जिलों में लगाई जाए जहां मुकाबला कड़ा हो, ऐसी 60 सीट चुनी गई है

रणनीति नंबर 5

लाभार्थियों का डेटा बेस तैयार करना। केंद्र और राज्य दोनों जगह बीजेपी की सरकार है, और हर राज्य में बीजेपी ने एक नया वोट बैंक तैयार किया है और वो है केंद्र और राज्य की योजनाओं से लाभान्वित होने वाले लोग, ऐसे बीजेपी ने तय किया है की पार्टी के कार्यकर्ता इन तक पहुंच कर, ये बताएं की इस सुविधाओं ने आप के जीवन में क्या बदलाव लाया, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यूपी विधान सभा चुनाव में लाभार्थियों ने बड़ी संख्या में बीजेपी को वोट दिया था , जिसका सीधा फायदा बीजेपी को मिला था, पिछली बार कांग्रेस को सबसे ज्यादा वोट ग्रामीण इलाकों में मिला था और सीटे भी वही मिली थी, और लाभार्थी सबसे ज्यादा गावो में हैं।

रणनीति नंबर 6

चुनाव को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने गुजरात को चार जोन में बाटा है, जिसमें से 3 जोन की बैठक अमित शाह ले चुके हैं, हर जोन के लिए अलग रणनीति होगी, बीजेपी बूथ जीतो चुनाव जीतो के फॉर्मूले को काम करेगी, माइक्रो मैनेजमेंट लेवल पर बीजेपी तैयारी कर रही है।

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लेटेस्ट न्यूज

रविकांत राय author

सत्ता के गलियारों से आम जनमानस से जुड़ी हर ख़बर पर पैनी नज़र, । राजनीति के हर दांव पेंच से वाकिफ, 13 सालों में दो लोकसभा चुनाव और कई राज्यों के विधान ...और देखें

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