Yogi Adityanath Statement: कृष्ण ने मांगे थे 5 गांव, हमने सिर्फ 3 मांगे...अयोध्या, मथुरा और काशी पर बोले सीएम योगी

Yogi Adityanath Mahabharat Statement : सीएम योगी ने कहा, अयोध्या नगरी को पिछली सरकारों ने निषेधाज्ञा और कर्फ्यू के दायरे में ला दिया था। सदियों तक अयोध्या को कुत्सित इरादों से अभिशाप दिया गया।

सीएम योगी

Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को राज्य विधानसभा में अयोध्या में 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह और काशी और मथुरा का जिक्र किया। इस दौरान उन्होंने पुरानी सरकारों के रुख और अयोध्या के साथ हुए अन्याय का बात भी सामने रखी। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह मेरा और मेरी सरकार का सौभाग्य है कि हमने अयोध्या दीपोत्सव को संभव बनाया, जो एक राष्ट्रीय उत्सव बन गया। सीएम योगी ने कहा, अयोध्या नगरी को पिछली सरकारों ने निषेधाज्ञा और कर्फ्यू के दायरे में ला दिया था। सदियों तक अयोध्या को कुत्सित इरादों से अभिशाप दिया गया। इसे सुनियोजित तिरस्कार का सामना करना पड़ा। जनभावनाओं के साथ ऐसा व्यवहार शायद कहीं और नहीं देखा गया। अयोध्या को अन्याय का सामना करना पड़ा।

पांडवों के साथ भी अन्याय हुआ था...योगी आदित्यनाथ ने कहा, जब मैं अन्याय के बारे में बोलता हूं, तो हमें 5,000 साल पुरानी बात याद आती है। उस समय पांडवों के साथ भी अन्याय हुआ था...अयोध्या, काशी और मथुरा के साथ भी ऐसा ही हुआ था। रामधारी सिंह दिनकर की 'रश्मिरथी' का हवाला देते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा, उस समय कृष्ण कौरवों के पास गए थे और कहा था कि हमें सिर्फ पांच गांव दे दो, जितनी जमीन तुम्हारे पास है रख लो। हम खुशी से वहीं खाएंगे।

कृष्ण ने उस समय पांच गांव मांगे थे

योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या, मथुरा और वाराणसी के स्थानों का जिक्र करते हुए कहा कि कृष्ण ने उस समय पांच गांव मांगे थे। कृष्ण समझौते के लिए गए थे। उन्होंने न्याय मांगा, चाहे आधा ही सही। लेकिन यहां का समाज और उसकी आस्था, सैकड़ों वर्षों से तीन, बस तीन की बात कर रही है। वे तीन, क्योंकि वे विशेष स्थान हैं, वे सामान्य नहीं हैं। वे भगवान के अवतार के स्थान हैं। अगर अयोध्या को भगवान राम का जन्मस्थान माना जाता है, तो मथुरा को भगवान कृष्ण का जन्मस्थान माना जाता है। वाराणसी में ज्ञानवापी स्थल को 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है।

राजनीतिक जिद और वोटबैंक की राजनीति

मुख्यमंत्री ने दिनकर की 'रश्मिरथी' का हवाला देते हुए कहा, दुर्योधन वो भी दे ना सका, आशीष समाज का ले ना सका। उल्टा, हरि को बांधे चला, जो था असाध्य, साधने चला। उन्होंने कहा कि राजनीतिक जिद और वोटबैंक की राजनीति की वजह से विवाद होता है। हमने सिर्फ तीन जगहें मांगी थीं, बाकी जगहों पर कोई विवाद नहीं था।

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