रामनवमी पर भगवान सूर्य की प्रखर किरणों ने किया राम लला का 'तिलक', जगमग हुआ ललाट, देखें पहला Video

First pic of Ram Lalla Surya Tilak : अयोध्या में भगवान राम के बाल स्वरूप राम लला के मंदिर में विराजे जाने के बाद पहली राम नवमी धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है। भव्य राम मंदिर में दोपहर 12 बजे रामलला का सूर्य तिलक हुआ।

First pic of Ram Lalla Surya Tilak

राम लला का हुआ सूर्य तिलक।

First pic of Ram Lalla Surya Tilak : अयोध्या के भव्य राम मंदिर में दोपहर 12 बजे भगवान राम के बाल स्वरूप राम लला का 'सूर्य तिलक' अभिजीत मुहूर्त में वैदिक मंत्रों एवं धार्मिक अनुष्ठान के साथ संपन्न हुआ। इस दिन वैदिक पंचांग की गणना के मुताबिक सूर्य तिलक के दौरान 9 तरह के शुभ योग और कई ग्रहों का ऐसा संयोग बना जो त्रेतायुग में भगवान राम के जन्म के समय बना था। राम लला के मंदिर में विराजे जाने के बाद पहली राम नवमी देश भर में धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है। भगवान राम का 'सूर्य तिलक' देखने के लिए पूरा देश बेसब्री से इंतजार कर रहा था।

500 साल में पहली बार राम लला का 'सूर्याभिषेक'

राम मंदिर में रामलला का ललाट सूर्य की किरणों से जगमग हो उठा। यह नजारा अद्भुत था। वैदिक मंत्रों के पाठ और घंट-घड़ियाल की मधुर ध्वनि के साथ इस धार्मिक अनुष्ठान को संपन्न किया गया। 500 साल के इतिहास में यह पहली बार है जब भगवान श्रीराम का अभिषेक सूर्य की किरणों से हुआ है। वैदिक मंत्रों के उच्चारण के बीच करीब छह मिनट तक राम लला का सूर्याभिषेक होता रहा। राम लला के 'राज तिलक' का 12 बजकर एक मिनट से लेकर 12 बजकर 6 मिनट तक होता रहा।

जगमग हो उठा ललाट

'सूर्य तिलक' के लिए आईआईटी रुड़की सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ने एक खास ऑप्टोमैकेनिकल सिस्टम तैयार किया है। इसमें मंदिर के सबसे ऊपरी तल (तीसरे तल) पर लगे दर्पण पर ठीक दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें पड़ीं। फिर पीतल के पाइस और दूसरे दर्पण से होते हुए किरणें सीधे राम लला के ललाट पर पड़ीं। किरणें ललाट पर पड़ते ही उनका मस्तिष्क जगमग हो उठा।

'सूर्य तिलक' परियोजना

अयोध्या में 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में नए मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की प्रतिष्ठा के बाद यह पहली रामनवमी है। इस प्रणाली का परीक्षण वैज्ञानिकों ने मंगलवार को किया। इसे 'सूर्य तिलक परियोजना' का नाम दिया गया है। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर)-सीबीआरआई रुड़की के वैज्ञानिक डॉ एस के पाणिग्रही ने बताया कि 'सूर्य तिलक परियोजना का मूल उद्देश्य रामनवमी के दिन श्री राम की मूर्ति के मस्तक पर एक तिलक लगाना है। परियोजना के तहत, श्री रामनवमी के दिन दोपहर के समय भगवान राम के मस्तक पर सूर्य की रोशनी लाई जाएगी।'

हर साल रामनवमी के दिन राम लला का होगा 'सूर्य तिलक'

उन्‍होंने बताया कि 'सूर्य तिलक परियोजना के तहत हर साल चैत्र माह में श्री रामनवमी पर दोपहर 12 बजे से भगवान राम के मस्तक पर सूर्य की रोशनी से तिलक किया जाएगा और हर साल इस दिन आकाश पर सूर्य की स्थिति बदलती है।' उन्‍होंने कहा कि 'विस्तृत गणना से पता चलता है कि श्री रामनवमी की तिथि हर 19 साल में दोहरायी जाती है।'
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