लव जिहाद या सिर्फ अपराध, जानें- आखिर क्या है उत्तरकाशी के पुरोला का सच

Purola Love Jihad: उत्तराखंड के पुरोला में अब शांति है, हालांकि माहौल गरम है। लव जिहाद था या नहीं इसकी चर्चा पुरोला में जबरदस्त है। शिकायकर्ता का कहना है कि पूरे मामले को सिर्फ अपराध के नजरिये से देखने की जरूरत है।

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में पुरोला कस्बा है।

Purola Love Jihad: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में एक कस्बा है पुरोला। आज के पहले पुरोला के बारे में उत्तराखंड के लोग ही जानते थे। लेकिन पुरोला अब लव जिहाद की वजह से चर्चा में है। सवाल यह है कि दो आरोपियों द्वारा एक लड़की को भगाने का मामला सिर्फ अपराध है या उसमें लव जिहाद का भी कोई अंश है। आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने वाले शख्स का कहना है कि लव जिहाद तो कभी था ही नहीं। वह महज अपराध था। शिकायतकर्ता (सरकारी स्कूल में शिक्षक) का मानना है कि पूरे मामले को धार्मिक रंग दिया गया जबकि धार्मिक अंश नहीं था।

शिकायतकर्ता का क्या कहना है

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शिकायतकर्ता का कहना है कि घटना के कुछ घंटों के बाद ही इसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई। कुछ संगठनों ने खुद इस मामले में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की। लेकिन पुलिस ने शिकायत को लेने से मना किया। वह लव जिहाद नहीं बल्कि नियमित तौर पर होने वाले अपराध की तरह था। न्यायालय को फैसला करना है। मामला 26 मई का है जब एक हिंदू समाज की लड़की के अपहरण की कोशिश की गई थी। उसके बाद से कुछ समूहों ने मुस्लिम व्यापारियों की दुकानों को निशाना बनाया और सांप्रदायिक तनाव फैल गया। उसकी वजह से मुस्लिम दुकानदारों को पुरोला छोड़ना पड़ा।

26 मई को वारदात, 27 मई को गिरफ्तारी

26 मई को शिकायतकर्ता के मुताबिक उसकी भतीजी को उबेद खान और जीतेंद्र सैनी की तरफ से कुछ निर्देश मिला जो कथित तौर पर उसकी भतीजी को ऑटोरिक्शा में बैठाए थे। उन्होंने उसकी भतीजी को मेन मार्केट से दूर पेट्रोल पंप पर ले गए और एक ऑटो रिक्शा को बुलाया।इस पूरी कवायद को कुछ स्थानीय लोगों ने देखा और जानकारी दी। आरोपी मौके से भाग गए। पुरोला पुलिस स्टेशन के इंचार्ज कहते हैं कि 26 मई को ही आरोपियों के खिलाफ अपहरण और दूसरी धाराओं में केस दर्ज किया गया और 27 मई को गिरफ्तारी भी हो गई।

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