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पुराण का जिक्र कर जज बोले,गायों को मारने वाला सड़ता है नर्क में,केंद्र सरकार बनाए कानून

गाय संरक्षण के मुद्दे पर बीजेपी की सरकारें मुखर हैं। इन सबके बीच लखनऊ बेंच(इलाहाबाद हाईकोर्ट) के जस्टिस शमीम अहमद ने पुराणों का जिक्र कर बड़ी बात कही है।

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गोवंश संरक्षण के लिए पुराणों का जिक्र

Cow Protection: देश में गाय के मुद्दे पर बहस का दौर लंबे समय से जारी है कि यह सिर्फ पशु है या इसे धार्मिक और आध्यात्मिक नजरिए से देखना चाहिए। इस विषय पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने केंद्र सरकार से कहा कि वो गाय को संरक्षित राष्ट्रीय पशु का दर्जा दे। साथ ही साथ गोवंश वध को रोकने के लिए कानून भी बनाए। लखनऊ हाईकोर्ट के जस्टिस शमीम अहमद ने पुराणों का जिक्र करते हुए कहा कि- यदि कोई गायों को मारता है या उन्हें मारने का आदेश देता है वो नर्क में सड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत धर्मनिरपेक्ष देश है और सभी धर्मों का सम्मान होना चाहिए।

गो हत्या मामले में सुनवाई

अब पूरे मामले को समझने की जरूरत है। जस्टिस शमीम अहमद गाय की हत्या के जुर्म में एक आरोपी की अर्जी पर सुनवाई कर रहे थे। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर देश धर्मनिरपेक्ष है, लेकिन हमें सभी धर्मों का सम्मान करना होगा। हिंदू धर्म में गाय को पवित्र माना गया है लिहाजा संरक्षण और आदर देना चाहिए क्योंकि ना सिर्फ यह दैवीय गुणों को प्रदर्शक बल्कि इसमें प्राकृतिक मान्यताएं भी जुड़ी हैं।इस अदालत को उम्मीद है कि केंद्र सरकार इस पर उचित फैसला ले सकती है और राष्ट्रीय स्तर पर कानून बनाएगी। बता दें कि इस विषय पर अलग अलग राज्य सरकारों के अपने कानून हैं।

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