कौन हैं मधु कांकरिया? जिन्हें मिला 2023 का 'श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान'

Shrilal Shukla Smriti IFFCO Sahitya Samman 2023 : मधु कांकरिया को वर्ष 2023 का श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान मिला है। इससे पहले विद्यासागर नौटियाल, शेखर जोशी, संजीव, मिथिलेश्वर, अष्टभुजा शुक्ल, कमलाकान्त त्रिपाठी, रामदेव धुरंधर, रामधारी सिंह दिवाकर, महेश कटारे, रणेंद्र, शिवमूर्ति और जयनंदन को यह पुरस्कार मिला है।

IFFCO

मधु कांकरिया को मिला श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान।

Delhi News: उर्वरक क्षेत्र की प्रमुख संस्था इफको (IFFCO) द्वारा वर्ष 2023 का 'श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान' कथाकार मधु कांकरिया को दिया गया। 30 सितम्बर, 2023 को नई दिल्ली के एनसीयूआई सभागार में आयोजित एक समारोह में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी और मृदुला गर्ग ने उन्हें इस सम्मान से नवाजा।

कौन हैं मधु कांकरिया?

मधु कांकरिया का जन्म कलकत्ता में 23 मार्च, 1957 को हुआ। उनके सात उपन्यास और बारह कहानी संग्रह प्रकाशित हैं। उपन्यासों में 'पत्ताखोर', 'सेज पर संस्कृत', 'सूखते चिनार', 'ढलती सांझ का सूरज' चर्चित रहे हैं। 'बीतते हुए', '...और अन्त में ईशु', 'चिड़िया ऐसे मरती है', 'भरी दोपहरी के अंधेरे', 'युद्ध और बुद्ध', 'जलकुम्भी', 'नंदीग्राम के चूहे' आदि उनके प्रमुख कहानी संग्रह हैं। 'बादलों में बारूद' नाम से उन्होंने यात्रा वृत्तांत भी लिखा है। तेलुगू, मराठी सहित कई भाषाओं में उनकी रचनाओं के अनुवाद हुए हैं। मानवीय त्रासदी के विविध पहलुओं की बारीक अभिव्यक्ति मधु कांकरिया के रचनाकर्म की विशिष्ट पहचान है। मानव कल्याण की भावना के साथ पिछले दो दशकों से वे लगातार लिख रही हैं। अनेक साहित्यिक, सांस्कृतिक संस्थाओं द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया है।

ग्यारह लाख रुपये की राशि का पुरस्कार

वरिष्ठ साहित्यकार प्रो असगर वजाहत की अध्यक्षता वाली निर्णायक समिति ने मधु कांकरिया का चयन हाशिये का समाज, भारत के बदलते यथार्थ पर केंद्रित उनके व्यापक साहित्यिक अवदान को ध्यान में रखकर किया। निर्णायक मंडल में मुरली मनोहर प्रसाद सिंह, डॉ. अनामिका, प्रियदर्शन, रवींद्र त्रिपाठी एवं उत्कर्ष शुक्ल शामिल थे। मूर्धन्य कथाशिल्पी श्रीलाल शुक्ल की स्मृति में वर्ष 2011 में शुरू किया गया यह सम्मान प्रतिवर्ष किसी ऐसे रचनाकार को दिया जाता है, जिसकी रचनाओं में ग्रामीण और कृषि जीवन से जुड़ी समस्याओं, आकांक्षाओं और संघर्षों को मुखरित किया गया हो। इससे पहले विद्यासागर नौटियाल, शेखर जोशी, संजीव, मिथिलेश्वर, अष्टभुजा शुक्ल, कमलाकान्त त्रिपाठी, रामदेव धुरंधर, रामधारी सिंह दिवाकर, महेश कटारे, रणेंद्र, शिवमूर्ति और जयनंदन को यह पुरस्कार मिला है। सम्मानित साहित्यकार को एक प्रतीक चिह्न, प्रशस्ति पत्र तथा ग्यारह लाख रुपये की राशि का चेक दिया जाता है।

मधु कांकरिया को डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने दी बधाई

अपने संदेश में इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने मधु कांकरिया को बधाई देते हुए कहा कि मधु कांकरिया जी गहरे सामाजिक सरोकारों की रचनाकार हैं। उन्होंने वेश्या जीवन से लेकर युवाओं में बढ़ रही नशाखोरी तक के व्यापक और चिंतनीय विषयों पर कुशलता के साथ अपनी लेखनी चलाया है। डॉ. अवस्थी ने मधु जी के रचनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि अपने कथा संसार में उन्होंने समय के क्रूर यथार्थ को पकड़ने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि इफको 35,000 सहकारी समितियों से बनी एक संस्था है जो सदैव किसानों के हित के लिए कार्यरत है, केवल किसान ही नहीं बल्कि भूमि और वातावरण का भी चिंतन करती है। रासायनिक खाद के नकारात्मक परिणामों के बारे में आभास कराने के साथ साथ उन्होंने नैनो उर्वरकों के विशेषताओं के बारे में भी बताया। अवस्थी ने श्रीलाल शुक्ल साहित्य सम्मान के बारे में बताया के कैसे विशेष तौर से वह उन लोगों को सम्मानित करने के लिए दिया जाता है जो किसानों, देहात और भूमि को अपने साहित्य में समेलित करते हैं और उनका उलेख करते हैं।
सम्मान चयन समिति के अध्यक्ष प्रो असगर वजाहत ने चयन प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सम्मान चयन समिति सदस्य प्रियदर्शन ने प्रशस्ति पाठ किया और मधु कांकरिया की रचनाधर्मिता पर अपनी बात रखी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि साहित्यकार डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी ने मधु कांकरिया को सम्मानित करने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि शोधपरक लेखन के जरिए समाज के यथार्थ को मुखरित करने का जो काम मधु कांकरिया जी ने किया है, वह अन्यत्र दुर्लभ है।

सम्मान मिलने पर मधु कांकरिया ने बयां की खुशी

मधु कांकरिया ने पुरस्कार ग्रहण करते हुए खुशी जाहिर की और कहा कि साहित्य विरोधी युग में साहित्य को जीवित रखने में इफको की विशेष भूमिका है जो अगली आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी। दिल्ली की नाट्य मंडली 'थर्ड बेल आर्ट एण्ड कल्चरल सोसायटी' के कलाकारों ने विजय श्रीवास्तव निर्देशित श्रीलाल शुक्ल की रचना पर आधारित नाटक 'एक चोर की कहानी' का मंचन किया। इस मौके पर खेती-किसानी एवं हास्य रस पर केंद्रित कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया गया। कवि सम्मेलन में अष्टभुजा शुक्ल, अनामिका अनु, इब्बार रब्बी, सरिता शर्मा, अनिल अग्रवंशी, सुरेश अवस्थी ने अपनी कविताओं से सबका मन मोह लिया। समारोह में किसान, शिक्षक, छात्र सहित बड़ी संख्या में साहित्यप्रेमी ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल author

अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited