मधुमिता शुक्ला हत्याकांड: अमरमणि त्रिपाठी को राहत, रिहाई पर रोक लगाने से SC ने इंकार किया
Madhumita murder case: अमरमणि की रिहाई के खिलाफ एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई के लिए लगी है। हालांकि, इस बात की संभावना है कि सुनवाई शुरू होने से पहले गोरखपुर जेल में बंद अमरमणि जेल से बाहर आ चुके होंगे। राज्यपाल की इजाजत के बाद कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग ने अमरमणि एवं उनकी पत्नी की रिहाई का आदेश जारी कर दिया है।
मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में सजा काट रहे हैं अमरमणि त्रिपाठी।
Madhumita murder case: मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी रिहाई पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। हालांकि, शीर्ष अदालत ने समय पूर्व रिहाई पर प्रशासन को नोटिस जारी किया है। इस हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे उत्तर प्रदश के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी अपनी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी के साथ आज जेल से रिहा होने वाले हैं। अमरमणि गोरखपुर की जेल में बंद हैं। नौ मई 2003 को कवयित्री मधुमिता शुक्ला का शव उनके लखनऊ स्थित आवास पर मिला था। बताया जा रहा है कि यूपी सरकार अच्छे आचरण की वजह से अमरमणि को रिहा कर रही है। राज्यपाल की इजाजत के बाद कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग ने अमरमणि एवं उनकी पत्नी की रिहाई का आदेश जारी कर दिया है।
रिहाई के खिलाफ SC में अर्जी
अमरमणि की रिहाई के खिलाफ एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई के लिए लगी है। हालांकि, इस बात की संभावना है कि सुनवाई शुरू होने से पहले गोरखपुर जेल में बंद अमरमणि जेल से बाहर आ चुके होंगे।
गोरखपुर की जेल में बंद हैं पति-पत्नी
इस हत्याकांड में अमरमणि और उनकी पत्नी बीते जेल में बंद हैं। रिपोर्टों के मुताबिक जिलाधिकारी की इच्छा के मुताबिक अमरमणि को समान राशि के दो मुचलके और इसी राशि का एक निजी बॉन्ड जमा करना होगा। आदेश में यह भी कहा गया है कि किसी अन्य मामले में दोनों को जेल में रखने की यदि जरूरत नहीं है तो गोरखपुर के जिलाधिकारी इनकी रिहाई के बारे में फैसला कर सकते हैं।
2003 में लखनऊ में हुई मधुमिता की हत्या
बता दें कि आठ मई 2003 को दो हमलावरों ने लखनऊ स्थित मधुमिता शुक्ला के आवास पर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी। बाद में मधुमिता की बहन निधि शुक्ला ने दावा किया कि मधुमिता, अमरमणि से करीबी रिश्ते में थी। उस समय अमरमणि मायावाती की अगुवाई वाली बसपा सरकार में मंत्री थे। अमरमणि पर आरोप लगने के बाद मायावती ने उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया और इसकी जांच सीबीआई के हवाले कर दी। बाद में जांच करते हुए सीबीआई ने अमरमणि, उनकी पत्नी एवं अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया।
हत्या मामले की उत्तराखंड में हुई सुनवाई
निधि की अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केस की सुनवाई उत्तराखंड में कराने का आदेश दिया। इसके बाद उत्तराखंड की सीबीआई कोर्ट ने साल 2007 में अमरमणि, मधुमणि, रोहित चतुर्वेदी सहित अन्य को मधुमिता शुक्ला की हत्या एवं साजिश रचने का दोषी ठहराते उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साल 2012 में उत्तराखंड हाई कोर्ट ने सीबीआई अदालत के फैसले को सही ठहराया।
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