आज हो सकता है मध्य प्रदेश के सीएम के नाम का ऐलान, BJP विधायकों की बैठक में लगेगी मुहर
Madhya Pradesh CM Name: इस बार भाजपा ने चौहान को मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश किए बिना विधानसभा चुनाव लड़ा। चौहान चार बार के मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने 2005, 2008, 2013 और 2020 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
मध्य प्रदेश पर बीजेपी का मंथन
Madhya Pradesh BJP Meeting: मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के नवनिर्वाचित विधायक आज विधायक दल का नेता चुनने के लिए बैठक करेंगे। भाजपा ने 17 नवंबर को हुए चुनाव में 230 सदस्यीय विधानसभा में 163 सीटें जीतकर मध्य प्रदेश में सत्ता बरकरार रखी, जबकि कांग्रेस 66 सीट के साथ दूसरे स्थान पर रही। भाजपा ने चुनाव में मुख्यमंत्री पद के चेहरे के तौर पर किसी को पेश नहीं किया था और एक तरह से पूरा प्रचार अभियान प्रधानमंत्री मोदी की अपील पर टिका था। लेकिन प्रचंड बहुमत के बावजूद पार्टी अब तक सीएम का नाम तय नहीं कर सकी है। इसे लेकर कई नामों पर चर्चा चल रही है जिनमें केंद्र में मंत्रिपद छोड़ चुके नेताओं के नाम प्रमुखता से शामिल हैं।
शाम 4 बजे होगी बैठक
एक विधायक ने कहा कि बैठक सोमवार शाम चार बजे शुरू होने की उम्मीद है और शाम सात बजे तक मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा हो सकती है। पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षकों के सुबह भोपाल पहुंचने की उम्मीद है। केंद्रीय पर्यवेक्षकों में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, पार्टी के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मोर्चा के प्रमुख के. लक्ष्मण और सचिव आशा लाकड़ा शामिल हैं। इस बार भाजपा ने चौहान को मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश किए बिना विधानसभा चुनाव लड़ा। चौहान चार बार के मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने 2005, 2008, 2013 और 2020 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
सिंधिया सहित ये नेता दावेदार
चौहान की तरह ओबीसी समुदाय के प्रह्लाद पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिमनी के नवनिर्वाचित विधायक नरेंद्र तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, राज्य इकाई के प्रमुख वी डी शर्मा और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे हैं। 2003 के बाद से मध्य प्रदेश में भाजपा के सभी तीन मुख्यमंत्री, अर्थात उमा भारती, बाबूलाल गौर और चौहान, अन्य पिछड़ा वर्ग से रहे हैं। मध्य प्रदेश में ओबीसी की आबादी करीब 48 फीसदी है। पटेल, तोमर, विजयवर्गीय, शर्मा और सिंधिया पहले ही नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार अमित शाह से मुलाकात कर चुके हैं। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष जे.पी.नड्डा से भी मुलाकात की।
तीसरी बार केंद्रीय पर्यवेक्षक भेजे
साल 2004 के बाद से यह तीसरी बार है, जब भाजपा ने मध्य प्रदेश में केंद्रीय पर्यवेक्षक भेजे हैं। अगस्त 2004 में जब उमा भारती ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, तो पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रमोद महाजन और अरुण जेटली को राज्य में केंद्रीय पर्यवेक्षकों के रूप में भेजा गया था। नवंबर 2005 में, जब बाबूलाल गौर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, तो नया मुख्यमंत्री चुनने में विधायकों की मदद करने के लिए राजनाथ सिंह को केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में भेजा गया था। उस वक्त शिवराज सिंह चौहान को विधायक दल का नेता चुना गया था। (Bhasha Inptu)
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