मिशन मध्य प्रदेश: कर्नाटक के बाद कांग्रेस ने फिर कसी कमर, जबलपुर में कल प्रियंका भरेंगी हुंकार
Madhya Pradesh Assembly Election: महाकोशल या जबलपुर संभाग में जबलपुर, कटनी, सिवनी, नरसिंहपुर, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी और छिंदवाड़ा जिले शामिल हैं और इसमें 38 विधानसभा सीटें हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इनमें से 24 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि भाजपा 13 सीटों पर जीत हासिल करने में सफल रही थी।
प्रियंका गांधी
Madhya Pradesh Assembly Election: प्रियंका गांधी वाड्रा साल के अंत में होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के प्रचार अभियान की शुरुआत सोमवार को जबलपुर से नर्मदा तट पर पूजा-अर्चना करने के बाद करेंगी। पार्टी के एक नेता ने यह जानकारी दी। जबलपुर राज्य के महाकोशल क्षेत्र का केन्द्र है और यहां आदिवासी मतदाताओं संख्या बहुत ज्यादा है। 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने आठ जिलों के इस संभाग में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 13 सीटों में से 11 पर जीत हासिल की जबकि शेष दो सीटों पर भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली थी।
जबलपुर के महापौर और कांग्रेस के शहर प्रमुख जगत बहादुर सिंह ने रविवार को बताया, प्रियंका गांधी शनिवार को सुबह करीब 11.15 बजे शहीद स्मारक में एक जनसभा को संबोधित कर पार्टी के चुनाव अभियान और संकल्प 2023 की शुरुआत करेंगी। वह सुबह करीब 10:30 बजे जबलपुर पहुंचेगीं और नर्मदा नदी की पूजा करने के लिए ग्वारीघाट जाएंगी। उन्होंने कहा कि रैली स्थल के रास्ते में प्रियंका मुगलों से लड़के हुए शहीद हुई रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगी। उन्होंने कहा कि रैली में कम से कम दो लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है।
पिछली बार कांग्रेस ने किया था बेहतर प्रदर्शन
महाकोशल क्षेत्र या आठ जिलों वाले जबलपुर संभाग के लोग खुद को भाजपा द्वारा उपेक्षित महसूस करते हैं। हमने इस क्षेत्र में (पिछली बार) अच्छा प्रदर्शन किया था। इस बार चुनाव में हम शानदार प्रदर्शन करने वाले हैं। यह पूछे जाने पर कि उन्होंने पार्टी के प्रचार अभियान के लिए जबलपुर को क्यों चुना, मध्य प्रदेश से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने कहा कि रैली महाकोशल में आयोजित की जा रही है क्योंकि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा इस क्षेत्र से होकर नहीं गुजरी थी।
आदिवासी वोट बैंक पर नजर
महाकोशल क्षेत्र में रैली से पड़ोसी विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्रों में कांग्रेस को मदद मिलेगी। इसके अलावा, महाकोशल में मजबूत सत्ता विरोधी लहर (भाजपा सरकार के खिलाफ) है और कांग्रेस के पारंपरिक आदिवासी मतदाताओं की बड़ी आबादी इस क्षेत्र में रहती है। मध्य प्रदेश भौगोलिक रूप से छह क्षेत्रों... महाकोशल, ग्वालियर-चंबल, मध्य भारत, निमाड़-मालवा, विंध्य और बुंदेलखंड में विभाजित है। महाकोशल या जबलपुर संभाग में जबलपुर, कटनी, सिवनी, नरसिंहपुर, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी और छिंदवाड़ा जिले शामिल हैं और इसमें 38 विधानसभा सीटें हैं।
24 सीटों पर जीती थी कांग्रेस
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इनमें से 24 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि भाजपा 13 सीटों पर जीत हासिल करने में सफल रही थी। एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार के खाते में गई थी। वहीं, 2013 के चुनावों में भाजपा ने 24 सीटें जीतीं और कांग्रेस को सिर्फ 13 सीटों पर जीत मिली थी। 2018 में महाकोशल में जीत के बाद कांग्रेस कमलनाथ के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में सरकार बनाने में सक्षम बनी लेकिन, मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद यह सरकार गिर गई।
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