Maha Kumbh Mela 2025: महाकुंभ में उमड़ रही इतनी भीड़ कि लोग हो रहे लापता, 250 लोग वापस परिवार से मिले

Prayagraj Maha Kumbh Mela 2025: भारी भीड़ का प्रबंधन करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने भीड़-नियंत्रण करने की पहल लागू की है जिसमें 'भुला-भटका' शिविर, पुलिस सहायता केंद्र और मेले के लिए विशेष रूप से निर्मित वॉच टावरों पर कर्मियों की तैनाती शामिल है।

Maha kumbh

महाकुंभ की भीड़ में में खो हो रहे लोग

Maha Kumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में इतनी भीड़ उमड़ रही है कि बड़ी संख्या में लोग लापता हो रहे हैं। पहले दिन ऐसे ही 250 लोग वापस परिवार से आ मिले। अधिकारियों ने कहा कि महाकुंभ 2025 के पहले दिन के शुरुआती घंटों में बड़ी संख्या में लोग अपने परिवारों से बिछड़ गए और मेला प्रशासन ने अपने कुशल इंतजामों से 250 से अधिक लोगों को परिवार वालों से मिलाया। प्रयागराज में महाकुंभ मेले के उद्घाटन दिवस को पौष पूर्णिमा स्नान उत्सव के रूप में मनाया गया जिसके दौरान लाखों श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए पवित्र संगम पर एकत्र हुएथे। कार्यक्रम का समापन 26 फरवरी को होगा।

Kumbh Mela Special Train List 2025

'भुला-भटका' शिविरभारी भीड़ का प्रबंधन करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने भीड़-नियंत्रण करने की पहल लागू की है जिसमें 'भुला-भटका' शिविर, पुलिस सहायता केंद्र और मेले के लिए विशेष रूप से निर्मित वॉच टावरों पर कर्मियों की तैनाती शामिल है। इन शिविरों में खोई हुई महिलाओं और बच्चों के लिए बने अनुभागों के साथ-साथ डिजिटल टूल और सोशल मीडिया सहायता से सुसज्जित 'खोया-पाया' केंद्र भी शामिल हैं।

घाटों के किनारे लगाए गए लाउडस्पीकर लगातार लापता व्यक्तियों के नामों की घोषणा कर रहे हैं, जिससे जल्दी पुनर्मिलन संभव हो रहा है, जबकि पुलिस और नागरिक सुरक्षा कर्मी सक्रिय रूप से तीर्थयात्रियों की सहायता कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश नागरिक सुरक्षा के वार्डन नितेश कुमार द्विवेदी ने पहले दिन किए गए व्यापक प्रयासों पर प्रकाश डाला। द्विवेदी ने बताया, विभाग और मेला अधिकारियों की देखरेख में सैकड़ों परिवारों को फिर से एकजुट किया गया है। केवल पहले डेढ़ घंटे में हमारी नागरिक सुरक्षा टीमें लगभग 200 से 250 लोगों को उनके परिवारों में वापस लाने में कामयाब रहीं।

बिछड़ने का अनुभव साझा किया

दिल्ली से आए तीर्थयात्री अजय गोयल ने एक घंटे तक बिछड़ने का अनुभव साझा किया। गोयल ने मुस्कुराते हुए कहा कि घोषणाओं से बहुत फर्क पड़ा। गोयल ने कहा, अलग होने से ठीक पहले, हमने मजाक किया था कि पुरानी बॉलीवुड फिल्मों में कुंभ मेले में ऐसा अक्सर होता है। सौभाग्य से, हम उसी मेले में फिर से मिले। हालांकि, सभी का भाग्य एक जैसा नहीं था। परिवार के 13 सदस्यों के साथ संगम में डुबकी लगाने पहुंची सुजाता झा ने अपनी व्यथा सुनाई। उन्होंने कहा, दो से तीन घंटे हो गए हैं, और मुझे अभी भी मेरा परिवार नहीं मिला है। मेरे नाम की घोषणा कई बार की गई है, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

उन्होंने एक पुलिस सहायता केंद्र के पास बताया, मेरा सामान, फोन और कपड़े उनके पास हैं। मैं यहां अपने गीले कपड़ों में इंतजार कर रही हूं। ऐसी ही एक कहानी शाहजहांपुर जिले के निगोही की बुजुर्ग महिला ओमवती ने साझा की। उन्होंने कहा, मैं दो अन्य लोगों के साथ आई थी, लेकिन वे मुझसे अलग हो गए। अब मैं बिल्कुल अकेली हूं। इन भावनात्मक अनुभवों के बावजूद प्रशासन की व्यवस्थाओं की तारीफ हो रही है। अजय गोयल ने कहा, घोषणाएं और खोया और पाया केंद्र एक उत्कृष्ट प्रणाली हैं। अधिकारियों से ऐसी त्वरित प्रतिक्रिया देखना बहुत अच्छा है।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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