'महादेव' को लेकर स्मृति ईरानी का भूपेश बघेल पर वार, कांग्रेस का पलटवार

Mahadev Betting App Row: भूपेश बघेल को महादेव सट्टेबाजी ऐप के प्रमोटरों से 508 करोड़ रुपए मिले। ईडी के इस दावे के बाद केद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और कांग्रेस नेताओं में वार पलटवार शुरू हो गया।

Mahadev Betting App Smriti Irani attacks on Bhupesh Baghel

महादेव ऐप को लेकर कांग्रेस-बीजेपी में वार-पलटवार

Mahadev Betting App Row: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दावे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को संकटग्रस्त महादेव सट्टेबाजी ऐप के प्रमोटरों से 508 करोड़ रुपए मिले। उसके बाद सीएम भूपेश बघेल ने खंडन करते कहा कि ससे बड़ा मज़ाक और क्या हो सकता है। अगर आज मैं किसी को पकड़ लूं और उससे पीएम मोदी का नाम लेने को कहूं तो क्या वे (ईडी) पूछताछ करेंगे? इसके एक दिन बाद कांग्रेस और बीजेपी में वार-पलटवार शुरू हो गया। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पूछा कि क्या बघेल अपनी ही सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। महादेव ऐप चर्चा में है क्योंकि हाल ही में दुबई स्थित इस प्लेटफॉर्म के संबंध में कई बॉलीवुड हस्तियों से पूछताछ की गई थी। ईडी ने कहा कि उसने एक वेब बेनामी बैंक खाते और राज्य में चुनाव के लिए कुछ 'बघेल' को दिए गए 508 करोड़ रुपए के फंड से जुड़े एक कबूलनामे का खुलासा किया। स्मृति ईरानी ने कहा कि महादेव ऐप के संबंध में छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में एफआईआर दर्ज की गईं। दोनों ही राज्यों में बीजेपी सत्ता में नहीं है। तो फिर कौन रच रहा है भूपेश बघेल के खिलाफ साजिश? ये मामला कोई ताज़ा नहीं है। एफआईआर 2022 में दर्ज की गई थी और तब से जांच चल रही है। कांग्रेस हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से चुनाव लड़ रही है। स्मृति ईरानी ने कहा कि चुनावी इतिहास में पहले कभी लोगों ने इस तरह के सबूत नहीं देखे थे।
छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के आरोपों पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि जब भी चुनाव होते हैं तो बीजेपी के लिए मुख्य हथियार ED और IT बन जाती है। हमने कर्नाटक चुनाव में देखा कि चुनाव के दौरान ही उन्होंने 100 से ज्यादा कांग्रेस उम्मीदवारों पर रेड की। अब मिजोरम समेत सभी 5 राज्यों में जनता का मूड बिल्कुल साफ है। सभी राज्यों में कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है। उनके पास एक ही हथियार ED है। छत्तीसगढ़ और राजस्थान दोनों में हमारी सरकार लोकप्रिय है और योजनाएं आम लोगों तक पहुंच रही हैं लेकिन उनका एक ही लक्ष्य है, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के मुख्यमंत्री की छवि को नुकसान पहुंचाना है।
बघेल ने ईडी आरोपों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि क्या इससे बड़ा मजाक हो सकता है? अगर आज मैं किसी को पकड़कर पीएम मोदी का नाम लेने के लिए कहूंगा, तो क्या वे (ईडी) उससे पूछताछ करेंगे? किसी की प्रतिष्ठा को धूमिल करना बहुत आसान हो गया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने स्मृति इराई की शनिवार सुबह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जैसे ही बीजेपी सुबह-सुबह ईडी के बचाव में खुलकर सामने आई, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में ईडी और बीजेपी के बीच मिलीभगत साबित हो गई।
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि अगर स्मृति ईरानी के पास सबूत थे तो उन्हें सबके सामने पेश करना चाहिए था। वह आरोप क्यों लगा रही है? अगर उसके पास जानकारी है लेकिन वह इसे प्रकाश में नहीं ला रही है, तो क्या वह भी इसमें एक पक्ष है? यह वही ईडी है जिसके अधिकारियों के घरों में भारी मात्रा में पैसे मिले। हम उम्मीद कर रहे थे कि यह सही होगा। चुनाव से पहले यह अप्रत्याशित नहीं है। जब वे चुनाव हारने वाले हैं तो ऐसी बातें सामने ला रहे हैं। यहां तक कि ईडी की प्रेस विज्ञप्ति में भी कोई तथ्य नहीं है।
ईडी ने कहा कि महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार असीम दास ने कहा कि वह एक कैश कूरियर था और उसे कांग्रेस को बड़ी मात्रा में नकदी पहुंचाने के लिए यूएई के ऐप प्रमोटरों द्वारा भारत भेजा गया था। शुभम सोनी महादेव नेटवर्क के उच्च पदस्थ आरोपियों में से एक है। ईडी ने कहा कि उसे शुभम द्वारा असीम दास को भेजा गया एक ईमेल मिला। जिसमें इस वेब के लिंक को बघेल से जोड़ने का संकेत दिया गया है। अगस्त में इस मामले में गिरफ्तार चंद्रभूषण वर्मा एक असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर है, जिसने दावा किया था कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के एक करीबी दोस्त को हवाला लेनदेन के माध्यम से धन प्राप्त हुआ था।

क्या है महादेव सट्टेबाजी ऐप मामला?

महादेव ऑनलाइन बुक उस सट्टेबाजी साइट का नाम है जो दुबई से भारत में संचालित होती है और लाइव गेम्स, पोकर, क्रिकेट, बैडमिंटन और यहां तक कि चुनावों में अवैध सट्टेबाजी की सुविधा देती है। कई मशहूर हस्तियों ने इस प्लेटफॉर्म का समर्थन किया जबकि यह प्लेटफॉर्म फल-फूल रहा था और बेनामी खातों के माध्यम से धन जुटाने में लगा हुआ था।
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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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