महाकाल कॉरिडोर Exclusive: मोदी युग में हिंदू गौरव का सबसे नया अध्याय, शिव शक्ति के 199 स्वरूप, 199 कहानियां
भारत की सांस्कृतिक राजधानी उज्जैन में पीएम मोदी 11 अक्टूबर को महाकाल कॉरिडोर का उद्घाटन करने जा रहे हैं। इससे पहले यहां देखिए महाकाल की नगरी का नया रूप।
महाकाल कॉरिडोर
न्यूज की पाठशाला में महाकाल की नगरी उज्जैन से महाकाल कॉरिडोर का दर्शन कीजिए। ये भारत की सांस्कृतिक राजधानी रही है लेकिन उस तरह से चर्चा नहीं हुई उस तरह से बताया नहीं गया। कहते हैं उज्जैन पृथ्वी की नाभि पर खड़ा है। जो चीज यहां दिन में देखेंगे वही चीज रात में कैसे दिखेगी रात में और भी खूबसूरत दिन में रात में सब एक साथ यहां देख सकते हैं।
महाकाल कॉरिडोर की लागत 750 करोड़ रुपये है। शिवशक्ति को दर्शाने वाली 199 मूर्तियां स्थापित हैं। मूर्तियों में QR कोड स्कैन करके जानकारी मिलेगी। महाकाल परिसर के रुद्रसागर में अब शिप्रा नदी का जल है। इस कॉरिडोर का लोकार्पण 11 अक्टूबर को पीएम मोदी करेंगे। महाकाल पथ, महाकाल वाटिका, रुद्रसागर तालाब तैयार है। महाकाल कॉरिडोर काशी कॉरिडोर से चार गुना बड़ा है। कारिडोर में रुद्राक्ष, बिल्व और शमी के 18 हजार पौधे है। महाकाल कॉरिडोर 2 हेक्टेयर से बढ़कर 20 हेक्टेयर बन रहा है। महाकाल कॉरिडोर में देश का पहला नाइट गार्डन है। महाकाल कॉरिडोर का पहला फेज पूरा, दूसरा अगले साल पूरा होगा। कॉरिडोर में शिव के190 रूपों का दिव्य दर्शन होंगे।
मुख्य द्वार को नंदी द्वार कहते हैं। उसके बाद इधर पलटेंगे तो आपकी आंखें चकाचौंध होंगी बड़ा सा गेट है। नंदी जी के बाद आपको बड़ा सा त्रिशूल दिखेगा रुद्राक्ष की माला और डमरू। विष्णु जी ने सुदर्शन चक्र दिया 999 कमल चढ़ा दिए तो फिर आपकी आंख चढ़ा दी बहुत शानदार कहानी है। यहां सात ऋषि और बीच में एक आकृति नजर आएगी इससे ऊपर स्तंभ कोई नहीं ये 54 फीट ऊंचा स्तंभ है। पांच मुखी शिव हैं।
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