Mahakal Corridor: जानिए कैसे भगवान शिव का नाम पड़ा महाकाल, क्यों होती है भस्म आरती

Mahakal Corridor: महाकालेश्वर मंदिर देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और यहां साल भर भक्त आते रहते हैं। माना जाता है कि इसके गर्भगृह में स्थित शिवलिंग एक 'स्वयंभू' लिंग है। मान्यता है कि यहां आने के बाद भक्तों की हर मुराद पूरी हो जाती है। यहां की भस्म आरती को देखने के लिए लोग लाइन में घंटों खड़े रह जाते हैं।

जानिए क्यों होती है महाकाल की भस्म आरती (फोटो- @pixabay)

मुख्य बातें
  • महाकाल कॉरिडोर का 11 अक्टूबर को PM मोदी करेंगे उद्घाटन
  • महाकाल कॉरिडोर को दो चरणों में किया गया है तैयार
  • महाकाल कॉरिडोर में लगी हैं 199 मूर्तियां


इस महीने की 11 अक्टूबर को पीएम मोदी महाकाल कॉरिडोर का उद्घाटन करने वाले हैं। जिसके बाद से इस भव्य कॉरिडोर को भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। इस कॉरिडोर को बनाने पर 750 करोड़ का खर्च आया है। आइए जानते हैं कि भगवान शिव का नाम महाकाल कैसे पड़ा और जानिए क्यों होती है महाकाल की भस्म आरती...
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महाकाल नाम कैसे पड़ा
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भगवान शिव को अक्सर महाकाल के नाम से पुकारा जाता है। आप में से कई लोगों ने सोचा होगा कि महाकाल कौन हैं और भगवान शिव को महाकाल क्यों कहा जाता है? भगवान शिव को मृत्यु और काल का देवता कहा जाता है। संस्कृत भाषा में काल का अर्थ है समय और मृत्यु। काल और मृत्यु दोनों को परास्त करने वाला महाकाल कहलाता है। भगवान शिव समय और मृत्यु पर विजय प्राप्त करते हैं, इसलिए उन्हें इस नाम से बुलाया जाता है।
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