Mahakal Corridor: 'महाकाल लोक' में बना है देश का पहला पहला नाइट गार्डन, होंगे महादेव के अद्भुत रूपों के दर्शन

Mahakal Corridor: मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में नवनिर्मित महाकाल कॉरिडोर पुरानी रुद्रसागर झील के पास है, जिसे प्राचीन महाकालेश्वर मंदिर के आसपास पुनर्विकास परियोजना के हिस्से के रूप में भी पुनर्जीवित किया गया है। महाकाल कॉरिडोर में देश का पहला नाइट गार्डन भी बनाया गया है जो कई खूबियों से लैस है।

Mahakal Corridor

भारत में अब तक निर्मित ऐसे सबसे बड़े गलियारों में से एक है 'महाकाल लोक'

मुख्य बातें
  • महाकाल कॉरिडोर में बना है देश का पहला नाइट गार्डन
  • भारत में अब तक निर्मित ऐसे सबसे बड़े गलियारों में से एक है 'महाकाल लोक'
  • भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है महाकालेश्वर मंदिर
Mahakal Corridor: महाकाल के शहर उज्जैन (Ujjain) में शिवराज सरकार (Shivraj Singh) की महत्वाकांक्षी परियोजना के रूप में महाकाल कॉरिडोर का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। पौराणिक सरोवर रुद्रसागर के किनारे बने इस कॉरिडोर के बनने के बाद महाकाल मंदिर (Mahakal Mandir) पहले से ज्यादा भव्य नजर आ रहा है। महाकाल कॉरिडोर के शुरू होने के बाद यहां पर्यटकों की संख्या में भारी इजाफा होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) 11 अक्टूबर यानि मंगलवार को इस भव्य कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे। उज्जैन में बना 900 मीटर से अधिक लंबा कॉरिडोर- 'महाकाल लोक' - भारत में अब तक निर्मित ऐसे सबसे बड़े गलियारों में से एक है।

काशी से चार गुना बड़ा है कॉरीडोर

जैसे आप कॉरीडोर में प्रवेश करेंगे तो दो राजसी प्रवेश द्वार- नंदी द्वार और पिनाकी द्वार आपको नजर आएंगे। यहां आपको बलुआ पत्थरों से बने जटिल नक्काशीदार 108 अलंकृत स्तंभों की एक आलीशान स्तम्भावली, फव्वारों और शिव पुराण की कहानियों को दर्शाने वाले 50 से अधिक भित्ति-चित्रों की एक श्रृंखला नजर आएगी। मध्य प्रदेश के सबसे बड़े तीर्थ स्थलों में से एक उज्जैन के इस कॉरिडोर के बनने के बाद महाकाल मंदिर परिसर दस गुना बड़ा हो गया है। पहले यह केवल 2 हेक्टेयर में फैला था लेकिन अब यह 20 हेक्टेयर में फैल गया है। उत्तर प्रदेश का काशी विश्वनाथ कॉरिडोर 5 एकड़ में बना है, यानी महाकाल कॉरिडोर उससे 4 गुना बड़ा है। इस कॉरीडोर की कई विशेषताएं हैं जिसमें धार्मिक मान्यताओं से जुड़ी करीब 200 मूर्तियां और भित्ती चित्र सजावट के रूप में सजाए गए हैं। कई भव्य और विशाल प्रतिमाओं से सुसज्जित इस कॉरीडोर में देश का पहला नाइट गार्डन भी बनाया गया है।

देश का पहला नाइट गार्डन

नाइट गार्डन में महाकाल के भक्त भगवान शिव से जुड़ी कथाओं/दंतकथाओं के बारे में जान सकेंगे। इसके अलावा यहां त्रिपुरासुर वध, कमल ताल में भगवान शिव की मूर्ति, शिव तांडव, सप्त ऋषि, नवग्रह मंडल की विभिन्न भाग-भंगिमाओं की प्रतिमाएं और नंदी की मूर्तियां दिखेंगी। रूद्रसागर तालाब की लहरों पर म्यूजिकल फाउंटेन और वाटर स्क्रीन शो का आयोजन होगा जिसमें पानी की लहरों में आपको महाकाल औऱ सिंहस्थ से जुड़ी फिल्में देखने को मिलेगी। महाकाल कॉरीडोर में 24 भवन भी बनाए गए हैं जिसमें तमाम तरह की सुविधाएं मौजूद हैं। यहां दिन और रात के हिसाब से खास तरह की रंग बदलती लाइटें लगाई गई हैं।

झील को मिला नया जीवन

महाकाल गलियारा परियोजना से रुद्रसागर झील को ‘‘नया जीवन’’ मिला है। इसमें (रुद्रसागर) पानी के बारहमासी प्रवाह को बनाए रखने के लिए झील को क्षिप्रा नदी से जोड़ा गया है। पहले रुद्रसागर झील लगभग गंदे नाले में तब्दील हो गई थी। लेकिन महाकॉल कॉरीडोर निर्माण के दौरान उचित सीवर नेटवर्क तैयार किया और इसे इसमें गिरने वाले गंदे पानी से मुक्त किया। एक तरफ नया महाकाल गलियारा है और दूसरी तरफ झील के किनारे को विकसित करने से, न केवल प्राचीन मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी बल्कि उज्जैन में पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा होगा।
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किशोर जोशी author

राजनीति में विशेष दिलचस्पी रखने वाले किशोर जोशी को और खेल के साथ-साथ संगीत से भी विशेष लगाव है। यह टाइम्स नाउ हिंदी डिजिटल में नेशनल डेस्क पर कार्यरत ...और देखें

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