Mahakal Lok corridor: आंधी की चपेट में आया महाकाल लोक कॉरिडोर, गलियारे की 6 देव प्रतिमाएं गिरकर टूटीं
Mahakal Lok corridor News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2022 को उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर स्थित महाकाल लोक कॉरिडोर का उद्घाटन किया। यह कॉरिडोर भव्य एवं दिव्य है। इसकी लंबाई करीब 900 मीटर है। भारत में यह अपनी तरह का अनोखा कॉरिडोर है। इसका निर्माण पुराने रुद्रसागर झील के पास हुआ है।
महाकाल लोक गलियारे की छह प्रतिमाएं टूटीं।
Mahakal Lok corridor : मध्य प्रदेश में रविवार दोपहर बाद आए भीषण आंधी-तूफान ने उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में भारी तबाही मचाई। इस तूफान की चपेट में महाकालेश्वर मंदिर का कॉरिडोर आ गया। सबसे ज्यादा नुकसान कॉरिडोर की सप्त ऋषि प्रतिमाओं को पहुंचा। महाकाल लोक कॉरिडोर की छह मूर्तियां गिरकर क्षतिग्रस्त हो गईं। रिपोर्टों के मुताबिक कई मूर्तियों के हाथ एवं सिर टूट गए। रविवार को कॉरिडोर को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक भी पहुंचे थे लेकिन किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
2022 में पीएम ने किया कॉरिडोर का उद्घाटन
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2022 को उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर स्थित महाकाल लोक कॉरिडोर का उद्घाटन किया। यह कॉरिडोर भव्य एवं दिव्य है। इसकी लंबाई करीब 900 मीटर है। भारत में यह अपनी तरह का अनोखा कॉरिडोर है। इसका निर्माण पुराने रुद्रसागर झील के पास हुआ है। इस कॉरिडोर में अलग-अलग मुद्राओं वाली भगवान शिव की 200 मूर्तियां हैं।
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है यह मंदिर
इस कॉरिडोर के निर्माण में करीब 850 करोड़ रुपए की लागत आई है। कॉरिडोर का निर्माण होने के बाद से भारी संख्या में श्रद्धालु इसे देखने के लिए पहुंच रहे हैं। महाकालेश्वर मंदर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और इसकी आध्यत्मिक एवं सांस्कृतिक महत्ता बहुत ज्यादा है।
नई मूर्तियां लगाएगा ठेकेदार-जिलाधिकारी
उज्जैन के जिलाधिकारी कुमार पुरुषोत्तम ने बताया, ‘श्री महाकाल लोक गलियारे में 160 मूर्तियां हैं, जिनमें से आज दोपहर आयी तेज आंधी से छह मूर्तियां गिरकर टूट गईं। ये टूटी मूर्तियां वहां स्थापित किए गए सात सप्त ऋषियों में से हैं और करीब 10 फीट ऊंची थी। ठेकेदार नई मूर्तियां लगाएंगे, क्योंकि पांच साल तक की देखरेख का जिम्मा भी उनका ही है। हम आगे के लिए भी नियम और सख्त कर रहे हैं और उनकी जवाबदारी तय करने वाले हैं।’ पुरुषोत्तम ने स्पष्ट किया, ‘ये गिरकर टूटी हुई मूर्तियां महाकाल मंदिर के अंदर नहीं थीं। वे ‘श्री महाकाल लोक’ गलियारे में थीं।’
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आलोक कुमार राव author
करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने...और देखें
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