कभी उज्जैन से तय होता था घड़ी का टाइम,आपकी कुंडली से लेकर खगोल शास्त्र तक का है नाता

Mahakaleshwar Temple and Ujjain Observatory: उज्जैन का कर्क रेखा के हिसाब से महत्व इसलिए है क्योंकि ऑब्जर्वेशन जितना सीधा होगा,सटीकता उतनी ज्यादा होगी। इसी कारण प्राचीन समय से खगोलविदों का नाता उज्जैन से बना हुआ है। इसी कारण देश की पहली वेधशाला उज्जैन में बनीं। जिसे जयपुर के महाराजा सवाई राजा जयसिंह ने बनवाया था।

मुख्य बातें
  • उज्जैन के नजदीक से कर्क रेखा गुजरती है। प्राचीन समय में जो देशांतर उज्जैन से गुजरता है, उसका आज के दौर के ग्रीनविच जैसा महत्व था।
  • आधुनिक समय में टाइम का निर्धारण ग्रीनविच लाइन से किया जाता है। जिसे साल 1884 में मान्यता मिली।
  • उज्जैन की स्थिति ऐसी है जिस कारण खगोलीय गणना हमेशा सटीक होती है।
Mahakaleshwar Temple and Ujjain Observatory: महाकाल की नगरी उज्जैन अब नए रूप में नजर आने वाली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को महाकाल कॉरिडोर का उद्घाटन करने वाले हैं। भगवान शिव की नगरी उज्जैन न केवल महाकाल मंदिर के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। बल्कि अपने विशेष लोकेशन के लिए दुनियाभर में ख्याति रखती है। आज के समय जिस तरह पूरी दुनिया में समय की गणना के लिए ग्रीनविच लाइन का महत्व था। ठीक उसी तरह प्राचीन काल में उज्जैन से ही एक बड़े हिस्से के समय का निर्धारण किया जाता था। यानी उज्जैन से ही प्राचीन काल की ग्रीनविच लाइन गुजरती थी। और अपनी खास भौगोलिक स्थिति के कारण ही खगोल शास्त्र में उज्जैन का बेहद महत्व बना हुआ है।
संबंधित खबरें
क्यों खास है लोकेशन
संबंधित खबरें
उज्जैन की लोकेशन और खगोल शास्त्र में उसके महत्व पर, उज्जैन स्थित शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ राजेन्द्र प्रकाश गुप्त ने टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल से बात की है। राजेन्द्र प्रकाश गुप्त के अनुसार 'उज्जैन के नजदीक से कर्क रेखा गुजरती है। और प्राचीन समय में जो देशांतर उज्जैन गुजरता है, उसका आज के दौर के ग्रीनविच जैसा महत्व था। इसीलिए पुराने समय में उज्जैन के देशांतर के साथ टाइम का निर्धारण किया जाता था। इसीलिए उज्जैन प्राचीन समय से कालगणना का महत्वपूर्ण केंद्र रहा है।'
संबंधित खबरें
End Of Feed