चाचा-भतीजे की लड़ाई में किसे मिलेगा NCP का चुनाव चिन्ह? जानें शरद, अजित में कौन कितना पावरफुल
Battle For NCP Election Symbol: महाराष्ट्र की सियासत में अजित पवार और शरद पवार की सियासी लड़ाई जारी है। पार्टी के नाम, चुनाव चिन्ह विवाद पर राकांपा गुटों की याचिकाओं पर चुनाव आयोग सुनवाई करेगा। चाचा-भतीजे की इस जंग में कौन कितना मजबूत है आपको इस रिपोर्ट में समझाते हैं। फिलहाल अजित पवार महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री हैं।
शरद पवार या अजित पवार, किसे मिलेगा एनसीपी का असल अधिकार?
Maharashtra Chacha Bhatija Controversy: महाराष्ट्र में चाचा-भतीजे की सियासी जंग जारी है। भारतीय चुनाव आयोग शुक्रवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के दोनों गुटों की याचिका पर सुनवाई करेगा। इस याचिका में पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर दावे किए गए हैं। एनसीपी के एक गुट का नेतृत्व शरद पवार और दूसरे का नेतृत्व महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार कर रहे हैं। अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट और पार्टी सुप्रीमो शरद पवार के बीच झगड़े के बीच जुलाई की शुरुआत में अजित पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और पार्टी के चुनाव चिन्ह पर दावा करते हुए चुनाव आयोग से संपर्क किया था।
ECI के समक्ष होनी है मामले की पहली सुनवाई
चुनाव आयोग ने पार्टी के दोनों गुटों को पत्र लिखकर विभाजन को स्वीकार किया और शरद पवार और अजित पवार दोनों को मतदान निकाय (Polling Body) को सौंपे गए दस्तावेजों को एक-दूसरे के साथ साझा करने का निर्देश दिया। आज ECI के समक्ष मामले की पहली सुनवाई होनी है। आयोग ने जुलाई में अजित पवार गुट द्वारा दायर याचिका के बाद शरद पवार के नेतृत्व वाले राकांपा समूह को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था। याचिका में दावा किया गया कि अजित पवार को राकांपा अध्यक्ष घोषित किया जाना चाहिए और उन्हें चुनाव चिन्ह (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश, 1968 के प्रावधानों के अनुसार पार्टी का प्रतीक आवंटित किया जाना चाहिए।
क्या सचमुच NCP में नहीं है कोई अंदरूनी विवाद?
एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि पार्टी में कोई अंदरूनी विवाद नहीं है। सुले ने आगे कहा कि पार्टी की स्थापना वरिष्ठ नेता शरद पवार ने की थी और जाहिर है कि चुनाव चिन्ह उनके पास ही रहना चाहिए। "एनसीपी में कोई लड़ाई नहीं है, पार्टी की स्थापना 25 साल पहले शरद पवार ने की थी। कश्मीर से कन्याकुमारी तक, हर कोई जानता है कि एनसीपी का मतलब शरद पवार है। एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार हैं, और महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल हैं।" सुप्रिया सुले ने नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "इसके (चिन्ह) जाने का कोई सवाल ही नहीं है। पार्टी शरद पवार ने बनाई थी, इसलिए यह चिन्ह उनके पास ही रहना चाहिए, यह स्पष्ट है।"
चुनाव आयोग के फैसले को स्वीकार करेंगे अजित पवार
अजित पवार ने कहा था कि वह चुनाव आयोग के अंतिम फैसले को स्वीकार करेंगे। उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग अंतिम फैसला देगा, तारीखें मिलने के बाद दोनों पक्षों का प्रतिनिधित्व चुनाव आयोग के समक्ष किया जाएगा। उसके बाद जो अंतिम फैसला आएगा, मैं उसे स्वीकार करूंगा।" अजित पवार ने 30 जून को चुनाव आयोग के समक्ष याचिका दायर की थी और जब उन्होंने 2 जुलाई को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, तो उनका नोटिस 5 जुलाई को चुनाव आयोग के कार्यालय में पहुंचा। अजित पवार ने अपने दावे के समर्थन में सांसदों, विधायकों और एमएलसी के हलफनामों के साथ याचिका दायर की थी।
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