महाराष्ट्र: सरकारी योजना के प्रचार में सामने आई लापता पिता की तस्वीर, बेटा पहुंचा पुलिस के पास
Maharashtra News: मामला महाराष्ट्र सरकार की मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना से जुड़ा हुआ है। योजना के सरकारी विज्ञापन पर छपी एक तस्वीर को लेकर एक व्यक्ति ने दावा किया है कि वह उसके पिता हैं, जो तीन साल से लापता हैं। व्यक्ति ने पुणे पुलिस के समक्ष प्राथमिकी भी दर्ज कराई है।
लापता पिता की तस्वीर सामने आने के बाद बेटे ने दर्ज कराई प्राथमिकी।
Maharashtra News: महाराष्ट्र से एक अलग तरह का मामला सामने आया है। यहां सरकारी योजना के प्रचार के लिए जारी विज्ञापन में एक बेटे को अपने लापता पिता की तस्वीर दिख गई। इसके बाद बेटा अपने पिता को खोजते हुए पुलिस के पास पहुंचा है। मामला महाराष्ट्र सरकार की मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना से जुड़ा हुआ है। जानकारी के मुताबिक, इस योजना के सरकारी पोस्टर को सत्तारूढ़ शिवसेना ने अपने सोशल मीडिया मंच पर साझा किया है। इसके बाद एक व्यक्ति ने पुणे पुलिस से संपर्क कर दावा किया है कि पोस्टर में दिख रहा व्यक्ति उसका पिता है जो तीन साल से लापता है।
शिक्रापुर निवासी भरत ताम्बे ने कहा कि पुलिस और राज्य सरकार को इंस्टाग्राम पर जारी विज्ञापन की विस्तृत जांच करनी चाहिए और पता लगाना चाहिए कि किन परिस्थितियों में उनके पिता 68 वर्षीय ज्ञानेश्वर तात्बे की तस्वीर खींची गई ताकि उनका पता लगाकर परिवार से मिलाया जा सके।
तस्वीर सामने आने के बाद दर्ज कराई प्राथमिकी
एक भोजनालय के मालिक भरत ताम्बे ने सोमवार को कहा, मेरे एक मित्र ने विज्ञापन के बारे में बताया और स्क्रीनशॉट भेजा। मेरे पिता पिछले तीन साल से लापता हैं। मैंने उनके लापता होने की प्राथमिकी शिक्रापुर थाना में दर्ज कराई है। अधिकारियों और राज्य सरकार को मेरे पिता का पता लगाना चाहिए। जिस सोशल मीडिया पोस्ट में मेरे पिता की तस्वीर दिखाई दी थी उसे अब हटा लिया गया है। उन्होंने कहा, हमने शुरुआत में शिकायत दर्ज नहीं कराई थी क्योंकि मेरे पिता की आदत बिना बताए रिश्तेदारों के घर जाने की थी। वह कुछ दिनों में लौट आते थे। संभव है कि यह तस्वीर अलांडी से पंढरपुर तक की वाडी (भगवान विट्ठल श्रद्धालु पैदल यात्रा) में ली गई हो।
पुलिस ने शुरू की जांच
शिक्रापुर पुलिस थाने के वरिष्ठ निरीक्षक दीपरत्न गायकवाड ने कहा कि लापता होने की शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद ज्ञानेश्वर ताम्बे का पता लगाने के लिए दो टीम बनाई गई है। गायकवाड ने कहा, हम पंढरपुर और अलांडी में ध्यान केंद्रित कर रहे हैं क्योंकि परिवार ने आशंका जताई है कि तस्वीर वाडी के दौरान ली गई हो सकती है। हम और सुराग के लिए यह भी जांच कर रहे हैं कि तस्वीर विज्ञापन में कैसे आई।
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